प्रेषिका: आशिया (पाकिस्तान)
हेल्लो दोस्तो मेरा नाम आशियाँ है मैं आपको आज एक इंटरस्टिंग स्टोरी सुनाने जा रही हूँ मैं पाकिस्तान की रहने वाली हूँ और अपने माँ बाप की एकलौती ओलाद हूँ. इस वक़्त मैं लाहोर यूनिवर्सिटी से मास्टर्स कर रही हूँ. ये कहानी जब की है जब मैं छुट्टियाँ गुज़ारने के लिए अपने घर जा रही थी. मैं जिस ट्रेन से जा रही थी उस के बारे मे मैंने घर मे इतला दे दी थी के मैं कल शाम तक पोहन्च जाओं गी. ट्रेन मे मैं इस वक़्त अपने कॉमपार्टमेंट मे अकेली थी इसलिए मैंने अपनी एक किताब निकाली और पढ़ने लगी. ये फर्स्ट क्लास कॉमपार्टमेंट था और ये कॉमपार्टमेंट 4 लोगो के लिए रिजर्व था. अभी ट्रेन चली नही थी और फिर थोड़ी देर बाद कॉमपार्टमेंट मैं एक आदमी आकर बैठ गया . वो कोई 60 साल का होगा वो आदमी लंबा और सेहत मंद था. मैंने एक नज़र उसकी तरफ देखा और दोबारा अपनी किताब पढ़ने लगी. वो आदमी मेरी तरफ आया और मेरी तरफ हाथ बढ़ा कर बोला, हेलो स्वीट गर्ल मेरा नाम इकरम है. मैंने एक नज़र उस के बढ़े हो हाथ को देखा और मुँह बना कर वापिस किताब पढ़ने लगी. मेरे मुँह बनाने पर उस को गुस्सा आ गया और वो जाकर अपनी सीट पर बैठ गया और मुझे घूर घूर कर देखने लगा. मैंने उसे इग्नोर कर दिया और अपनी किताब पढ़ने लगी. अब ट्रेन चल पड़ी थी. थोड़ी देर बाद मुझे पीशाब लगा तो मैं उठ कर साथ बने हो बाथरूम मे आ गयी. अभी मैं कामोट पर बैठी पीशाब ही कर रही थी के बाथरूम का दरवाज़ा एक दम से खुला और इकरम अंदर आ गया. मैं एक दम से घबरा गई और फिर गुस्से से बोली, ये किया बट्तमीज़ी है. वो बेशर्मी से मुस्काराया और बोला, ये बट्तमीज़ी नही है मेरी जान मैं तो पीशाब करने आया हूँ. मैं फिर गुस्से से बोली, तुम ज़रा सी भी तमीज़ नही है किया? देख नही रहे के मैं पहले से ही यहा मोजूद हूँ. वो हंसा और बोला, तुम यहा हो जब ही तो मैं आया हूँ. मैंने गुस्से से कुछ कहने के लिए अपना मुँह खोला ही था के उसने एक दम से अपनी पॅंट की ज़िप खोली और अपना लंड पॅंट से बाहर निकाल लिया जो 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा था. फिर फॉरन ही उसके लंड से पीशाब की एक बहुत तेज़ धार निकल कर मेरे चेहरे से टकराई और मेरे खुले मुँह से काफ़ी सारा पीशाब मेरे हलक़ से नीचे उतर गया . पीशाब का टेस्ट कड़वा सा था और मुझे उबकाई आ गयी. मैंने अपने दोनो हाथो से अपने चेहरे को बचाने की कोशिश करी तो उसने अपने पीशाब से मुझे पूरा भीगो दिया. मेरे सारे कपड़े पीशाब से खराब होगे थे. पीशाब करने के बाद वो हंसता हुआ बाहर चला गया . वो गया तो मेरी शिकल रोने वाली हो गई और मुझे गुस्सा भी आने लगा. मैं बाहर आई तो पेशाब से पूरी तरह भीगी हुई थी और वो मुझे देख कर फिर हँसने लगा. मैं गुस्से से अपनी सीट पर गई ताक़ि मैं अपने बैग से दूसरा सूट निकालू पर वहा मेरा बैग नही था. मैं गुस्से से इकरम की तरफ मूडी और बोली, ये तुम ने मेरा बैग क्यूँ लिया है. वो फिर हंसा और बोला, तुम्हारा बैग मैं क्यूँ लूँगा क्या तुम्हे अपना बैग मेरे पास नज़र आरहा है? मैंने देखा तो वाकई उसके समान मे मेरा बैग नही था. मैं फिर गुस्से से बोली, तुम ने ही कही छुपाया होगा चलो जल्दी मेरा बैग वापिस करो वरना मैं पोलीस मे रिपोर्ट करवा दूँगी. मेरी धमकी सुनकर वो और ज़ोर से हँसने लगा और बोला, पहले अपना बैग ढूँधो फिर पोलीस मे रिपोर्ट लिखवा देना. मैंने पूरे कॉमपार्टमेंट मैं ढूँढ लिया मगर मुझे मेरा बैग नही मिला. अब मैं रोने लगी थी और मैं उस से बोली प्लीज़ मुझे मेरा बैग दे दो. देखो मैं तुम्हारी बेटी की उमर की हूँ तुम मेरे साथ ऐसा क्यूँ कर रहे हो मुझे अपने कपड़े चेंज करने हैं प्लीज़ मुझे मेरा बैग वापिस कर दो. वो हंसा और बोला, तुम्हे कपड़े चेंज करने की किया ज़रूरत है तुम्हारे ये कपड़े खराब हो गये हैं तो ये कपड़े उतार दो वैसे भी तुम कपड़ों के बगैर ज्यादा अछी लागो गी. उसकी बात सुनकर मैंने गुस्से से उसे देखा तो वो हँसने लगा. मैं कुछ देर तो उसे बैठी देखती रही फिर मुझे भी इन ठंडे कपड़ो मे बैठा नही जराहा था इस लिए मैं उठ कर दोबारा बाथरूम मे आ गयी. मैंने अपने गांडे कपड़े उतार कर एक तरफ फेंक दिए. अब मैं सिर्फ़ ब्रेज़ियर और पॅंटी मैं थी. मेरी पॅंटी और ब्रेज़ियर मे से भी पीशाब की बदबू आराही थी. मैंने वो भी उतार कर फेंक दिए. फिर मैंने अपने पूरे जिस्म पर अछी तरह से पानी बहाया. अब मसला मेरे कपड़ो का था और इस वक़्त मेरे पास अपने जिस्म पर लिपटने के लिए एक टवल भी नही था. मैं कुछ देर तो बाथरूम मे खड़ी रही मगर मैं कब तक बाथरूम मे रहती इसी लिए मैं वापिस बाथरूम से निकल कर कॉमपार्टमेंट मे आकर अपनी सीट पर ऐसे ही नंगी बैठ गई. इकरम मुझे नंगा देख कर मुस्काराया और बोला, मेरी जान तुम अब पहले से ज्यादा खूबसूरत लग रही हो. मैंने गुस्से से उसकी तरफ देखा मगर कुछ नही बोली. फिर इकरम उठ कर खड़ा हो गया और अपनी पॅंट के उपर से ही अपना लंड सहलाता होवा बोला, मेरी जान मुझे तुम्हारा ये खूबसूरत और सेक्सी बदन बहुत बेचैन कर रहा है तुम क्यूँ ना मुझे से दोस्ती कर्लो. अगर तुम ने रास्ते भर मुझे खुश किया तो मैं तुम्हे तुम्हारा बैग वापिस कर दूँगा. मैं गुस्से से घूरा कर बोली, हरमज़ादे मैं मरती मर जाउन्गि मगर तुझे कुछ नही करने दूँगी. मेरी बात सुनकर वो ज़ोर से हंसा और बोला, जान-ए-मन मरने की ज़रूरत नही है बस तुम मुझे खुश करो और यकीन करो इस मे तुम्हे भी बहुत मज़ा आय गा. इकरम ने ये कह कर अपने कपड़े उतार दिए. मैंने देखा के उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड फुल आकड़ा होवा था और बुरी तरह से झटके खा रहा था. मेरे दिल ही दिल मे डर रही थी के ये मेरा रेप कर के ही छोड़े गा. फिर वो मेरी तरफ बढ़ने लगा तो मैं अपनी सीट पर सिमटते हुए बोली, देखो तुम मेरे पास नही आना वरना मैं शोर मचा दोगी. वो हँसने लगा और बोला, मैं तुम्हे शोर मचाने के काबिल ही नही छोड़ूँगा. अब वो मेरे पास आ गया था. उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो मैं खुद को छुड़ाने लगी. इकरम की गिरफ़्त काफ़ी मज़बूत थी और मैं अपना हाथ नही छुड़ा सकी उसने दूसरा हाथ मेरी कमर मे डाल दिया और मुझे खुद से लिपटा लिया और अपने होंटो को मेरे होंटो से मिला कर मुझे किस करने लगा. मैं बुरी तरह से अपने हाथ पैर चला रही थी मगर खुद को उस से छुड़ा नही पा रही थी. मैं बुरी तरह मचल रही थी फिर अचानक एक ख़याल मेरे ज़हन मे आया और मैंने पूरी ताक़त से अपना घुटना उसकी नाफ़ के नीचे मार दिया. तकलीफ़ के मारे वो दोहरा हो गया और उसके मुँह से ऊऊवगगगगग की आवाज़ निकली. उसकी गिरफ़ मुझ पर से ढीली हो गई थी इस लिए मैंने ज़ोर लगा कर खुद को छुड़ा लिया. मैं दरवाज़े की तरफ भागने लगी तो उसने मेरा पावं पकड़ लिया. एक दम से मुझे झटका लगा तो मैं मुँह के बल नीचे गिर गई. मुझे काफ़ी चोट लगी थी. अब इकरम गुस्से से खड़ा हो गया, तकलीफ़ और गुस्से से उसका चेहरा काफ़ी भयानक हो गया था. वो गुस्से से घुर्रा के बोला, साली कुट्टिया तो ऐसे नही माने गी. ये कह कर उसने मुझे बालों से पकड़ कर उठा लिया. तकलीफ़ के की वजह से मेरी चीख निकल गई. उसने मुझे अपनी तरफ घूमाया और एक ज़ोर का थप्पड़ मेरे मुँह पर मारा. उसका थप्पड़ इतना ज़ोरदार था के मेरा मुँह घूम गया . फिर उसने अपना घुटना ज़ोर से मेरी चूत पर मारा. फिर मेरे घुटने से जो हाल इकरम का होवा था वो ही हाल मेरा हुआ. शदीद दर्द की वजह से मैं ऊऊऊवगगगगगगगगग की आवाज़ निकालती हुई धराशाई हो गई. उसने एक वार पर बस नही किया और एक झटका फिर मेरी चूत पर रसीद कर दिया. दर्द की वजह से मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया . और मैं नीचे गिर पड़ी. इकरम गुस्से से पागल हो रहा था वो गुस्से से बोला, साली हरमज़ड़ी मेरे लंड पर घुटना मारती है अब देख मैं अपने इसी लंड से तेरी चूत और गांड का किया हाल करता हूँ. ये कह कर उसने एक लात ज़ोर से मेरे पेट पर मारी. तकलीफ़ की वजह से मैं चीखने लगी और मेरी आँखों से आँसू निकलने लगे. इकरम मुझे छोड़ कर बाथरूम चला गया . मुझ मे उठने की हिम्मत नही थी और मैं नीचे ही पड़ी रही और दर्द की वजह से तड़पति रही. थोड़ी देर बाद जो इकरम बाथरूम से निकला तो उसके हाथ मे मेरे पीशाब मे भीगे हो कपड़े थे जो मैं बाथरूम मे छोड़ आई थी. इकरम ने मेरी पीशाब से भीगी होई कमीज़ से मेरे दोनो हाथो को बाँध दिया. अब मुझ मे अब लड़ने की हिम्मत नही बची थी. मैं रोते हुए बोली, तुम मेरे साथ आएसा क्यूँ कर रहे हो मैंने तुम्हारा किया बिगाड़ा है. इकरम ने मेरे हाथो को बाँधने के बाद उसने मेरी शलवार से मेरे दोनो पावं भी बाँध दिए. मैंने फिर उस से इल्तीजा करी, प्लीज़ मुझ पर रहम करो मुझे छोड़ दो मैं तुमसे माफी मांगती हूँ प्लीज़ मुझे मेरा क़सूर तो बता दो. मेरे दोनो हाथ पैरों को बाँध देने के बाद उसने मेरा ब्रेज़ियर मेरे मुँह मे ठूंस दिया. अब मैं हिलने जुलने के साथ साथ बोल भी नही सकती थी. वो मुझे बाँध कर बोला, पहले शायद मैं तुम्हारा ये हाल नही करता मगर तुम ने मुझ पर वार कर के खुद ही मुसीबत मोल ली है. और रही बात क़सूर की तो क़सूर तुम्हारी खूबसूरती का है जिस को देख कर मैं पागल हो गया हूँ. अगर तुम खुशी से मेरा साथ देती तो तुम्हे भी माज़ा आता मगर अब मुझे ये सब ज़बरदस्ती करना पड़े गा. इकरम ने मुझे सीधा लिटा दिया और झोक कर मेरे बूब्स को चूमने और चाटने लगा. वो वहशीपने से मेरे दोनो बूब्स को चूस और काट रहा था जिस से मुझे तकलीफ़ हो रही थी. मैं कुछ बोल तो नही सकती थी मगर मेरी आँखों से मुसलसल आँसू बह रहे थे. वो बार बार मेरे बूब्स के निपल को काट रहा था और मैं बुरी तरह से सिसक रही थी. काफ़ी देर तक मेरे बूब्स को चूसने और काटने के बाद उसने मेरी चूत पर हमला कर दिया. वो कुत्टो की तरह बड़ी बेसब्री से मेरी चूत को नोच और खसोट रहा था. फिर उसने एक दम से अपनी 3 उंगलियाँ मेरी कुँवारी चूत मे घुस्सा दी. तकलीफ़ की वजह से तड़प गई. इकरम वहशी बड़ा तेज़ी से अपनी उंगलियाँ मेरी चूत मे आगे पीछे कर रहा था. अचानक से मेरे बदन मे अकराहट पैदा होई और मेरे पूरे बदन की ताक़त जैसे मेरी चूत मे समा गई. मेरी साँसे एक दम से तेज़ हो गई थी और मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी जान मेरी चूत के रास्ते निकल जाएगी और फिर मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया. ये मेरा पहला सेक्स सॅटिस्फॅक्षन था और फिर मेरे पूरे बदन मे एक सरूर सा दौड़ गया और मेरी तेज़ साँसे बहाल हो गई. मैंने अपनी आँखे बंद कर ली. फिर जब इकरम ने मेरी टाँगे उठाई तो मैंने आँखे खोल कर देखा. इकरम घोटनो के बल बैठा हुआ था और उसका आकड़ा हुआ पाइप जैसा लंड मेरी चूत से टकरा रहा था. मैं समझ गई के अब वो अपना लंड मेरी चूत मे डाल कर मेरी चूत को फाड़ना चाहता है. आने वाली तकलीफ़ का सोच कर मेरे जिस्म से जैसे जान निकल गई. इकरम ने अपने हाथ से अपने लंड की टोपी मेरी चूत के सुराख़ मे फँसैई और एक ज़ोरदार झटका मारा. तेज दर्द की वजह से मैं बुरी तरह तड़पी और चीखी. मेरे मुँह मे ब्रेज़ियर होने की वजह से मेरे मुँह से चीख की जगा सिर्फ़ ग्घूऊऊऊ की आवाज़ निकली. मेरा जिस्म ज़ोर से तडपा. इकरम का लंड 2 इंच तक मेरी चूत मे घुस्स चुक्का था. इकरम ने मेरे तड़पते हुए जिस्म को कस कर पकड़ा और एक ज़ोरदार झटका और मारा. अब उसका लंड 4 इंच तक मेरी चूत मे घुस्स गया था. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे इकरम ने कोई तेज़ धार तलवार मेरी चूत मे घुसा दी हो. मेरा जिस्म बुरी तरह से तड़प रहा था. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | शदीद दर्द की वजह से मेरी आँखों से आँसू निकल रहे थे. मेरी ये हालत देख कर इकरम मुस्काराया और बोला, मेरी जान अभी तो मेरा सिर्फ़ 4 इंच लंड अंदर गया है ये दर्द तो कुछ नही है असली दर्द तो तुम्हे अभी होगा. ये कह कर इकरम ने एक बहुत ही तेज़ झटका मारा. अब की बार उसका 9 इंच लंबा और 2 इंच मोटा लंड मेरी चूत को बुरी तरह से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस्स गया . दर्द के मारे जैसे मेरा साँस रुक गया और मेरी आँखों के सामने अंधेरा छा गया . इसी दौरान इकरम ने एक ज़ोरदार झटका और मारा और दर्द के मारे जैसे मैं उछल पड़ी. इकरम ने मुझे कस कर पकड़ा हुआ था और वो ज़ोरदार झटके मारने लगा. इकरम के हर झटके पर मैं दर्द के मारे उछल पड़ती. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी जान निकल जाएगी. अभी इकरम को मुझे चोदते हुए 5 मिनट ही हुए होंगे के ट्रेन के कॉमपार्टमेंट का दरवाज़ा खुला और कोई अंदर आ गया. शायद इकरम दरवाज़ा अंदर से बंद करना भूल गया था. दरवाज़े खुलने की आवाज़ पर इकरम घबरा कर मुझ पर से उतर गया . आने वाला टिकेट चेकार था. टिकेट चेकर अंदर का मंज़र देख कर हेरान रह गया और बोला, ये क्या हो रहा है? टिकट चेकर को देख कर मुझे अपने बचने की उमीद नज़र आई और मैं बुरी तरह से तड़प कर कुछ कहने की कोशिश करने लगी. मुँह मे ब्रेज़ियर होने की वजह से सिर्फ़ ग्घूऊऊऊ ग्घूऊऊऊ की आवाज़ ही मेरे मुँह से निकल रही थी. मेरी हालत देख कर टिकट चेकर इकरम से बोला, आप इस मासूम का रेप कर रहे हैं मैं अभी जा कर पोलीस को खबर करता हूँ. टिकट चेकर की बात सुनकर इकरम बोला, पोलीस को खबर करने से पहले मेरी एक बात सुनते जाओ. इकरम की बात सुनकर टिकट चेकर सवालिया नज़रों से इकरम को देखने लगा. इकरम ने कहना शुरू किया, पोलीस को तुम बाद मे बुलाते रहना मगर पहले तुम मेरे लंड की तरफ देखो जो इस लड़की के खून से लाल हो रहा है. टिकेट चेकर की नज़रों के साथ साथ मेरी नज़रे भी इकरम के लंड पर गई. इकरम का पूरा लंड खून से लाल हो रहा था. इकरम ने फिर कहा, ये लड़की कुँवारी थी अभी अभी मैंने इसकी चूत की सील तोड़ी है मगर इसकी गांड अभी तक कुँवारी है तुम चाहो तो इस लड़की की कुँवारी गांड मार सकते हो. देखो इस लड़की का जिस्म देखो कितना खूबसूरत और सेक्सी जिस्म है किया कोई इतना सेक्सी जिस्म ऐसे छोड़ सकता है? मेरे साथ साथ तुम्हे भी मौका मिल रहा है इस मोके से फ़ायदा उठाओ. पोलीस को बुला कर तुम्हे क्या मिल जाय गा? अब ये तुम्हारे उपर है के तुम पोलीस को बुलाओ या यहा मजे कर लो फ़ैसला तुम्हारे हाथ मे है. टिकट चेकर इकरम की बात सुनकर उसको देखने लगा फिर उसने मेरे जिस्म को देखा और मूड गया . दरवाज़े के पास पोहन्च कर उसने दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया और लॉक कर दिया. फिर जब वो मुड़ा तो उसके चेहरे पर मुस्कराहट थी. टिकट चेकर को मुस्करता हुआ देख कर इकरम भी मुस्करा दिया. फिर वो बोला, मेरे दोस्त तुम ने बिल्कुल सही फ़ैसला किया है आओ अब दोनो मिल कर मजे करते हैं. टिकट चेकर अपनी पॅंट उतारता होवा बोला, आप सही कह रहे हैं पोलीस को बुला कर मुझे किया मिल जाय गा क्यूँ ना मैं भी कुछ माज़ा ले लूँ काफ़ी दिनो से किसी लड़की को चोदा नही है अब एक कुँवारी लड़की मिल रही है तो मैं खुद को केसे रोक लूँ. टिकट चेकर की बात सुनकर मेरे पैरों तले ज़मीन निकल गई. कहा मैं उसे अपना मसीहा समझी थी कहा वो एक लूटेरे के साथ लूटेरा बन कर मेरी बची कूची इज़्ज़त लूटना चाहता था. फिर जब मैंने टिकट चेकर का लंड देखा तो मेरा साँस मेरे हलक़ मे अटक गया क्यूँ उसका लंड भी इकरम के लंड से कम नही था. थोड़ी देर मे ही टिकट चेकर का लंड फुल अकड़ गया था. इकरम कहने लगा, दोस्त पहले तुम इसकी गांड फाडो फिर हम दोनो मिल कर इसे चोदेगे. इकरम की बात सुनकर टिकट चेकर मेरे पास आ गया. इकरम ने मुझे बुरी तरह से बाँधा था और मैं ज़रा सी भी हिल नही सकती थी. टिकट चेकर ने मेरी दोनो टांगे उठा कर उसने मेरे कंधो से लगा दी. फिर वो मेरे पैरों को पकड़ कर मेरे उपर झुक गया . इस पोज़िशन मे मेरी गांड घूम कर उपर उठ गई थी और अब वो टिकट चेकर के लंड से टकरा रही थी. टिकट चेकर ने झुके झुके ही अपना लंड मेरी गांड के सुराख मे फँसाया. मेरी गांड का सुराख बहुत छोटा था और उसका लंड बहुत मोटा. काफ़ी मूसखिल से उसने अपना लंड मेरी गांड के सुराख मे फिट किया. लंड की टोपी फिट करने मे ही मेरी गांड का हाल खराब हो गया था. मैं सोच रही थी के मेरी गांड मे अभी इतना दर्द है तो गांड फ़ाटने के बाद कितना होगा. टिकट चेकर ने ज़ोरदार झटका मारा और मेरी जान उछल कर मेरे हलक़ मे आ गयी. शदीद दर्द की वजह से मेरे जिस्म मे झिर झिरी सी दौड़ गई. टिकट चेकर का लंड 1 इंच मेरी गांड मे घुस्स चुक्का था. उसने फिर झटका मारा और उसका लंड 2 इंच मेरी गांड मे चला गया . दर्द के मारे मैं फिर तड़पी. टिकट चेकर इकरम से बोला, साहिब इसकी गांड तो बहुत टाइट है. इकरम मुस्काराया और बोला, दोस्त टाइट चूत और टाइट गांड ही तो माज़ा देती है तुम लगे रहो और इसकी गांड फाड़ डालो. इकरम की बात सुनकर टिकट चेकर ने एक ज़ोरदार झटका और मारा. मुझे यू महसूस हो रहा था के मेरी जान अब निकली के तब निकली. मेरी गांड का दर्द मेरी बर्दाश्त से बाहर हो रहा था. मैं तड़पना चाहती थी मगर तड़प नही पा रही थी रोना चाह रही थी पर रो नही पा रही थी. ट्रेन के पूरे कॉमपार्टमेट मे मेरे मुँह से निकलने वाली ग्ग्गूऊऊओ गगगगगगगघूऊऊऊऊऊऊ की आवाज़े गूँज रही थी. टिकट चेकर का लंड 4 इंच तक मेरी गांड फाड़ चुक्का था.दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | फिर टिकट चेकर ने अपने पूरे जिस्म की ताक़त लगा कर एक बहुत ही ज़ोरदार झटका मारा. अब उसका लंड मेरी गांड को बहुत बुरी तरह से फाड़ता हुआ जड़ तक अंदर घुस्स गया . मुझे उसके टटटे अपने चूतरो पर टकराते हुए महसूस हुए. टिकट चेकर का ये झटका इतना ज़ोरदार था के मैं ये झटका बर्दाश्त नही कर पाई और दर्द के मारे बेहोश हो गई. मगर मेरी ये बेहोशी कुछ देर की थी क्यूँ के अगले ही लम्हे दर्द की एक और तेज़ लहर ने मुझे बोहोशि के दलदल से वापिस खींच लिया. ये टिकट चेकर का एक और शानदार झटका था जिस की वजह से मेरा जिस्म दर्द से बहाल हो गया था. अब टिकट चेकर ने अपना पूरा वज़न मेरे उपर डाल दिया था और वो मेरी टाँगों को कस कर पकड़ा हुआ खूब ज़ोर ज़ोर से झटके मार रहा था. टिकट चेकर का लंड बुरी तरह से मेरी गांड को छील रहा था. मैंने अपनी ज़िंदगी मे कभी भी नही सोचा था के मुझे इतने बुरे दौर से गुज़रना पड़े गा. मैं दुवा माँग रही थी के काश मुझे मोत आ जाए और मुझे ये दर्द सहना ना पड़े मगर मुझे मोत नही आराही थी और मेरा दर्द बढ़ बढ़ कर मेरे पूरे जिस्म को तडपाए जा रहा था. टिकट चेकर ने पूरे 20 मिनट तक मेरी बुरी तरह से गांड मारी फिर वो मेरे उपर से उतर गया . मैंने शूकर अदा किया के शायद उसे मुझ पर रहम आ गया है. इकरम कहने लगा, किया हुआ मेरे दोस्त तुम रुक क्यूँ गये क्या थक गये हो. टिकट चेकर मुस्कराता हुआ बोला, नही साहिब थका नही हूँ मुझे आप का ख़याल बार बार आरहा था के मैं आप का हक़ मार रहा हूँ और खुद मजे कर रहा हूँ. टिकट चेकर की बात सुनकर मैंने दिल ही दिल मे उसे गाली दी और बोली, भद्वे को इकरम के हक़ का ख़याल हो रहा है पर मेरे दर्द का एहसास नही है. टिकट चेकर की बात सुनकर इकरम हंसा और बोला, अरे यार कोई बात नही मुझे तो देख कर भी बहुत माज़ा आरहा था. टिकट चेकर बोला, हा साहिब साली की गांड बड़ी टाइट है मा कसम इतनी टाइट गांड मुझे आज तक नही मिली. इकरम ज़ोर से हंसा और बोला, यार ये कुँवारी गांड है तुम ने अभी तक खोली होई गांड मारी होगी. इकरम की बात सुनकर टिकट चेकर भी हंसा और बोला, साहिब आप की बात सच है चले अब दोनो मिल कर इसे चोदते हैं. फिर वो दोनो मेरे पास आगाये. मैं दिल मे डरने लगी के अब मेरा पता नही किया हाल होने वाला है. इकरम ने मुझे उठा कर खड़ा कर दिया. मेरे पैरों मे बिल्कुल भी जान नही बची थी. मैं गिरने लगी तो टिकट चेकर ने मुझे थाम लिया. फिर इकरम ने मुझे घूमा कर उसने मुझे थोड़ा झुकाया और फिर उसने पीछे से अपना लंड मेरी गांड मे झटके से घुस्सा दिया. मैं झटके के ज़ोर से आगे गिरने लगी तो टिकट चेकर ने फिर मुझे थामा. फिर इकरम ने अपना लंड मेरी गांड मे डाले हो ही मुझे सीधा कर दिया. अब टिकट चेकर ने आगे से मेरी दोनो टाँगे उठाई तो इकरम ने कस कर मुझे कमर से पकड़ लिया. टिकट चेकर ने मेरी दोनो टाँगों को उठा कर अपना कंधो पर रख लिया. अब मैं इकरम और टिकट चेकर के सहारे हवा मे झूल रही थी. अब टिकट चेकर ने आगे से अपना लंड मेरी चूत मे एक झटके से डाल दिया. फिर दोनो ने मुझे कस कर पकड़ लिया और दोनो झटको पर झटके मार कर मुझे चोदने लगे. दोनो के ज़ोरदार झटको से मैं उन दोनो के बीच मे पीसी जा रही थी और मेरे दोनो सुराखों मे दर्द इतना था के जो मुझे से बर्दाश्त नही हो रहा था. वो दोनो कुत्तों की तरह बड़ी बेदर्दी से मुझे चोद रहे थे. चुदवा चुदवा कर मेरी चूत और गांड सूज गई थी और फोडे की तरह दुख रही थी. 2 घंटे पूरे 2 घंटे तक वो दोनो ज़ालिम बने हुए मुझे कुत्तों की तरह चोदते रहे. फिर जब वो दोनो फारिग हो तो टिकट चेकर ने तो अपने लंड की मॅनी मेरे बूब्स पर निकाल दी जब के इकरम ने मुझे लिटा कर मेरे मुँह मे फँसा हुआ मेरा ब्रेज़ियर मेरे मुँह से निकाला और अपना लंड जड़ तक मेरे मुँह मे घुस्सा दिया. मैं बुरी तरह से तड़पी मगर उसने कस कर मेरा सर पकड़ लिया. फिर इकरम ने अपने लंड की सारी पानी मेरे हलक़ मे निकाल दी. मुझे उबकाई तो बहुत आई मगर जब तक उसके लंड की सारी पानी मेरे पेट मे ना उतर गई उसने मुझे छोड़ा नही. जब इकरम मुझे छोड़ कर हटा तो मैं अपनी किस्मत पर रोने लगी. मुझे रोता देख कर इकरम हँसने लगा. 2 घंटे की चुदाई के बाद वो दोनो थक गये थे इसलिए वो दोनो बैठ गये.दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | टिकट चेकर इकरम से कहने लगा, साहिब किसी को चोदने मे आज तक इतना माज़ा नही आया जितना आज आया है और ये सब आप की वजह से हुआ है. इकरम हंसा और बोला, ऊय यारा मैंने किया किया है जितनी मेहनत तुम ने करी है उतनी मेहनत मैंने भी करी है. टिकट चेकर बोला, साहिब ये सब आप की ही बदोलत हुआ है अगर आप मुझे समझते नही तो मैं इतना मज़ा केसे ले पाता. इकरम मुस्काराया और बोला, अरे इस मे मेरा कोई एहसान नही है मेरा काम था सही और ग़लत बताना अगर तुम ने मेरी बात को समझ लिया तो इसमें मेरा क्या एहसान हुआ. टिकट चेकर बोला, जो कुछ भी है मगर मैं आप का बहुत शूकर गुज़ार हूँ के आप की वजह से मैंने अपनी ज़िंदगी का सब से बड़ा माज़ा हासिल किया है. ये कह कर वो उठ कर खड़ा हो गया और बोला, साहिब मुझे बहुत देर हो गई है मैं अब चलता हूँ. ये कह कर वो अपनी पॅंट पहनने लगा. इकरम बोला, यार तुम अभी से जा रहे हो अभी तो काफ़ी सफ़र बाकी है दोनो मिल कर रास्ते भर इसे मिल कर चोदेन्गे. टिकट चेकर मुस्काराया और बोला, नही साहिब मुझे अभी सब के टिकेट भी चेक करने हैं मैं 2 घंटो से गायब हूँ ऐसा ना हो मेरी ढूँढ पड़े इस लिए मैं चलता हूँ अब मैं इस कॉमपार्टमेंट मे किसी को नही आने दूँगा अब आप बेफिकर होकर मजे करे. इतना कह कर टिकट चेकर चला गया . टिकट चेकर के चले जाने के बाद इकरम मुझे देख कर मुस्कराने लगा. मैंने नफ़रत से अपना मुँह मोड़ लिया कुछ कहना उस से बेकार था इस लिए मैं चुप ही रही. मेरी चूत और गांड मे अभी तक दर्द हो रहा था इस लिए मैंने अपनी आँखे बंद करली. अभी मुझे सकून से लेते हो 20 मिनट ही हो होंगे के एक दम से मेरे जिस्म पर बोझ आ गिरा. ….
कहानी जारी रहेगी……
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अब्बू के दोस्तों ने की जबरदस्त चुदाई-1
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