Story Title*: Padosan chud gayi sasur se
Your Name*: XYZ
Your Email Address*: Fuckup@inbox.com
Your Story*: आज जो कहानी मैं आप सबके
लिए लेकर आया हूँ उसमें मैं
शरीक नहीं हूँ पर यह मेरी
आँखों देखी चुदाई की घटना है।
मैं तो अपनी ही मस्ती में रहता
था। अड़ोस-पड़ोस की बातों पर मैं
कभी गौर नहीं करता था पर तभी
मुझे कुछ ऐसा पता लगा कि यह
कहानी बन गई।
प्रियंका चौधरी नाम है उसका।
उम्र यहीकोई चौबीस पच्चीस के
आस पास। शादी को चार साल हो
चुके है प्रियंका की। एक
बच्चे की माँ है वो ! जब वो शादी
करके ससुराल आई थी तो उसका बदन
किसी कमसिन कली जैसा नाजुक सा
था पर अब जब से वो माँ बनी है
उसका शरीर कुछ भर सा गया है तो
मस्त माल बन गई है प्रियंका।
अब आती है कहानी की बात...
प्रियंका का घर मेरे घर के
बिल्कुल सामने ही है। उस दिन
दोपहर में मैं छत पर किसी काम
से गया तो मुझे प्रियंका के घर
में कुछ हलचल सी महसूस हुई।
तभी प्रियंका के घर से उसके
चिल्लाने की आवाज आई। मैंने
उसके चिल्लाने पर ज्यादा
ध्यान नहीं दिया क्यूंकि उसके
घर में तो अक्सर झगड़ा होता
रहता था।
पर उसी शाम को मेरे कॉलोनी के
ही एक लड़के ने मुझे कुछ ऐसा
बताया कि मैं समझही नहीं पाया
कि यह सच है या झूठ।
उसने मुझे बताया था कि
प्रियंका के ससुर राम सिंह
चौधरी ने प्रियंका के चुच्चे
मसल दिए थे इसीलिए प्रियंका
दिन में चिल्ला रही थी।
"चुचे मसल दिए थे? और वो भी उसके
ससुर ने...?"
मैं विश्वास नहीं कर पा रहा
था। मैंने उसकी बात को मजाक
समझ कर नजरंदाज कर दिया। पर
उसकी बात सुन कर मेरे अंदर
सचजानने की बेचैनी बढ़ गई थी।
प्रियंका का पति अक्सर हफ्तों
के लिए घर से बाहररहता था तो
मुझे लगा कि बात सच भी हो सकती
है।
अब तो मेरी नजर हर समय
प्रियंका के घर पर लगी रहती।
रविवार के दिन जब घर पर होता तो
सारा दिन बस इसी काम पर लगा
रहता। करीब पन्द्रह दिन हो गए
थे नजर रखते हुए पर अभी तक कुछ
नजर नहीं आया था। एक फायदा
जरूर हो गया था कि प्रियंका से
मेरी नजरें चार होने लगी थी।
वो शायद यह समझ रही थी कि मैं
उसको पटाने के मूड में हूँ पर
उसे क्या पता था कि मेरा इरादा
क्या है।
उस दिन भी रविवार था, मैं सुबह
सुबह ही कुछ लेने के बहाने से
उनके घर गया तो पता लगा कि घर
में आज सिर्फ प्रियंका और
उसका ससुर ही है। उसकी सास
उसके देवर को लेकर किसी
रिश्तेदारी में गई थी और पति
तो पहले से ही बाहर गया हुआ था।
मुझे एहसास हुआ कि आज कुछ ना
कुछ देखने को मिल सकता है।
गर्मियों के दिन थे तो दोपहर
के समय कॉलोनी की गलियाँ खाली
पड़ी थी। हमारा घर भी एक बंद गली
में है तो उसमे वैसे भी लोगों
का आना जाना ना के बराबर ही
होता है। मेरे कान और आँख
दोनों प्रियंका के घर पर ही
लगे थे। करीब दो बजे मुझे
प्रियंका के जोर जोर से बोलने
की आवाज आई तो मैं सतर्क हो
गया।
मैं अपने घर से निकला और
प्रियंका के घर की खिड़की के
पास जाकर खड़ा हो गया।
"पापा जी... कुछ तो शर्म करो... बहू
हूँ मैं तुम्हारी..."
"बहु जो मर्जी कह पर अब मुझ से
नहीं रुका जाता... जब से तेरी
जवानी देखी है मेरे लण्ड में
दुबारा से मस्ती चढ़ने लगी है।"
"बुड्ढे कुछ तो शर्म कर...
ज्यादा आग लगी है तो अपनी औरत
के पास जा... मुझे क्यों खराब
करने पर तुला है?"
"बस एक बार बहू... सारी उम्र तेरी
गुलामी करूँगा..."
"आह्ह... पापा जी छोड़ो मुझे... आह
चूची छोड़ो मेरी... दर्द हो रहा
है.... उईई माँ...बहनचोद छोड़ मुझे
!"
मैं समझ गया था कि बुड्ढा पूरी
रौनक में है और आज तो वो
प्रियंका की चूत फाड़ कर ही
मानेगा। अंदर की आवाजें सुन
कर मेरी बेचैनी बढ़ गई थी। अब तो
मैं यह देखने को बेचैन था कि
आखिर कमरे में होक्या रहा है।
मैं अंदर झाँकने के लिए जगह
ढूँढ रहा था। तभी मुझे ध्यान
आया कि प्रियंका के घर के
पिछली तरफ खाली प्लाट है और उस
तरफ की दीवार भी बहुत नीची है।
मैं दौड़ कर उधर गया। पर नजर फिर
भी कुछ नहीं आया। मेरी बेचैनी
बढ़ती जा रही थी।
आखिर में मैंने थोड़ा खतरा मोल
लेने का मन बना लिया और फिर
बिना देर किये मैं दीवार फ़ांद
कर प्रियंका के घर के अंदर घुस
गया। दबे पाँव मैं उस कमरे के
दरवाजे पर पहुँच गया जिसमें
से उन दोनों की आवाजें आ रही
थी।
"पापा जी मत करो ऐसा... अगर
तुम्हारे बेटे को पता लग गया
तो सोच लो वो तुम्हारी क्या
हालत करेगा !"
"प्रियंका अब कुछ मत बोल बेटा...
अब मैं नहीं रुक सकता..."
"आह्हह्ह !" प्रियंका की बड़ी सी
आह सुनकर मैं समझ गया कि
बुड्ढा कुछ कर रहा है। मैंने
कमरे के अंदर झाँका तो मेरा
लण्ड जो पहले से ही खड़ा हो चुका
था, फटने को हो गया। मैंने देखा
कि बुड्ढा नीचे से बिलकुल
नंगा होकर अपनालण्ड सहला सहला
कर खड़ा कर रहा था।प्रियंका
बेड पर बैठी हुई थी और रो रही
थी। रामसिंह बीच बीच में उसकी
चूची को पकड़ कर मसलता तो वो
छटपटा उठतीथी।
मुझे प्रियंका का ऐसे बेड पर
बैठे रहना अजीब लग रहा था
क्यूंकि अगर प्रियंका
चुदवाना नहीं चाहती थी तो
वोबेड पर इतने आराम से कैसे
बैठी थी। वो उठ कर बाहर क्यों
नहीं आ रही थी या क्यों नहीं वो
बूढ़े का ज्यादा विरोध कर रही
थी। दाल में कुछ काला जरूर था।
तभी राम सिंह ने प्रियंका का
हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखा।
प्रियंका ने एक बार तो हाथ
पीछे खींच लिया पर जब राम सिंह
ने दुबारा उसका हाथ पकड़ कर
लण्ड पर रखा तो वो रोते हुए राम
सिंह का लण्ड सहलाने लगी। राम
सिंह अब आँखें बंद करके आहें
भर रहा था।
कुछ देर बाद राम सिंह ने
प्रियंका को लण्ड चाटने के
लिए कहा तो प्रियंका ने मना कर
दिया। राम सिंह ने जबरदस्ती
लण्ड मुँह में घुसाया तो
प्रियंका ने मुँह झटक कर लण्ड
बाहर निकाल दिया।
राम सिंह थोड़ा नाराज हुआ और
फिर वो प्रियंका के कपड़े
उतारने लगा। नजारा बहुत मस्त
तैयार हो रहा था तो मैंने झटसे
मोबाइल निकाला और उनकी मूवी
बनाने लगा। प्रियंका थोड़ा
विरोध कर रही थी पर राम सिंह ने
कुछ ही देर में प्रियंका को
नंगा कर दिया।
प्रियंका का नंगा बदन देख कर
मेरी हालत खराब होने लगी थी।
दिल कर रहा था कि अभी कमरे में
घुस जाऊँ और बूढ़े की गाण्ड पर
लात मार कर बाहर निकाल दूँ
औरखुद ही चोद डालूं उस मदमस्त
जवानी को।
Your Name*: XYZ
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Your Story*: आज जो कहानी मैं आप सबके
लिए लेकर आया हूँ उसमें मैं
शरीक नहीं हूँ पर यह मेरी
आँखों देखी चुदाई की घटना है।
मैं तो अपनी ही मस्ती में रहता
था। अड़ोस-पड़ोस की बातों पर मैं
कभी गौर नहीं करता था पर तभी
मुझे कुछ ऐसा पता लगा कि यह
कहानी बन गई।
प्रियंका चौधरी नाम है उसका।
उम्र यहीकोई चौबीस पच्चीस के
आस पास। शादी को चार साल हो
चुके है प्रियंका की। एक
बच्चे की माँ है वो ! जब वो शादी
करके ससुराल आई थी तो उसका बदन
किसी कमसिन कली जैसा नाजुक सा
था पर अब जब से वो माँ बनी है
उसका शरीर कुछ भर सा गया है तो
मस्त माल बन गई है प्रियंका।
अब आती है कहानी की बात...
प्रियंका का घर मेरे घर के
बिल्कुल सामने ही है। उस दिन
दोपहर में मैं छत पर किसी काम
से गया तो मुझे प्रियंका के घर
में कुछ हलचल सी महसूस हुई।
तभी प्रियंका के घर से उसके
चिल्लाने की आवाज आई। मैंने
उसके चिल्लाने पर ज्यादा
ध्यान नहीं दिया क्यूंकि उसके
घर में तो अक्सर झगड़ा होता
रहता था।
पर उसी शाम को मेरे कॉलोनी के
ही एक लड़के ने मुझे कुछ ऐसा
बताया कि मैं समझही नहीं पाया
कि यह सच है या झूठ।
उसने मुझे बताया था कि
प्रियंका के ससुर राम सिंह
चौधरी ने प्रियंका के चुच्चे
मसल दिए थे इसीलिए प्रियंका
दिन में चिल्ला रही थी।
"चुचे मसल दिए थे? और वो भी उसके
ससुर ने...?"
मैं विश्वास नहीं कर पा रहा
था। मैंने उसकी बात को मजाक
समझ कर नजरंदाज कर दिया। पर
उसकी बात सुन कर मेरे अंदर
सचजानने की बेचैनी बढ़ गई थी।
प्रियंका का पति अक्सर हफ्तों
के लिए घर से बाहररहता था तो
मुझे लगा कि बात सच भी हो सकती
है।
अब तो मेरी नजर हर समय
प्रियंका के घर पर लगी रहती।
रविवार के दिन जब घर पर होता तो
सारा दिन बस इसी काम पर लगा
रहता। करीब पन्द्रह दिन हो गए
थे नजर रखते हुए पर अभी तक कुछ
नजर नहीं आया था। एक फायदा
जरूर हो गया था कि प्रियंका से
मेरी नजरें चार होने लगी थी।
वो शायद यह समझ रही थी कि मैं
उसको पटाने के मूड में हूँ पर
उसे क्या पता था कि मेरा इरादा
क्या है।
उस दिन भी रविवार था, मैं सुबह
सुबह ही कुछ लेने के बहाने से
उनके घर गया तो पता लगा कि घर
में आज सिर्फ प्रियंका और
उसका ससुर ही है। उसकी सास
उसके देवर को लेकर किसी
रिश्तेदारी में गई थी और पति
तो पहले से ही बाहर गया हुआ था।
मुझे एहसास हुआ कि आज कुछ ना
कुछ देखने को मिल सकता है।
गर्मियों के दिन थे तो दोपहर
के समय कॉलोनी की गलियाँ खाली
पड़ी थी। हमारा घर भी एक बंद गली
में है तो उसमे वैसे भी लोगों
का आना जाना ना के बराबर ही
होता है। मेरे कान और आँख
दोनों प्रियंका के घर पर ही
लगे थे। करीब दो बजे मुझे
प्रियंका के जोर जोर से बोलने
की आवाज आई तो मैं सतर्क हो
गया।
मैं अपने घर से निकला और
प्रियंका के घर की खिड़की के
पास जाकर खड़ा हो गया।
"पापा जी... कुछ तो शर्म करो... बहू
हूँ मैं तुम्हारी..."
"बहु जो मर्जी कह पर अब मुझ से
नहीं रुका जाता... जब से तेरी
जवानी देखी है मेरे लण्ड में
दुबारा से मस्ती चढ़ने लगी है।"
"बुड्ढे कुछ तो शर्म कर...
ज्यादा आग लगी है तो अपनी औरत
के पास जा... मुझे क्यों खराब
करने पर तुला है?"
"बस एक बार बहू... सारी उम्र तेरी
गुलामी करूँगा..."
"आह्ह... पापा जी छोड़ो मुझे... आह
चूची छोड़ो मेरी... दर्द हो रहा
है.... उईई माँ...बहनचोद छोड़ मुझे
!"
मैं समझ गया था कि बुड्ढा पूरी
रौनक में है और आज तो वो
प्रियंका की चूत फाड़ कर ही
मानेगा। अंदर की आवाजें सुन
कर मेरी बेचैनी बढ़ गई थी। अब तो
मैं यह देखने को बेचैन था कि
आखिर कमरे में होक्या रहा है।
मैं अंदर झाँकने के लिए जगह
ढूँढ रहा था। तभी मुझे ध्यान
आया कि प्रियंका के घर के
पिछली तरफ खाली प्लाट है और उस
तरफ की दीवार भी बहुत नीची है।
मैं दौड़ कर उधर गया। पर नजर फिर
भी कुछ नहीं आया। मेरी बेचैनी
बढ़ती जा रही थी।
आखिर में मैंने थोड़ा खतरा मोल
लेने का मन बना लिया और फिर
बिना देर किये मैं दीवार फ़ांद
कर प्रियंका के घर के अंदर घुस
गया। दबे पाँव मैं उस कमरे के
दरवाजे पर पहुँच गया जिसमें
से उन दोनों की आवाजें आ रही
थी।
"पापा जी मत करो ऐसा... अगर
तुम्हारे बेटे को पता लग गया
तो सोच लो वो तुम्हारी क्या
हालत करेगा !"
"प्रियंका अब कुछ मत बोल बेटा...
अब मैं नहीं रुक सकता..."
"आह्हह्ह !" प्रियंका की बड़ी सी
आह सुनकर मैं समझ गया कि
बुड्ढा कुछ कर रहा है। मैंने
कमरे के अंदर झाँका तो मेरा
लण्ड जो पहले से ही खड़ा हो चुका
था, फटने को हो गया। मैंने देखा
कि बुड्ढा नीचे से बिलकुल
नंगा होकर अपनालण्ड सहला सहला
कर खड़ा कर रहा था।प्रियंका
बेड पर बैठी हुई थी और रो रही
थी। रामसिंह बीच बीच में उसकी
चूची को पकड़ कर मसलता तो वो
छटपटा उठतीथी।
मुझे प्रियंका का ऐसे बेड पर
बैठे रहना अजीब लग रहा था
क्यूंकि अगर प्रियंका
चुदवाना नहीं चाहती थी तो
वोबेड पर इतने आराम से कैसे
बैठी थी। वो उठ कर बाहर क्यों
नहीं आ रही थी या क्यों नहीं वो
बूढ़े का ज्यादा विरोध कर रही
थी। दाल में कुछ काला जरूर था।
तभी राम सिंह ने प्रियंका का
हाथ पकड़ कर अपने लण्ड पर रखा।
प्रियंका ने एक बार तो हाथ
पीछे खींच लिया पर जब राम सिंह
ने दुबारा उसका हाथ पकड़ कर
लण्ड पर रखा तो वो रोते हुए राम
सिंह का लण्ड सहलाने लगी। राम
सिंह अब आँखें बंद करके आहें
भर रहा था।
कुछ देर बाद राम सिंह ने
प्रियंका को लण्ड चाटने के
लिए कहा तो प्रियंका ने मना कर
दिया। राम सिंह ने जबरदस्ती
लण्ड मुँह में घुसाया तो
प्रियंका ने मुँह झटक कर लण्ड
बाहर निकाल दिया।
राम सिंह थोड़ा नाराज हुआ और
फिर वो प्रियंका के कपड़े
उतारने लगा। नजारा बहुत मस्त
तैयार हो रहा था तो मैंने झटसे
मोबाइल निकाला और उनकी मूवी
बनाने लगा। प्रियंका थोड़ा
विरोध कर रही थी पर राम सिंह ने
कुछ ही देर में प्रियंका को
नंगा कर दिया।
प्रियंका का नंगा बदन देख कर
मेरी हालत खराब होने लगी थी।
दिल कर रहा था कि अभी कमरे में
घुस जाऊँ और बूढ़े की गाण्ड पर
लात मार कर बाहर निकाल दूँ
औरखुद ही चोद डालूं उस मदमस्त
जवानी को।
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