All Golpo Are Fake And Dream Of Writer, Do Not Try It In Your Life

मेरी दीदी के साथ पहली चुदाई-1


मेरी बहन बहुत सुंदर और हॉट है . उसका फिगर छरहरा और मस्त है . बिना मे-अप के वो बहुत सुंदर और सेक्सी दिखती है मेरी बहन का नाम अमीषा है. मेरी एक बहन और मम्मी और पापा हैं हम लोग ग़रीब हैं लेकिन बहुत खुश हैं दोस्तो मुझे उम्मीद है कि कहानी आपको बहुत पसंद आएगी. मेरे पापा की शॉप है और मम्मी हाउस वाइफ मेरी सिस्टर और मै पढ़ रहे हैं वो कॉलेज मे और मै स्कूल मे. हमारे घर मे 2 रूम हैं एक किचन और एक टीवी लाउंज है. मोम और पापा एक रूम मे और हम दूसरे रूम मे रहते हैं. हम सब मे बहुत प्यार है मे सब से छोटा हूँ इस लिए मुझे सब बहुत प्यार करते हैं मेरी दीदी मुझे बहुत चाहती हैं और वो मेरा बहुत ख़ैयाल रखती हैं. मेरी दीदी की हाइट 5 फीट 7 इंच है उन का कलर बहुत वाइट है उनका ब्रा साइज़ 34 वेस्ट 28 आंड हिप्स 34 वो बहुत हॉट हैं. हमारे रूम मे अटॅच बाथ है जो हम दोनो शेर करते हैं. मेरी दीदी जब कॉलेज गई तो वहाँ उनकी काफ़ी फ्रेंड्स बन गई जो दीदी को अपने घर भी ले जाती थी. दीदी उन के घर देखती तो उनका दिल भी करता कि हमारा भी अच्छा सा घर हो. एक दिन दीदी घर आईं तो पापा से कहा. दीदी: पापा मुझे कम से कम एक बेड ही ले दो मे अपनी फ्रेंड्स को घर बुलाऊं तो कम से कम कुछ तो अच्छा हो मेरे रूम मे. पापा: ओके बेटा आप कल ले आना मोम के साथ जा के अगले दिन मे मेरी मोम और दीदी हम बाज़ार गये और दीदी के लिए एक बेड और कुछ समान भी ले आए हमारे रूम के लिए. हम ने अपना रूम सेट किया हमारे रूम मे एक टेबल थी एक टेबल जिस पे बैठ के हम स्टडी करते. एक सिंगल बेड ले आए वो सेट किया रूम पैंट कराया और बहुत प्यारा डेकरेट कर दिया लेकिन हमारे घर के सब डोर बंद ना होने के बराबर हैं. घर के सब डोर मे होल्स हैं दरारे हैं जिस कि वजह से हम ने पर्दे लगाए हुए हैं. रात को जब हम सोने लगे तो मैंने अपनी जगह नीचे बना ली और दीदी बेड पे लेट गई. मे: दीदी मज़ा आ रहा है नये बेड पे? दीदी: हां भाई बहुत मज़ा आ रहा है आज तो मज़े की नींद आए गी. तुम भी ऊपर आ जाओ बहुत जगह है हम साथ सो जाएँगे. मे उठा और बेड पे आ गया दीदी के साथ लेट गया और हम इधेर उधेर की बाते करने लगे. कुछ देर बाद दीदी सो गई लेकिन मुझे नींद नही आ रही थी मे कुछ सोच रहा था. मे सोच रहा था कि अमीषा दीदी बहुत क्यूट हैं सेक्सी भी हैं और मे उन के साथ मज़ा करना चाहता था लेकिन मुझ मे बिल्कुल भी हिम्मत नही थी. लेकिन फ्रेंड्स मे इतना भी शरीफ नही हूँ. मुझे जब भी मौका मिलता मे दीदी की नरम मुलायम गान्ड पे हाथ लगा लेता था कभी उनको गले से लगाता तो उन के बूब्स फील करता मुझे बहुत मज़ा आता था. अक्सर दीदी मुझे गले से लगाती और मुझे ब्रदर्ली किस करती तब भी मुझे बहुत मज़ा आता था. मे पहले भी काफ़ी दफ़ा दीदी क साथ सोया था. दीदी मेरा हाथ पकड़ के सोती थी और कभी मुझे गले से लगा के सोती थी मुझे नींद नही आती थी मे उनका जिस्म फील करता उनकी गरम सेक्सी साँस फील करता मुझे बहुत मज़ा आता मेरा लंड भी खड़ा हो जाता था और दीदी को टच भी होता था. वो नींद मे होती थी या फील नही करती थी या जान बूझ के कुछ न्ही कहती थी मुझे नही पता लेकिन ऐसा आक्सर होता था. फिर उस दिन हम ने बहुत काम किया और थक गये थे इस लिए दीदी जल्दी सो गई थी. दीदी ने करवट ली अब उनकी गान्ड मेरी तरफ थी. दीदी की कमीज़ पीछे से हटी हुई थी मैंने देखा तो शलवार दीदी की गान्ड मे घुसी हुई थी मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने अपना लंड दीदी की गान्ड पे रखा और एक टांग दीदी के हिप्स पे रख दी अब मेरा लंड दीदी की गान्ड मे था मीन ऊपर से बाहर से. मे आराम आराम से आगे पीछे होता रहा मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मैंने काफ़ी देर ऐसे किया और फिर सो गया. सुबह जब मेरी आँख खुली तो मैंने देखा दीदी वॉशरूम मे थी मे उस दिन बहुत हॉट था पता नही क्यो आज मेरा बहुत दिल कर रहा था अपनी दीदी के साथ सेक्स का मज़ा करने का. मे जल्दी से उठा और वॉशरूम के होल मे से देखने लगा लेकिन सामने परदा था और मुझे कुछ नज़र नही आया. मे मायूस हो के बेड पे लेट गया और आँखे बंद कर ली कुछ देर बाद दीदी बाहर आई उन्हो ने अलमारी ओपन की उस मे से कपड़े निकाले. मे सोचने लगा कि दीदी तो वॉशरूम मे ही चेंज कर के आती हैं आज यहाँ क्यो कर रही हैं??? फिर दीदी ने मेरी तरफ देखा और घूम गई मैंने देखा तो पीछे से दीदी की कमीज़ की ज़िप खुली हुई थी. वाउ क्या सीन था दीदी की कमर सॉफ नज़र आ रही थी इतनी गोरी कि क्या बताऊं दीदी ने वाइट कलर का ब्रा पहना हुआ था वो भी सॉफ नज़र आ रहा था. मेरा लंड खड़ा हो गया लेकिन दीदी दोबारा वॉशरूम मे चली गई और चेंज कर के वापस आ गई फिर वो तैयार हुईं और मुझे उठाया. मे उठा वॉशरूम मे गया तो दीदी के कपड़े वहीं थे मैंने दीदी की कमीज़ उठा के देखा तो उनकी ज़िप टूट गई थी जिस की वजह से दीदी ने दोबारा चेंज किया फिर मुझे तो सेक्स सीन देखने का मौका मिल गया था और मैंने मज़ा कर लिया थोड़ी देर का. फिर मैंने दीदी की शलवार देखी जो गीली थी मैंने दीदी की शलवार को सूँघा तो बहुत मीठी खुश्बू आ रही थी उस पे वो दीदी के जिस्म के पानी की वजह से गीली थी मेरा तो हाल खराब हो गया मैंने दीदी की शलवार को काफ़ी देर मूँह से लगाए रखा फिर मैंने दीदी की ब्रा तलाश की जो मुझे ना मिली शायद उन्हो ने चेंज नही की हो गी. मे तैयार हो के बाहर आया और ब्रेक फास्ट कर के स्कूल चला गया. शाम को मे वापिस आया अपने रूम मे गया चेंज कर के सोने लगा. कुछ देर बाद दीदी आ गई उन्हो ने देखा मे सो रहा था वो मेरे पास आई मुझे किस किया और चेंज करने चली गई. जब दीदी ने मुझे किस की तो मुझे दीदी के जिस्म की सेक्सी खुश्बू आने लगी जो बहुत सेक्सी थी. दीदी चेंज कर के मेरे पास आ के लेट गई और मुझे अपने साथ लगा लिया हम सो गये काफ़ी देर बाद मैंने करवट ली दीदी की साइड पे तो देखा दीदी सो रही थी और उन्होने दुपट्टा नही पहना हुआ था और दीदी के गले मे से उनका बूब नज़र आ रहा था मे दीदी के बूब्स को देखने लगा. दीदी के बूब्स बहुत सेक्सी और प्यारे हैं और दीदी के लेफ्ट बूब पे एक ब्लॅक तिल है जो बहुत प्यारा लग रहा था. मैंने हिम्मत कर के दीदी के बूब्स को टच किया लेकिन दीदी सो रही थी मे डर भी रहा था फिर मैंने 3, 4 बार दीदी के बूब्स को टच किया वो बहुत नरम था मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. फिर मे दोबारा सो गया और शाम को हम उठे स्टडी की और मे बाहर खेलने चला गया. रात को मे रूम मे आया और देखा दीदी बेड पे बैठी हुई थी स्टडी कर रही थी मे दीदी के साथ जा के लेट गया कुछ देर बाद दीदी ने स्टडी कर ली और अपनी बुक्स साइड टेबल पे रख दीं. दीदी: भाई पता है मैंने एक जगह जॉब के लिए अप्लाइ किया था और आज इंटरव्यू था और मे सेलेक्ट हो गई अब हमारे हालात काफ़ी बहतेर हो जाएँगे. तुम्हे जो चाहिए हो गा मे ला दूँ गी क्यो कि तुम मेरे भाई हो मेरी जान हो. मे बहुत खुश हुआ हम ने कुछ देर बाते कीं फिर सो गये. रात को मे उठा और दोबारा दीदी क साथ चिपक गया और कुछ देर मज़ा करने लगा आज मैंने हिम्मत कर के दीदी के ऊपर अपना हाथ रखा दीदी नही उठी तो मे हाथ को आराम से दीदी के बूब्स पे ले गया कमीज़ के ऊपर से सच मे दीदी के बूब बहुत नरम हैं मुझे बहुत मज़ा आ रहा था मे काफ़ी देर दीदी के बूब्स के साथ खेलता रहा उधर मेरा लंड मेरी दीदी की गान्ड मे था बाहर से. अगले दिन दीदी की जॉब हो गई और दीदी के एग्ज़ॅम भी हो चुके थे दीदी की जॉब फील्ड मे थी मतलब उन्हो ने सुबह 8 बजे जाना होता है और वापिस 5 तो 8पम उनकी पे 10000 थी स्टार्ट पे. अब मुझे और मौका मिलता दीदी के जिस्म के साथ खेलने का क्यो कि दीदी थॅकी हुई आतीं और आते ही सो जाती बेहोश हो के जिस की वजह से मे पहले से ज़्यादा मज़ा करने लगा मुझे और मौका मिल गया. कुछ दिनो मे दीदी को कमीज़ के अंदर से भी टच करने लगा मे आराम से हाथ अंदर डालता उन के बूब्स को ब्रा के ऊपर से टच करता और काफ़ी मज़ा करता. एक दिन मे उठा तो दीदी वॉशरूम से आ चुकी थी उस दिन दीदी को देर हो गई थी और दीदी रूम मे ही कपड़े चेंज कर रही थी. लेकिन मेरी बॅड लक दीदी शलवार पहन चुकी थी मैंने दीदी की कमर देखी वो बहुत स्लिम थी बहुत सेक्सी दीदी उस वक़्त बहुत हॉट लग रही थी मेरा दिल कर रहा था कि उठ के अभी यहीं दीदी को चोद दूँ लेकिन ये ना मुमकिन था मेरे लिए. फिर दीदी ने कमीज़ पहने तैयार हो के मेरे पास आ के मुझे किस किया और चली गई. दीदी को पहली पे मिली और हम शॉपिंग करने गये दीदी ने कुछ कपड़े शूस वॅगबला लाने थे मे दीदी के साथ गया हम ने काफ़ी शॉपिंग की फिर दीदी ने मुझे कुछ पैसे दिए और कहा कुछ खाने के लिए ले आओ भूक लगी है मे गारमेंट्स की शॉप से निकला और समोसे पकोडे लाने चला गया मुझे 15 मिनट लग गये मे वापिस आया तो दीदी ने कहा चलो घर चल के खाते हैं. हम घर आ गये दीदी अपने रूम मे गई और कुछ देर बाद बाहर आ गई उन्हो ने मोम को शॉपिंग दिखाई हम ने फिर समोसे पकोडे खाए और मे बाहर चला गया. रात को मे रूम मे जाने लगा तो डोर लॉक था मैंने नॉक की तो दीदी ने कहा वेट करो 5 मिनिट बाद दीदी ने डोर ओपन किया मे अंदर गया और दीदी से पूछा कि आप क्या कर रही थी? दीदी: कुछ नही मे जो कपड़े लाई हूँ ना वो ट्राइ कर रही थी सब पर्फेक्ट हैं. मे और दीदी बहन भाई ही नही अच्छे फ्रेंड भी थे और सब शेर करते थे आपस मे. कुछ दिन ऐसे ही गुज़र गये फिर एक दिन रात को मे दीदी के साथ बाते कर रहा था कि अचानक दीदी ने कहा. दीदी: भाई तुम मेरे फ्रेंड हो ना अगेर मे कुछ कहूँ तो प्रॉमिस किसी से नही कहो गे. मे: नही दीदी बे फिकेर हो जाओ मे आप की बात किसी से नही कहूँ गा. दीदी: भाई मेरी फ्रेंड्स हैं ना वो रात मे नाइटीस पहन के सोती हैं और तुम्हे तो मोम डॅड का पता है वो मुझे ये सब नही लाने देंगे लेकिन मेरा बहुत दिल करता है.   मे: दीदी नाइटी तो रात को पहनते हैं न और वैसे भी रात को हमारा रूम लॉक होता है अगेर आप को मेरी वजह से कोई प्राब्लम नही है तो आप पहन लिया करो और इतना दिल करता है तो आप भी ले लो मुझे कोई ऐतराज़ नही है. दीदी: सच भाई ओह यू आर सो स्वीट थॅंक यू भाई. भाई मे उस दिन 2 नाइटीस ले आई थी लेकिन पहनी नही शरम की वजह से मैंने सोचा पहले तुम से पूछ लूँ. मे; वाउ दीदी कहाँ हैं मुझे तो दिखाओ. दीदी: हां वेट अभी दिखाती हूँ अपने भाई को. उस दिन मैंने पहन के देखी थी बहुत ईज़ी फील हो रहा था फिर तुम ने नॉक किया तो मैंने जल्दी से उतार दी. दीदी उठी और अलमारी से ले आई एक ब्लॅक कलर की थी और एक ब्लू कलर की. ये दोनो कलर दीदी को बहुत पसंद हैं और दीदी इन दोनो कलर मे बहुत क्यूट लगती हैं. मे: दीदी पहन के दिखाओ ना प्लीज़ मे भी तो देखूं मेरी दीदी कैसी लगती है इन मे और हँसने लगा. दीदी; मज़ाक उड़ा रहे हो मेरा? और कहा वेट मे पहन के आती हूँ. कौन सी पहनूं आज? मे: दीदी ब्लू कलर मे आप बहुत क्यूट लगती हैं वही पहने. दीदी: ओह भाई तुम ने मेरे दिल की बात कर दी ओके वेट. दीदी वॉशरूम मे गई और मे जल्दी से उठा और डोर से झाँकने लगा वाउ व्हाट ए लक परदा डोर के साथ अटक गया और एक साइड से सॉफ नज़र आ रहा था. दीदी ने पहले कमीज़ उतारी वाउ क्या लग रही थी मेरी बहन बिना कमीज़ के. फिर दीदी ने अपना ब्रा भी उतार दिया. मेरी तो हालत ही खराब हो गई मैंने लंड को पकड़ क मूठ मारना शुरू कर दिया वहीं पे. दीदी ने कमीज़ और ब्रा साइड पे रखा और मैंने साइड से दीदी के बूब्स और निपल्स को देखा अफ क्या बूब्स थे बिल्कुल सीधे खड़े थे और दीदी की निपल्स पिंक कलर के छोटे छोटे बहुत हॉट हैं मेरी दीदी का जिस्म. मे जल्दी जल्दी लंड हिला रहा था और फुल तैयार था दीदी को नीचे से नंगी देखने के लिए लेकिन बॅड लक अगेन दीदी ने नाइटी पहनी और फिर अपनी शलवार उतार दी. मुझे दीदी की टांगे तो नज़र आ गई लेकिन असल चीज़ नही. मे जल्दी से उठा बेड पे आके बैठ गया. दीदी बाहर आई लेकिन शर्मा रही थी मे ने कहा दीदी आ जाओ क्या कर रही हैं हम दोस्त हैं तो दोस्ती मे शरम नही होती. दीदी बाहर आ गई लेकिन उन्हो ने अपना सिर झुकाया हुआ था. दीदी की नाइटी घुटने से नीचे तक थी. मैंने नीचे से ऊपर तक देखा दीदी को और जब मेरी निगाह दीदी के चेस्ट पे गई तो दीदी के निपल्स सॉफ नज़र आ रहे थे हार्ड थे या नही लेकिन सॉफ पता चल रहा था कि निपल्स कहाँ हैं. दीदी बेड पे आ के बैठ गई और मुझ से पूछा कैसी लगी तुम्हे. मे: कौन नाइटी या आप? दीदी ने मुझे आराम से मारते हुए कहा दीदी: चल पागल मेरी नाइटी? मे: दीदी बहुत अछी लग रही है आप आज के बाद बस यही पहना करो मे किसी से नही कहूँ गा प्रॉमिस. कुछ देर बाते करते रहे फिर दीदी ने कहा अब सो जाते हैं मैंने सुबह जॉब पे जाना है. दीदी सो गई लेकिन मेरी नींद तो कहीं चली गई थी. 2 अवर्स बाद मैंने आराम से दीदी के ऊपेर हाथ रखा और फिर काफ़ी देर बाद उठा के दीदी क बूब्स पे रखा. ओह फ्रेंड्स क्या मज़ा था मेरी दीदी के बूब्स मे. पहले तो ब्रा की वजह से जकड़े होते थे तो इतना मज़ा नही आता था लेकिन आज तो बस ना पूछो कितना अच्छा फील हो रहा था मुझे. मैंने लंड दीदी की गान्ड मे रखा वहाँ भी मज़ा आ रहा था पहले से बहुत ज़्यादा. नाइटी का कपड़ा बहुत मुलायम था जिस की वजह से आज बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने हिम्मत कर के दीदी क बूब को प्रेस करना शुरू किया काफ़ी देर मे दीदी के बूब्स के साथ खेलता रहा और मे फारिघ् हो गया. रूम मे बहुत अंधेरा था उस वक़्त. मे उठा वॉशरूम गया वॉश कर के बाहर आया और सोचा लाइट जला के तो देखूं दीदी को मैंने लाइट जलाई तो क्या देखता हूँ… दीदी की नाइटी खिसक के घुटने से भी ऊपर आ चुकी थी दीदी की बॅक मेरी तरफ थी और दीदी की सॉफ्ट गोरी जांघे मुझे सॉफ नज़र आ रही थी. मेरा लंड दोबारा खड़ा हो गया और मैंने जल्दी से लाइट ऑफ कर दी डर से कहीं दीदी ना उठ जाए. मैंने अपने मोबाइल की लाइट ऑन की और बेड के बिल्कुल पास नीचे बैठ गया. लाइट मैंने बिल्कुल दीदी की टाँगो के पास कर रखी थी क्यो कि मुझे डर था अगेर दीदी उठ गई तो लाइट देख लेगी. नाइटी बहुत खुली थी नीचे से मैंने आराम से हिम्मत कर के दीदी की नाइटी ऊपर करना शुरू कर दिया. डर की वजह से मेरी गान्ड फॅट रही थी मेरा लंड हार्ड था. मैंने अभी मोबाइल की लाइट ऑफ कर दी थी और अंधेरे मे ही दीदी की नाइटी ऊपर कर रहा था. मुझे नही पता कि नाइटी कहाँ तक ऊपर जाए गी लेकिन मे उसे आराम से ऊपर करता रहा कि अचानक नाइटी और ऊपर होना रुक गई मैंने आराम से नाइटी को वहीं रखा और मोबाइल की लाइट ऑन की लेकिन अभी मोबाइल नीचे था बेड के मैंने डरते डरते आराम से मोबाइल को ऊपर की तरफ किया. ओह ओह ओह क्या सीन था वो उफ़फ्फ़ मे तो खुशी और डर क मारे मरता था. सामने मेरी आँखो के सामने मेरी दीदी की गोरी गान्ड उभरी हुई बिल्कुल सॉफ कहीं भी कोई बाल कोई निशान नही था दीदी ने अपनी गान्ड बाहर निकली हुई थी. मेरा क्या हाल हो गा उस वक़्त मे जानता हूँ. मेरी ऊपर की साँस ऊपर और नीचे की नीचे रह गई थी डर की वजह से कि कहीं दीदी उठ ना जाय मेरी गान्ड फॅट के मेरे हाथ मे थी मेरा गला खुश्क हो गया था. मुझे समझ नही आ रहा था कि अब मे क्या करूँ. मेरा तो खुशी से भी बुरा हाल था. मैंने लाइट ऑफ कर दी और काफ़ी देर वहीं बैठा सोचता रहा कि अब क्या करूँ कैसे करूँ क्या हो गा अगेर दीदी उठ गई तो काफ़ी देर सोचने के बाद मैंने हिम्मत की और दोबारा लाइट ऑन की. उफ़फ्फ़ अफ इस बार तो सीन कुछ और ही था मे तो गया आज मे नही बचने वाला मर गया मे. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |दोस्तो इस बार नाज़ी ने अपनी ऊपर वाली टांग आगे की तरफ कर ली थी जो मुझे अंधेरे मे पता ही नही चला. दीदी की गान्ड अब मेरे बिल्कुल सामने थी मोबाइल दीदी की गान्ड के बहुत पास था जिस की वजह से सारी लाइट मेरी दीदी की गान्ड पे थी. कुछ देर बाद मुझे होश आया और मैंने दीदी की गान्ड को आराम से देखना शुरू किया दीदी के आस चीक्स सकबल थे मैंने लाइट नीचे की तो मुझे मेरी दीदी की गान्ड का सुराख़ दिखने लगा वो भी बहुत प्यारा था बिल्कुल टाइट पिंक कलर वेरी टिनी होल. दीदी की गान्ड उन की टांगे चमक रही थी मेरा लंड खड़ा था मे लंड के साथ खेल रहा था मुझे बहुत बहुत मज़ा आ रहा था. मैंने मोबाइल की लाइट ऑफ की और आराम से उठा और दीदी की गान्ड पे आस चीक्स पी राम आराम से किस्सिंग करने लगा काफ़ी किस करने के बाद मैंने दोबारा लाइट ऑन की और दीदी की गान्ड देखने लगा. फिर मैंने अपनी छोटी छोटी फिंगर को अपने मूँह मे डाला उसे गीला किया और दीदी की गान्ड के होल पे रखा. मे दीदी की गान्ड मे फिंगर डालने जा रहा था मेरा बहुत दिल कर रहा था एक तरफ डर भी रहा था. फिर काफ़ी देर सोचने के बाद मैंने आराम से अपनी फिंगर दीदी की गान्ड मे डाली. दीदी की गान्ड बहुत टाइट थी मैंने दोबारा अपनी फिंगर थूक लगा के गीली की और फिर ट्राइ की. मेरी फिंगर दीदी की आस होल को खोलने लगी और आराम से 1 इंच अंदर चली गई. दीदी ने फॉरन अपनी गान्ड टाइट की जो मैंने सॉफ देखी और वो सीन बहुत सेक्सी था. दीदी क दोनो चूतेर हीले और दीदी का होल टाइट हुआ और तभी दीदी के मूँह से सी सी सी की आवाज़ निकली मैंने जल्दी से लाइट ऑफ कर दी और फिंगर वहीं रहने दी. मैंने सोच लिया था देखा जाए गा. कुछ देर बाद मैंने लाइट ऑन की फिंगर दोबारा गीली की और फिर दीदी की गान्ड मे डाल दी इस बार भी दीदी ने वही सीसी की गान्ड टाइट की लेकिन मैंने फिंगर को ज़ोर दिया और आधी फिंगर दीदी की गान्ड मे चली गई. मे मूठ भी मार रहा था लेकिन फिंगर एक ही जगह रोके रखी मुझे मे और हिम्मत नही थी और मैंने वहीं मूठ मार दी मे फारिघ् हुआ और फिंगर आराम से बाहर निकाल ली और दीदी की नाइटी सेट की और वॉशरूम चला गया वापिस आ के मे मज़े की नींद सो गया. सुबह मेरी आँख खुली तो दीदी नहाने जा रही थी दीदी ने अलमारी से कपड़े निकाले और दोस्तो आज दीदी ने हद ही कर दी. दीदी ने आराम से अपनी नाइटी उतारी और बिल्कुल नंगी मेरे सामने खड़ी थी उन्हो ने नाइटी को लपेटा अलमारी मे रखा और नहाने चली गई. उस रात दीदी ने ब्लॅक नाइटी पहनी और फिर रात को वही हाल. आज मैंने आराम से दीदी की नाइटी उठाई और उनकी गान्ड देखने लगा फिर वही काम किया फिर मे उठा अपने बॅग से पेन्सिल निकाली उसे दीदी की गान्ड के होल मे डाल दिया पेन्सिल काफ़ी अंदर चली गई मुझे बहुत मज़ा आ रहा था दीदी अपनी गान्ड को टाइट करती तो सीन देखना मे बड़ा मज़ा आता. पेन्सिल काफ़ी अंदर जा के रुक गई मैंने ज़ोर दिया तो दीदी ने झटके से अपनी गान्ड टाइट कर ली मैंने फॉरन पेन्सिल बाहर निकालना चाही लेकिन दीदी ने अपनी गान्ड टाइट कर ली थी जिस की वजह से पेन्सिल बहुत आराम से बाहर निकली मुझे उस रात बहुत मज़ा आया. मैंने पेन्सिल बाहर निकाल के उसे सक किया बहुत मज़ा आया सॉल्टी टेस्ट था दीदी की शीत का और उसकी खुश्बू बहुत सेक्सी थी. 1 साल तक मे सिर्फ़ ऐसे ही दीदी क मज़े करता रहा उस से ज़्यादा मुझ मे हिम्मत नही थी. मेरे पापा के फ्रेंड की बेटी से मेरी दोस्ती हो गई प्यार मोहब्बत की बाते फोन पे बाते अच्छा टाइम पास हो रहा था और हम ने सेक्स का प्रोग्राम भी बना लिया. एक दिन उन के घर मे फंक्षन था हम सब भी वहाँ गये और मैंने उसे कहा था कि मुझे किसी भी हाल मे आज सेक्स करना है. उसने कहा ओके जब मे इशारा करूँ तो तुम ऊपेर के रूम मे चले जाना मे कुछ देर मे आ जाऊं गी. हम वहाँ पहुँच गये वहाँ बहुत लोग थे काफ़ी देर बाद उस ने मुझे इशारा किया मे मौका देख के ऊपर चला गया और वहाँ जिस रूम मे उस ने कहा था वहाँ चला गया रूम मे अंधेरा था. मे काफ़ी देर वेट करता रहा मुझे कुछ लोगो की आवाज़े भी आ रही थी फिर कुछ देर बाद रूम का डोर ओपन हुआ और वो अंदर आ गई मैंने फॉरन उसे पकड़ लिया और धीमी आवाज़ मे कहा कितनी देर लगा दी मे कब से वेट कर रहा हूँ. फिर मैंने उसे साइड पे किया डोर लॉक किया और एक टेबल के पास उसे खड़ा कर दिया जल्दी से मैंने उसकी शलवार उतार दी और उसकी फुददी को रब करने लगा जो फॉरन गीली हो गई. हमारे पास टाइम नही था मैंने जल्दी से अपना लंड बाहर निकाला और उसकी फुददी पे रखा और आराम से अंदर डालने लगा. मेरा लंड थोड़ा सा अंदर गया था कि उस ने मुझे रोक दिया मैंने कहा प्ल्ज़ बर्दाश्त करो थोड़ा सा पेन हो गा फिर मज़ा आए गा ये सुन कर उस ने कुछ नही कहा और अपनी फुददी ढीली कर दी मैंने झटका लगाया तो लंड काफ़ी अंदर चला गया. मैंने उस का फेस अपनी तरफ किया और लिप्स पे किस्सिंग करने लगा मैंने आराम से लंड अंदर बाहर करना शुरू किया अब उसे पेन कम हो रहा था लेकिन जितना भी था वो बर्दाश्त कर रही थी मे और हॉट हो गया और मैंने चुदाई तेज़ कर दी वो झुकी हुई थी टांगे खुली हुई थी और उस ने अपनी गान्ड बाहर निकाली हुई थी जिस की वजह से चोदने का मज़ा बहुत आ रहा था. 10 मिनिट तक मैंने उसे खूब चोदा और फिर उसकी फुददी मे फारिघ् हो गया मेरे फारिघ् होते ही वो भी रिलीस हो गई और 2 मिनिट बाद मैंने लंड बाहर निकाला उस ने शलवार ऊपेर की और बाहर चली गई मे कुछ देर बाद बाहर गया और नीचे सब नॉर्मल था फिर हम कुछ देर बाद घर वापिस आ गये. हम अपने रूम मे थे दीदी और मे बाते कर रहे थे. दीदी: पार्टी मे मज़ा आया? मे: हां दीदी मज़ा तो आया लेकिन बोरियत थी. दीदी: हां मे भी बहुत बोर हुई और तुम कहाँ गायब हो गये थे? मे: कहीं नही बोर हो रहा था तो बाहर चला गया था. दीदी: अच्छा वैसे उनका घर कितना अच्छा है और हेर रूम मे एसी भी लगा हुआ है कितना मज़ा आता हो गा उन को. मे: जी दीदी ये बात तो है. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर कुछ देर बाद दीदी ने कहा सो जाओ मैंने सुबह जल्दी जाना है. उस रात फिर वही हाल मे उठा दीदी की नाइटी ऊपर की और दीदी की गान्ड के साथ खेलने लगा मेरी दीदी की गान्ड बहुत सेक्सी है सच पूछो तो मेरा दिल करता था कि दीदी को बस गान्ड मे ही चोदू और कहीं नही. आज मैंने दीदी की गान्ड मे फिंगर डाली और फिर वही हाल दीदी अपनी गान्ड टाइट करती तो मुझे बहुत मज़ा आता मैंने हिम्मत कर के अपना लंड दीदी की गान्ड पे रखा और आराम से ज़ोर डाला लेकिन लंड स्लिप हो जाता क्यो कि दीदी की गान्ड बहुत टाइट थी. मैंने थूक लगा के आराम से लंड को ज़ोर दिया कि थोड़ा सा लंड दीदी की गान्ड मे चला गया लेकिन दीदी ने अपनी गान्ड टाइट की और मेरा लंड बाहर निकल आया. कुछ देर बाद मैंने दोबारा ऐसा किया लंड थोड़ा सा अंदर जाता और दीदी टाइट कर देतीं और मेरा लंड बाहर निकल आता. इस बार मैंने थोड़ा ज़ोर दिया तो मेरा लंड पहले से ज़रा ज़्यादा अंदर चला गया और दीदी ने सीसी की आवाज़ निकाली और अपनी गान्ड टाइट कर दी उन्हो ने जैसे ही टाइट की मे फारिघ् हो गया मेरी कुछ कम दीदी की गान्ड मे गई बाकी बाहर गिर गई. मैंने अपनी बन्यान उतारी उस से दीदी की गान्ड सॉफ की और वॉशरूम चला गया. वापिस आ के मे सो गया लेकिन अभी भी मेरा दिल कर रहा था कि किसी तरहा दीदी की गान्ड मे पूरा लंड डालूं. फिर अभी ना तो मौका था नाही मुझ मे हिम्मत थी और मे सोचते सोचते सो गया. काफ़ी दिन मेरा अंकल की बेटी से कॉंटॅक्ट नही हुआ फिर एक दिन दीदी घर आई और कहा कि उसे बोनस मिला है और इस खुशी मे हम सब मुर्री जाएँगे. हम पहली बार जा रहे थे इस लिए मोम डॅड ने भी मना नही किया पापा ने भी कुछ सेविंग की हुई थी फिर हम ने बस की टिकेट्स बुक किए और अगले दिन हम ने रवाना होना था मुर्री के लिए. उस दिन दीदी और मे शॉपिंग करने गये और सारी रात तैयारी की पॅकिंग की सुबह 5 बजे हम सोए और 7 बजे दीदी जॉब पे गई और रात को 8 बजे वापिस आईं दीदी बहुत थॅकी हुई थी. दीदी आते ही वासरूम मे गई नहा के फ्रेश हो गई और हम रवाना हो गये 10 बजे बस ने रवाना होना था हम 9:45 पे वहाँ पहुँच गये मोम डॅड अपनी सीट पे मे और दीदी अपनी सीट पे बैठ गये. बस मे एसी ऑन था जिस की वजह से दीदी को सकून मिल रहा था दीदी ने कहा मे बहुत तक गई हूँ मे सो रही हूँ और वो सो गई. क़रीब 12 बजे लाइट्स ऑफ हो गई मे फिल्म देखने लगा और दीदी सो रही थी. दीदी उठी और कुछ देर फिल्म देखी पानी पीया और मुझ से बाते करने लगी. दीदी: भाई एसी का अपना मज़ा है. सकून मिल जाता है नींद भी अछी आती है. मे: जी दीदी बहुत मज़ा आता है चलो फिल्म देखते हैं. दीदी: देख रही हूँ भाई. अच्छा भाई पता है मैंने एसी अपने मूँह पे सेट किया हुआ है ठंडी हवा लगती है सकून मिलता है. कुछ देर बाद दीदी ने कहा मे सो रही हूँ और वो सो गई. क़रीब 1 बजे मैंने वाइब्रेशन फील की और मोबाइल निकाला तो मेसेज आया हुआ था मैंने मेसेज रीड किया तो वो अंकल की बेटी का था उस ने कहा सॉरी यार मे बिज़ी हूँ पेपर हैं कुछ दिन बाद बात हो सके गी मोम ने मोबाइल अपने पास रखा हुआ है ये मेसेज भी उन से चोरी से कर रही हूँ ओके टेक केर लव यू आंड नो रिप्लाइ प्ल्ज़. मे मोबाइल पॉकेट मे रखने लगा कि देखा दीदी ने एक हाथ से अपनी कमीज़ का गला ओपन किया हुआ है और एसी की हवा डाइरेक्ट दीदी के बूब्स को लग रही थी मैंने मोबाइल पॉकेट मे रखा और दीदी को आराम से आवाज़ दी लेकिन वो बेहोश थी मैंने इधेर उधेर देखा तक़रीबन सब सो रहे थे और जो जाग रहे थे फिल्म देख रहे थे. मैंने अपना हाथ बाकी की नेक पे टच किया वो जगह बहुत ठंडी थी एसी की वजह से. मेरा लंड खड़ा हो गया मैंने आराम से दीदी की कमीज़ के गले मे हाथ डाला और बाकी के बूब्स को टच किया दीदी के बूब्स बहुत ठंडे थे और हार्ड भी शायद ठंड की वजह से. मे दीदी क़ दोनो बूब्स के साथ खेलता रहा लेकिन ब्रा के ऊपेर से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था दीदी को कुछ पता नही थॉ ओ सो रही थी और मे मज़े कर रहा था. मेरा हाथ दीदी के कंधे पे था तो वहाँ से मैंने हाथ अंदर डाला हुआ था मे ने दूसरे हाथ से मोबाइल निकाला और लाइट दीदी के गले मे डाली तो दीदी के बूब्स ब्रा मे सॉफ नज़र आ रहे था बहुत सेक्सी लग रही थी मेरी दीदी. मे सारा रास्ता दीदी के बूब्स के साथ खेलता रहा फिर अचानक बस एक होटेल पे रुकी मैंने हाथ बाहर निकाला लाइट्स भी ऑन हो गई. मे: दीदी उठें होटेल आ गया है ब्रेक फास्ट कर लो मूँह हाथ धो लो फ्रेश हो जाओ. दीदी: ओके भाई चलो मे आ रही हूँ. मैंने दीदी को ज़बरदस्ती उठाया और बाहर ले आया सुबह का महॉल था बहुत अच्छा फील हो रहा था हम वॉशरूम की तरफ गये फ्रेश हो के हल्का सा ब्रेकफास्ट किया और फिर बस मे आ गये. सुबह 6, 7 बजे हम पिंडी पहुँच गये वहाँ से एक और बस मे बैठे और मुर्री पहुँच गये हम बहुत खुश थे हम ने एक होटेल मे रूम बुक करा डबल बेड वहाँ लिए और सो गये फिर दोपहेर को उठे सब नहा के फ्रेश हो गये और बाहर आ गये. खाना खाया और घूमने लगे शाम तक हम बाहर रहे फिर होटेल मे आ गये. सुना था रात मे वहाँ बहुत रौनक होती है तो हम ने कहा दोबारा चलते हैं मोम दाद ने कहा तुम जाओ हम थक गये हैं मैंने दीदी से कहा चलो दीदी ने कहा वेट मे चेंज कर लूँ और वो अपना बॅग वॉशरूम मे ले गई काफ़ी देर बाद बाहर आईं और मे दीदी के साथ बाहर आ गया और हम ने खूब एंजाय किया. हम माल रोड से आगे आ गये काफ़ी दूर वहाँ लोग भी कम थे मैंने दीदी से कहा हम बहुत दूर आ चुके हैं वापिस चलते हैं. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

दीदी: नही भाई अभी और आगे चलते हैं. हम फिर चल पड़े और यहाँ वहाँ की बाते करने लगे. फिर दीदी ने कहा कि इस पहाड़ पे चढ़ते हैं. मैंने कहा नही दीदी वहाँ कोई नही है और यहाँ कोई जंगली जानवर आ गया तो. दीदी ने कहा कुछ नही होता आओ तो सही प्ल्ज़. मे दीदी के साथ थोड़ा सा पहाड़ पे चढ़ा तो दीदी ने कहा बस काफ़ी है. फिर दीदी अपनी कमीज़ उतारने लगी मैंने कहा दीदी क्या हो गया है आप को? दीदी: अरे पागल रूको तो सही मैंने पैंट शर्ट पहनी हुई है नीचे. और दीदी ने अपनी कमीज़ उतारी नीचे दीदी ने शर्ट पहनी हुई थी फिर दीदी ने शलवार भी उतार थी और दीदी ने जीन्स पहनी हुई थी. दीदी बहुत सेक्सी लग रही थी मुझ से रहा नही गया. मे: वाउ दीदी आप तो बहुत प्यारी लग रही हैं सेक्सी भी. दीदी: चल पागल ऐसा नही कहते अब चलो माल रोड पे चलो. मे: दीदी ये आप ने कब ली और मुझे क्यो नही दिखाई पहले? दीदी: ली नही एक फ्रेंड से माँगी है मुझे बहुत शौक है ना और मे उसकी स्कर्ट भी लाई हूँ वो कल पहनूं गी. अब हम भाई बहन कम और लवर ज़्यादा लग रहे थे सब दीदी को घूर रहे था मैंने दीदी से कहा दीदी आप ने तो सब के होश उड़ा दिए सब भूकि नज़ारो से देख रहे हैं आप को. दीदी: देखने दो मे थोड़ी किसी से फसने वाली हूँ. मे: मे फँसने भी नही दूं गा आप सिर्फ़ मेरी हैं बस. दीदी ने मुझे देखा और हँसने लगीं और कहा हां भाई मे सिर्फ़ तुम्हारी दीदी हूँ और फ्रेंड भी और. रुक गई मैंने पूछा और क्या? दीदी: और बस दोस्त हैं ना हम अच्छे. कह के दीदी मेरे आ आगे हो गई. मैंने दीदी की गान्ड देखी तो मुझे वो सीन याद आ गये. दीदी की गान्ड पैंट मे बड़ी लग रही थी और वो चलती थी तो और सेक्सी लगती थी मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने आगे हो कर दीदी से कहा दीदी यू आर लुकिंग फॅंटॅस्टिक. दीदी: अच्छा तुम्हारा मतलब मे पीछे से फॅंटॅस्टिक लग रही हूँ क्यो कि तुम ने पीछे से देख के कहा पहले तो नही कहा और हँसने लगी. सच दीदी सब आप को पीछे ही देख रहे हैं और अब मे आप के पीछे चलूं गा साथ नही मे किसी और को क्यो देखने दूं. मे दीदी के पीछे आ गया और हम माल रोड क्रॉस कर चुके थे. दीदी बहुत मज़ा आ रहा है. दीदी: मेरे पीछे देखने से या कैसे? मे: दीदी मे मौसम का कह रहा हूँ आप भी ना. दीदी: अच्छा इस का मतलब मौसम अच्छा है और मेरी बॅक नही और फिर हँसने लगी. मे: दीदी मे आप को पीछे थप्पड़ मार दूं गा मुझ और तंग किया तो. दीदी: तो मार दो क्यो कि यहाँ हम भाई बहन नही जस्ट फ्रेंड्स हैं. मे आगे हुआ और दीदी की गान्ड पे थप्पड़ मार दिया. दीदी: आराम से बेशरम कोई देख ले गा तो क्या सोचै गा?   हम काफ़ी आगे आ गये थे वहाँ बहुत अंधेरा था और साइड पे एक रास्ता था नीचे जा रहा था मैंने दीदी से कहा यहाँ से चलो हम वहाँ से उतरे थोड़ा आगे गये तो एक टर्न था हम टर्न ले कर वहीं बैठ गये. मे: दीदी मे थक गया हूँ यहीं बैठ जाते हैं कुछ देर. और दीदी मेरे पास बैठ गई. मे: अब तो कोई नही देखे गा कह कर मैंने दीदी की गान्ड पे फिर मारा. दीदी: आउच आराम से यार. वहाँ मार के मज़ा आता है सच सच बताओ? मे: जी दीदी वो जगह नरम होती है ना इस लिए मज़ा आता है और वहाँ कोई देख भी नही सकता अगेर कोई निशान भी पर जाए तो. दीदी: आ हा ये बात है. भाई मेरी पैंट बहुत टाइट है मे इस का बटन ओपन कर रही हूँ. कह के दीदी ने अपनी पैंट का बटन ओपन कर दिया और बैठ गई दीदी क बैठने से ज़िप भी ओपन हो गई. वहाँ अंधेरा था लेकिन ज़िप खुलने की आवाज़ से मुझे पता चला. मे: दीदी कुछ देर बाद पैंट उतार ना दीजिए गा क्यो कि आप एक जवान मर्द के साथ बैठी हैं. दीदी: वाह मेरे जवान मर्द दिल करेगा तो उतार भी दूं गी और मेरे जवान मर्द मैंने अंडरवेर भी नही पहना हुआ है और हँसने लगीं. मे: दीदी आप भी ना मुझे बहुत तंग करती हैं सच. दीदी: अच्छा अभी तंग भी मे करती हूँ और तुम तो बहुत शरीफ हो सारी सारी रात मुझे सोने नही देते हो मेरी नाइटी ऊपर कर के कभी फिंगर डॉल देते हो कभी कुछ कभी कुछ. मैंने ये सुना तो शोक्ड हो गया इस का मतलब दीदी को सब पता थॉ वो जाग रही होती थी और कुछ नही कहती थी लेकिन ऐसा क्यो किया वो भी मुझ से चुदवाना चाहती हैं??? मे फिंगर और किया मतलब दीदी आप का क्या कह रही हैं? दीदी: अच्छा अब ज़्यादा भोले ना बनो मे तुम से बड़ी हूँ मुझे सब पता है सब जानती हूँ और तब से पता है जब तुम मुझसे चिपक के सोते थे मुझे सब पता था मे सब फील करती थी. मे: सॉरी दीदी वो. दीदी: इट्स ओके मैंने कहा ना हम दोस्त हैं छोड़ो पुरानी बातों को वो घर की बाते हैं वहीं करेगे अभी एंजाय करो अपनी दोस्त के साथ. मे दीदी के और क़रीब हुआ और अपना हाथ दीदी की चेस्ट पे रखने लगा कि दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |

दीदी: पहले इधेर उधेर देखो कोई आ तो नही रहा? मैंने देखा कोई नही था अंधेरा ही अंधेरा था. मैंने कहा कोई नही है दीदी बस हम ही हैं. दीदी ने मेरा हाथ अपने बूब्स पे रखा और कहा ओके करो अब. मैंने दीदी क बूब्स के साथ खेलना शुरू कर दिया काफ़ी देर मज़े करता रहा फिर मैंने दीदी की शर्ट के बटन खोले और हाथ अंदर डाल दिया. मेरा हाथ अंदर गया तो क्या बात है दीदी ने ब्रा भी नही पहना हुआ मैंने दीदी के बूब्स को पकड़ा उसे मसलना शर कर दिया फिर मैंने दीदी के निपल्स के साथ बारी बारी खेलना शर कर दिया और कुछ देर बाद मैंने और बटन खोले और दीदी के दोनो बूब्स बाहर निकल लिए और दोनो को आराम से किस आंड सक करने लगा दीदी को मज़ा आ रहा था दीदी ने मेरे हेड पे हाथ रखा हुआ था मेरे बालो मे फिंगर फिरा रही थी और आह हमम्म सीसी की आवाज़े निकाल रही थी. मैंने दीदी का हाथ पकड़ के अपने लंड पे रखा दीदी ने मेरा लंड मज़बूती से पकड़ लिया और उस को दबाने लगी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था एक तो इतनी ठंड थी उस पर खुला महॉल आस पास कोई नही था बस हम दोनो ही थे. दीदी अपना बूब मेरे मूँह मे डाल देती और ज़ोर देती मे भी खूब चूस रहा था दीदी के बूब्स को दीदी के बूब्स बहुत हार्ड हो गये थे निपल्स भी बहुत हार्ड था और दीदी भी गरम भी हो गयी थी मे जब एक को चूस के दूसरा मूँह मे लेता तो वो बहुत ठंडा हो चुक्का होता जिस से दीदी को बहुत मज़ा आता. कुछ देर बाद मैंने दीदी से कहा चोदू? दीदी ने कुछ नही कहा और अपना सिर हां मे हिला दिया. मैंने दीदी की खड़ा किया और उनकी पैंट नीचे की दीदी ने नीचे सच मे कुछ नही पहना हुआ था. मैंने अपना लंड बाहर निकाला और दीदी को अपनी गोद मे बिठा दिया दीदी की ठंडी गान्ड मेरे लंड पे थी मे अभी भी दीदी के बूब्स के साथ खेल रहा था उन्हे ज़ोर से रगड़ रहा था दीदी मदहोश हो गई थी मैंने दीदी की गान्ड को उठाया और लंड दीदी की फुददी पे रखा तो दीदी ने कहा नो. मे: नो नो? नो? नो? बट वाइ? मैंने दीदी से पूछा क्या हुआ? दीदी: भाई वहाँ नही पीछे जहाँ तुम करना चाहते हो वहाँ डालो अपना लंड. मे: दीदी आप से किस ने कहा कि मे वहाँ डालना चाहता हूँ? दीदी: भाई मे बच्ची तो नही हूँ तुम पिछले 1 साल से मेरी गान्ड के साथ खेल रहे हो उसे किस करते हो फिंगर डालते हो देखते रहते हो और तो और एक बार थोड़ा सा डाल भी चुके हो. 1 साल मे एक बार भी तुम ने मेरी फुददी को टच नही किया इस लिए प्ल्ज़ मेरी गान्ड मारो अपनी दीदी की गान्ड मे अपना लंड डालो अपनी दीदी को गान्ड मे चोदो. मैंने दीदी को खड़ा किया और झुका दिया दीदी कुछ ऐसे खड़ी थी मेरे सामने दीदी के हाथ घुटनो पे थे दीदी झुकी हुई थी और दीदी की गान्ड मेरे मूँह के सामने थी. मैंने दीदी की गान्ड पे किस किए और दीदी के आस होल को लीक किया दीदी काँपने लगी मैंने दीदी को पकड़ा हुआ था कि कहीं गिर ना जाए. फिर मे 2 मिनिट तक दीदी की गान्ड के होल को लीक करता रहा अपनी ज़ुबान भी दीदी की गान्ड मे डाली और मैंने काफ़ी थूक अपने लंड पे लगा दी फिर मैंने दीदी को आराम से नीचे किया एक हाथ से लंड पकड़ के दीदी की गान्ड के सुराख़ पर रखा दीदी ने कहा तुम लंड को सुराख़ पे रखो अंदर मे डालूं गी. मैंने कहा ओके मैंने एक हाथ से दीदी को पकड़ा हुआ था और दूसरे हाथ से अपना लंड पकड़ा हुआ था दीदी ने अपनी गान्ड मेरे लंड पर रखी मैंने लंड दीदी की गान्ड क़ सुराख़ पे रखा और दीदी ने आराम से ज़ोर दिया. दीदी काँप रही थी ठंड की वजह से मैंने फील किया मेरा लंड थोड़ा सा दीदी की गान्ड मे चला गया है मैंने लंड को छोड़ दिया और दीदी को पकड़ लिया दीदी ने आराम से अपनी गान्ड मेरे लंड पे रखी लंड थोड़ा अंदर चला गया दीदी ने आह की सिर हिलाया फिर थोड़ा लंड बाहर निकाला और फिर अपनी गान्ड नीचे आने दी काफ़ी देर दीदी ऐसा करती रही मेरा हाफ लंड दीदी की गान्ड मे चला गया था कि दीदी थक गई. दीदी: भाई ठंड की वजह से मुझ से और नही हो रहा जितना डालना था डाल लिया और दर्द भी हो रहा है प्ल्ज़ यहीं फारिघ् हो जाओ बाकी फिर किसी दिन पूरा डाल लो गे. मैंने कहा ओके और आराम से दीदी को ऊपर नीचे करने लगा दीदी को दर्द हो रहा था और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. 10 मिनिट मैंने दीदी की गान्ड मे चोदा लेकिन लंड हाफ से ज़्यादा अंदर नही गया फिर मे दीदी की गान्ड मे फारिघ् हो गया. जैसे ही मे फारिघ् हुआ दीदी ने हिम्मत कर के अपनी गान्ड तेज़ तेज़ हिलाना शर कर दी और दीदी की गान्ड मेरी सारी कम पी गई फिर दीदी ने अपनी गान्ड बहुत टाइट की जिस से मेरा लंड आराम आराम से बाहर निकलने लगा. लेकिन दीदी मेरा लंड बाहर नही निकाल रही थी दीदी ने फिर इन आउट शुरू कर दिया. मे: दीदी मे फारिघ् हो गया हूँ मेरा लंड निकाल लो. दीदी: वेट भाई तुम्हारा लंड ढीला हो गया है कुछ अब मुझे पेन नही हो रहा और मज़ा भी आ रहा है मे भी फारिघ् होने वाली हूँ वेट करो करने दो मुझे. दीदी ने लंड अंदर बाहर करना शुरू किया दीदी को 40 मिनिट हो गये थे उसी पोज़िशन मे बहुत हिम्मत है उन की सच. दीदी ने गान्ड तेज़ तेज़ ऊपर नीचे की और कुछ देर मे आहह की आवाज़ क साथ दीदी मेरे लंड पे बैठ गई. दीदी फारिघ् हो रही थी दीदी ने मेरा फुल लंड लेकिन हाफ हार्ड अपनी गान्ड मे ले लिया था और दीदी ने ज़ोर ज़ोर से अपनी फुददी को मारना शुरू कर दिया दीदी मच्चल रही थी मुझ पे बैठ उछल रही थी और अपनी फुददी को मार रही थी कुछ देर मे दीदी ठंडी पड़ गई और उन्हो ने आराम से अपनी गान्ड उठाना शुरू किया और मेरा लंड आराम से बाहर आ गया जैसे ही लंड बाहर निकल गया दीदी ने घूम के मुझे गले से लगा लिया हम ने किस्सिंग की और कपड़े पहने दीदी ने शलवार कमीज़ पहनी और हम वापिस आ गये.


कहानी जारी रहेगी…. पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट ..


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मेरी दीदी के साथ पहली चुदाई-1

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