प्रेषिका: ज्योति
भाई और उसके दोस्तों ने मेरी सील तोड़ी-1
अभी तक आप लोगो ने पढ़ा … मैं कपडे पहन के अपने बेड पर जा के लेट गई मैंने सोचा की भाई आएगा तो क्या कहूँगी पर होना कुछ और था आज रिश्ते बदनाम होने थे |… और अब आगे की कहानी …. भाई का सामना करने के बारे में सोचने रही थी वह अजय मेरे भाई को कुछ और समझा रहा था यह बात मुझे बाद में पता चली की अजय ने भाई को कहा की यार राकेश मिठाई का डब्बा घर में रखा हो तो खाने की बनती है कोई बाहर वाला ( आशीष ) खाले यह गलत है और फिर हम अगर कुछ कर भी ले तो तेरी बहन को कोई कमी थोड़ी हो जाएगी समुद्र में से एक दो लोटे निकाल लो तो पानी कम थोड़ी हो जायेगा तेरी बहन तो जवानी की आग में जल ही रही है यह लौंडा नहीं तो कोई और आ जायेगा उसे चोदने के लिए चूत तो है ही चुदने के लिए हम चोद ले तो हमारी नहीं तो बाहर वाला मजे ले जायेगा और हम ताकते रह जायंगे वैसे भी हम एक बार कर ले तो चूत का क्या बिगड़ जायेगा ( सच तो यह है की शायद भाई भी चाहता था की उस के बहन की जवानी का मज़ा लूट लिया जाये) उस ने अजय का साथ दिया और फिर उस ने मेरे कमरे में कदम रखा तो मैं सकपका गई मेरा रोना छूट गया मैंने रोते हुए भाई को कहा की भाई आशीष और मैं एक दूसरे से प्यार करते हैं हम शादी करने की सोच रहे हैं उस का ऍम. बी. बी. एस. हो जाये तो वह पापा मम्मी को भेजेगा हमारे यहाँ बात करने मैं अपनी ही धुन में कहे जा रही थी मैंने यह नहीं देखा की राकेश वासना भरी नजरो से मुझे घूर रहा था फिर पीछे से अजय ने कमरे में कदम रखा दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ज्योति – राकेश अजय को कहे की वो बाहर निकल जाये यह हमारे बीच के बात है.
अजय – क्यूं जब वह सोफे पर नंगी हो हो के चुदवा रही थी तब गेट बंद नहीं किया तब ध्यान नहीं आया की कोई आ जायेगा.
ज्योति – राकेश इसे बाहर निकालो ना देखो न कैसी गन्दी भाषा में बात कर रहा ही मुझ से .
अजय – अरे अभी गन्दा काम खुद कर रही थी ऐसी चुदास लग रही थी तो हम से कह देती बाहर वाले को बुलाने की क्या जरुरत थी
ज्योति – बन्तीईईईए चुप हो जा राकेश कुछ कहते क्यूं नहीं अपने दोस्त को
राकेश – चुप साली एक तो घर में लौंडे बुला के मुह कला करवाती है और हमें चुप रहने को कहती है
मैं सन्न रह गई की भाई कैसी भाषा में मुझ से बात कर रहा है मैंने कहा की तुम दोनों बाहर निकल जाओ
ज्योति – राकेश तुम अपने दोस्त को ले के चले जाओ वरना मैं पापा मम्मी से तुम्हारी शिकायत कर दूंगी
राकेश – तू क्या शिकायत करेगी वो तो मैं करूँगा तेरी अगर तुने मेरी बात नहीं मानी तो बताऊंगा की कैसे तू उस के साथ चुदवा रही थी. शादी करनी है तो ठीक है पर चुदाई करवाने कैसे बैठ गई तू.
मैं चुप हो गई मुझे समझ में नहीं आया की क्या कहूं मुझे कुछ समझ में नहीं आया की क्या कहूं क्या करू
अभी मैं कुछ समझ पाती की अजय आगे आया और मुझे बाहों में भर के मुझे किस करने लगा मैंने उस को धक्का दिया और राकेश के तरफ देख के बोला की राकेश ऐसे क्या देख रहे हो यह तुम्हारी बहन की इज्जत पर हाँथ ड़ाल तुम खड़े हो
राकेश – खड़ा तो मैं हूँ ही और मेरा लंड भी खड़ा हो रहा है तेरी जवानी देख के जब तू नंगी भाग रही थी ना तो पेंट में फनफना उठा था मेरा लौडा.
अजय – साली तेरी जवानी देख के तो पूरा मुहल्ला तेरा दीवाना हो जाये हम दोनों की क्या है
ज्योति – राकेश तुम दोनों निकल जाओ मेरे कमरे से वरना मैं चिल्लाउंगी
अजय – चिल्लाएगी साली क्यूं तू चाहती है की हम तेरे हाँथ पैर बाँध के तेरे साथ वो सब करे जो तुम अभी मजे ले के कर रही थी शांति से हम दोनों को खुश कर दे वरना आज तेरी इज्जत लूटनी पड़ेगी हमें कहते हुए उसने मुझे धक्का देके बेड पर गिरा दिया फिर उस ने राकेश से कहा की राकेश आजा अब किस का इंतज़ार कर रहा है
राकेश – इंतज़ार किस का करू अजय यार लौड़े को बहुत सरका लगा लगा की शांत किया है आज जब मौका है तो चूत को छोड़ दूंगा क्या?
अजय – तो फिर आ जा जल्दी से कहते हुए उस ने मेरी स्कर्ट के अन्दर हाँथ ड़ाल दिया और मेरी चूत को मसल मसल के देखने लगा
राकेश – सुन अजय पहले मेरी बारी क्यूंकि माल तो मेरे घर का है ना तो चूत के दरवाजे मेरे लौड़े से ही खुलेंगे फिर राकेश ने मुझ से कहा की क्यूं साली छिनाल पहले कितनो के साथ चुदवा चुकी है?
ज्योति – भाई ऐसा मत करो मेरे साथ मैं तुम्हारी बहन हूँ कुछ तो सोचो भगवान् के लिए मैंने कभी किसी के साथ कुछ नहीं किया है मैं कुवारी हूँ अभी तक. दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राकेश – भाई वाह आज तो मज़ा आ गया कुवारी लड़की की सील तोड़ने का मौका मिला है आक्जो अजय भाई मज़ा आ गया कहते हुए उस ने मेरे रोने को ना देखते हुए
मेरे स्कर्ट को खींच के उतार दिया मैं हाँथ जोड़ के कहने लगी के प्लीज मुझे छोड़ दो लेकिन उन लोगो को सुनना थोड़ी था मेरी कोई बात वोह तो हवास की आग में पागल हो गए थे जैसे ही राकेश ने मेरी स्कर्ट उतारी तो मेरी नंगी टाँगे देख के अजय पागल सा हो गया उस ने मेरी टांगो को ही जीभ से चाटना शुरू कर दिया
और राकेश बेड पर आ गया और मेरी पेट पर बैठ के मेरे टॉप को उतरने लगा तो मैंने अपने टॉप को पकड़ लिया तो उस ने गुस्से में उसे फाड़ दिया अब मेरा फटा हुआ टॉप एक तरफ गिरा पड़ा था उस ने गुस्से में मेरी ब्रा भी खीची तो वो भी तार तार हो गई राकेश मेरे बूब्स को मसलने लगा कहने लगा की हाय रे कैसे प्यार हैं इतने गोरे ढूध तो मैंने कभी ब्लू फिल्मो में भी नहीं देखे हैं कहते हुए उस ने मेरे निप्पलस को खीचना शुरू कर दिया मुझे दर्द होने लगा मैंने कहा भाई ऐसा मत करो प्लीज मुझे लग रही है तो उस ने मुझे चांटा मारा और कहा की अब मुझे भाई कहा तो साली काट के रख दूंगा तेरे निप्पलस को राकेश ने मेरे बूब्स को और जोर जोर से मसलना शुरू कर दिया वह अजय मेरे टांगो को चाट रहा था और धीरे धीरे ऊपर की तरफ बाद रहा था उस ने राकेश को देख के मेरी पेंटी भी फाड़ के ही उतारी अब मेरे शरीर पर कपड़ो के नाम पर कुछ चिंदिया लटक रही थी उस ने मेरी टांगो को फेलाने की कोशिश की तो मैंने जोर लगा के अपनी चूत को छिपा लिया टांगो को क्रोस में बंद कर लिया तो अजय ने राकेश को कहा की राकेश यह साली तो कुछ करने नहीं दे रही है यार टाँगे बंद कर ली साली ने
तो राकेशे ने कहा की रुक जरा और कहते हुए उस ने मेरे निप्पलस को खीचना शुरू कर दिया ऊपर की तरफ मैं दर्द से चिल्ला padi तो उस ने कहा की टाँगे खोल ले नहीं तो खींच के इतने लम्बे कर दूंगा की घुटनों तक लटकेंगे मैंने कहा ठीक है ठीक है मैं खोल रही हूँ टाँगे प्लीज निप्पलस को छोड़ दो कहते हुए मैंने अपनी टाँगे फैला ली
तो राकेश ने कहा की हरामी छोड़ने मत लग जइयो पहले मैं चोदुंगा तो अजय ने कहा नहीं यार पहले तेरी बारी है मैं तो सिर्फ चाट के थोडा रस पी रहा हूँ कुवारी चूत का कहते हुए उस ने मेरी चूत में ऊँगली ड़ाल दी | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अजय – हाय रे देखो तो कितनी गरम है चूत इसकी लगता है भट्टी लगा रखी है अन्दर
राकेश – अच्छा ! बूब्स भी बड़े मस्त है छिनाल के कहते हुए राकेश मेरे ऊपर से उठ गया और बोला की अब तो साला लौडा पेंट के अन्दर रुक ही नहीं रहा कहते हुए उस ने अपनी पेंट अंडरवेयर समेट उतार कर फेक दी तो अजय ने मेरे चूत की फाको को अलग किया और उस के अन्दर अपनी जीभ ड़ाल दी और चूत के जी स्पोट को मसलने लगा उस ने मेरी चूत को चाट चाट के गीला कर दिया ऊपर से मेरी चूत को मसल मसल के लाल कर दिया अब मुझे भी मजा आने लगा था तो anjane में ही मैं अपनी चूत को उछलने लगी अपने आप ही मेरे अन्दर मस्ती आने लगी जब कोई लड़की मस्त हो जाती है तो उसकी कमर में अपने आप लोच आ जाती है उस की कमर अपने आप मचलने लगती है तो यह देख के अजय ने कहा की राकेश भाई चूत पर मस्ती छाने लगी है चुदाई के लिए तैयार यह छेद यह सुन के राकेश मेरे ऊपर से उठ गया और अपने लौड़े को मसलते हुए बोला की तो फिर मेरी बारी शुरू मेरे बाद तू निपट लेना मैंने देखा की राकेश का लंड काफी बड़ा था मैंने आशीष का लंड तो कभी देखा नहीं था तो कह नहीं पाई की किस का बड़ा है राकेश ने कहा की ज्योति तैयार हो जा चुदाने के लिए कहते हुए उस ने मेरी चूत पर अपना लौडा रख दिया मस्ती तो मुझ पर भी छ गई थी पर मैं कुछ कह नहीं रही थी अपने आप को मैंने कंट्रोल कर रखा था फिर राकेश ने मेरी चूत के छेद पर अपने लंड का दबाव बढाया तो लंड थोडा सा अन्दर गया पर मुझे ऐसा लगा की किसी ने चूत में चाकू ड़ाल दिया हो मेरी चूत में दर्द होने लगा तब तक राकेश ने थोडा और जोर लगा के अन्दर डालने की कोशिश की तो मैं दर्द से चिल्ला पड़ी ज्योति – राकेश छोड़ दो मुझे लग रही है बहुत दर्द हो रहा है नीचे
अजय – चुप रह साली कुवारी चूत है पहली बार तो लगेगी ही जब उस लौंडे से चुद्वाती तो नहीं लगती क्या
राकेश – ज्योति चुप चाप कर लेने दे नहीं तो मैं जबरदस्ती ड़ाल दूंगा प्यार से चुद्वायेगी तो आराम से करूँगा
मैं चुप चाप हो के वापस लेट गई तो राकेश ने धीरे से थोडा और अन्दर ड़ाल दिया और मैं फिर दर्द से तड़प उठी राकेश ने धीरे धीरे अपना लंड अन्दर पलना शुरू कर दिया मैं दर्द सह के लेती रही राकेश आराम से ड़ाल रहा था उस ने वापस निकाल लिया अपने लंड को और फिर एक बार धीरे से अन्दर ड़ाल दिया ऐसा करते करते उस ने अपने लौड़े को अचानक मेरी चूत में पूरा पेल दिया मैं दर्द से उचक गई आँख से आंसू निकल आये तो राकेश ने कहा की अब बस पूरा चला गया है अब दर्द नहीं होगा
कहते हुए राकेश ने मेरे चूत को छोड़ना चालू कर दिया धीरे धीरे उस ने अपने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया तब तक अजय भी अपने कपडे उतार के नंगा हो गया था उस का राकेश के मुकाबले थोडा छोटा था
अजय – राकेश भाई मैं क्या अपना लौडा हाँथ में लिए खड़ा रहूँ क्या ? दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राकेश – अरे यार तो मैं करू ? एक काम कर ना ब्लू फिल्मो की तरह तूभी अपना लौडा चुसवा के देख मजा आता होगा उस में भी अजय को बात जम गई वो मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड मेरे मुह के पास लाते हुए बोला की चल जरा चूस के दिखा मेरे लौड़े को देखे तो कैसा मज़ा आता है मैंने कहा
ज्योति – छी छी मैं नहीं लेती मुह में गन्दा होता है यह
अजय – साली नखरे ना कर अब जल्दी से मुझ भी खुश करना शुरू कर दे नहीं तो तेरी गांड में ही पेल दूंगा
राकेश – ले ले ज्योति वरना अभी तो चूत में दर्द है बाद में गांड में भी दर्द हो जायेगा हा हा हा
ज्योति – ठीक है पर प्लीज अजय से नहीं करवाउंगी मैं बहुत दर्द हो रहा है मुझे
अजय – ठीक है पहले जरा लौड़े को चूस तो मैंने अपने मुह को थोडा था खोला तो अजय ने मेरे होठो पर अपने लंड को रख दिया तो मैंने भी उसे चाट के देखा तो मुझे स्वाद बड़ा अजीब सा लगा मैंने मुह हटा लिया तो उस ने मेरे सर को पकड़ के अपने लौड़े के पास लाते हुए कहा की चूस भी ले अब जानेमन तो मैंने थोडा मुह खोल के उस के लौड़े को अन्दर लिया तो मुझे भी मज़ा सा आया और ध्यान चूत की तरफ से हट गया तो दर्द भी कम लगने लगा मैंने अजय के लंड को चुसना चुरू कर दिया तो वो मस्ती से कहने लगा हाय रे बड़ा मज़ा आता है चुस्वाने में तो यार यह ब्लू फिल्म वाले तभी सबसे पहले मुह में देते हैं फिर चोदते हैं वह जाने मन मज़ा आ गया आज तो चूस अच्छे से चूस तभी राकेश ने मेरी चूत में अपने लंड के धक्के तेज कर दिए अब मुझे भी मज़ा आ रहा था दर्द गायब हो गया था तो मैंने भी मज़ा लेने लगी चूत को उचका उचका के राकेश का लंड लेने लगी 5 – 7 मिनट बाद राकेश ने तेजी से मुझे चोदना शुरू कर दिया और अचानक ऐसा लगा की अन्दर कुछ गरम सा भर गया है राकेश लस्त पस्त हो के अपने लंड को निकाल के कहने लगा अआः आः आह आज तो जन्नत का मज़ा आ गया अजय भाई मैं तो फ्री हो गया तेरी बारी है अजय फट से उठा और नीचे आ के मेरी चूत का निशाना लेने लगा उस ने अपना लंड डाला मेरी चूत में तो वो आसानी से चला गया क्यूंकि एक तो चूत फ़ैल गई थी थोड़ी और ऊपर से राकेश के वीर्य ने अन्दर चिकनाई पैदा कर दी थी उस ने तेज़ी दिखाई और मेरे चूत में लंड पेलने लगा जोर जोर से तो अभी उस ने कुछ धक्के दिए होंगे की मुझे ऐसा लगा की मेरे उंदर से कुछ निकल रहा है ऐसा लगा की पेशाब आ गया है पर यह था जब मैं पहली बार झड़ी थी किसी लौड़े से. मेरा मन भर गया तो मुझे मज़ा आना बंद हो गया तो मुझे फिर से दर्द भी होने लगा था पर अजय था की रुक ही नहीं रहा था उस के धक्के तेज़ होते जा रहे थे वो तो राकेश से ज्यादा फास्ट चुदाई कर रहा था मैंने कहा की मुझे दर्द हो रहा है तो राकेश ने कहा की कुछ देर और पड़ी रह अजय को भी निपट लेने दे उसे भी तो पता चले की चूत में माल निकलने में क्या मज़ा आता है राकेश मेरे बगल में आ के लेट गया और मेरे बूब्स से खेलने लगा
अजय का लंड छोटा जरूर था पर वो राकेश से ज्यादा दमदार था उस की चुदाई से मेरी चूत में जलन सी होने लगी पर मैं क्या करती चुप कर के उस के लंड को झेलती रही
तभी अजय के शरीर ने झटका खाया और उस ने भी मेरी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया फिर से एक गरम अहसास से चूत भर गई अजय ने चूत से अपना लोडा निकलने की कोशिश नहीं की और मेरे ऊपर ही लेट गया हाँफते हुए राकेश ने कहा की अजय मज़ा आया की नहीं तो अजय ने कहा की यार ऐसा लगा की अगर यह कहती की चूत चुदवाने का हजारो लुंगी तो भी मैं देने को तैयार हो जाऊं थोड़ी देर अजय मेरे ऊपर ही लेते रहा तब तक राकेश मेरे बूब्स से खेल ता रहा . फिर अजय उठा और उस ने कहा की एक राउंड और हो जाये क्या मैंने कहा नहीं अब नहीं अब मैं किसी कीमत पर राजी नहीं हूँ तेरे से चुदवाने के किये समझा अब निकल जा यहाँ से और अपनी शक्ल नहीं दिखाना मुझे राकेश ने उसे इशारा किया की अब बस. राकेश ने कहा की चल अजय अब बस करे तो मुझे लगा की लगता है की राकेश की इंसानियत जाग गई है पर क्या कहूं तो अजय ने अपना लंड मेरे अन्दर से निकाल और अपने कपडे उठाये और बहार निकल गया और राकेश भी अपनी पेंट पहन के बाहर निकल गया
पहली बार में ही दो लोगो से अपनी सील तुडवा के मेरे अंग अंग में दर्द हो रहा था मैं अब घिन सी महसूस कर रही थी की छी सालो ने मेरे अन्दर ही अपनी गन्दगी निकाल दी. यही सोचते हुए मैं बेड पर से उठी ही थी की मेरी चूत में से कुछ निकलने का अहसास हुआ तो मैंने देखा की चूत में से खून निकल रहा था वोह बहता हुआ मेरी जांघ से फैलता हुआ नीचे आ रहा था साथ में दोनों के वीर्य का थोडा सा हिस्सा बाहर आ रहा था मैं तेज़ी में बाथरूम की तरफ बड़ी तो चलने में ऐसा लगा की चूत में दर्द की लहर उठ गई हो मगर मैं सब सहती हुयी बाथरूम गई वह मैंने अपने आप को साफ़ किया चूत को अच्छे से साफ़ किया और एक बार गरम पानी से सिकाई की जब तक मैं बाहर आई अपने को साफ़ कर के तब तक अजय जा चुका था और राकेश मेरे बेड पर नंगा लेता था और अपने खड़े लंड को सहला रहा था मैंने उसे देख के कहा की अब नहीं मेरे बस का नहीं है अब कुछ करना अभी अभी एक बार करवाया तो खून की धार निकल रही थी अब तो मैं मर ही जाउंगी तो वो बोला की करना तो तुझे पड़ेगा अब राजी राजी कर ले या जबरदस्ती वैसे भी सील एक बार टूटती है बार बार नहीं खून नहीं आएगा अब समझी अब आ जा जल्दी से और मुझे भी अपने लौड़े को चुस्वाने का मज़ा लेने दे साली अजय का तो बड़ा रस ले ले के चूस रही थी |
तो राकेश ने मुझे पहली ही बार में पूरी रात भर चोदा पहली ही बार में मैंने इतना दर्द सहा की अब तो दर्द में ही मज़ा आता है उस ने मुझे चोदा तो चोदा ही साथ में मुझे अपना वीर्य भी पिलाया मेरी फिल्म भी बनायीं अपने mobile से सुबह मैंने राकेश से कहा की अगर मैं प्रेग्नेंट हो गई तो उस ने कहा की आज तो मैं गोली ला देता हूँ 72 घंटे वाली पर तू अब रोज़ वाली गोली खाना शुरू कर दे मैंने मना किया तो उस ने मुझे कहा की वो अपने 4 – 5 दोस्तों को ले आएगा किसी दिन मुझे चुदवाने के लिए और चुदवाना तो पड़ेगा तुझे उन से नहीं तो मेरी विडियो मेरे बॉय फ्रेंड को देखा देगा फिर भूल जाओ फिर उस डॉक्टर से शादी की तो और वैसे भी चूत घिस थोड़े जाएगी चुदवाने से हा हा हा ……..क्यूंकि माँ और पापा तो दो दिन के लिए गए थे और अभी तो एक ही दिन हुआ था और पहले भाई ने मुझे ब्लेकमेल क्या था और मेरी सील तोड़ दी थी फिर उस के दोस्त अजय ने भाई को धमकी दी तो चुदाई मेरी ही हुयी बर्बाद मैं ही हुयी पिछले दिन की चुदाई ( भाई और अजय के द्वारा करी गई ) के बाद मैं रात भर दर्द से तडपती रही थी क्यूंकि पहले तो मेरी कुवारी चूत को भाई और अजय ने चोदा फिर रात में भाई ने मुझे तीन बार फिर चोदा अगले दिन सुबह ही राकेश ( भाई ) मार्केट से इमरजेंसी contraceptive pills ले आया था और उस ने मुझे खिला दी थी यहाँ तक की राकेश ने महीने भर खाने वाली contraceptive पिल्स ला दी थी की अब तुझे रोज़ खाना है ताकि तू पेट से ना हो जाये मुझे तो समझ में नहीं आ रहा था की क्या करूँ राकेश तो हद से ज्यादा पागल हुआ जा रहा था और तो और वो सुबह जब वापस आया तो फिर कहने लगा की कपडे उतार मुझे चुदाई करनी है मैंने मना किया तो उस ने मुझे पीटना शुरू कर दिया मेरी सलवार कमीज फाड़ दी थी तो मैंने हार के उस के साथ फिर सेक्स किया उसके साथ किये सेक्स को मैं यहाँ नहीं लिख रही हूँ क्योंकि कहानी लम्बी हो जाएगी राकेश मुझे चोद के सोफे पर ही लेट गया मैंने अपने फटे कपडे उठाये और अपने कमरे में चेंज करने चली गई वापस आ के मैं खाना बनाने लग गई किचन में जब मैं किचन में थी तो घंटी बजने की आवाज आई ( यहाँ शुरू हुयी मेरी बर्बादी की कहानी या यूं कह ले की मेरी चुदैल बनने की कहानी ) दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
घंटी बजी तो राकेश ने दरवाजा खोला तो अजय और उस के साथ राकेश के तीन और दोस्त खड़े थे राकेश ने उन से कहा की आओ दोस्तों अन्दर आओ आज अचानक सब एक साथ कैसे मेरे यहाँ आ गए ? ( किचन ड्रएंग रूम एकदम लगे हुए हैं हमारे घर में तो मुझे सब बाते सुनने में आ रही थी.) दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अजय – यार राकेश कल तेरे यहाँ से निकला तो बस हवा में उड़ रहा था बड़ा हल्का हल्का लग रहा था यह तीनो (पियूष , राजू , रमेश ) बाहर ही मिल गए मुझे मस्ती में देख के पूछने लगे की भाई अजय क्या बात है हवा में उड़े कहा चले जा रहे हो ?
राकेश – तो तुने क्या कह दिया राकेश ने गुस्से में अजय की तरफ देखा तो अजय कमीनेपन से मुस्कुरा उठा
अजय – भाई वही निकल गया जो अपना कल का राज़ था क्या करू यार इतना मज़ा जिंदगी में कभी नहीं आया तो मजा अपने दोस्तो से कैसे नहीं शेयर करता | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राकेश – साले मादर चो***** अब कह ही दिया तो यहाँ क्यूं आया है अब ?
अजय – भाई मैंने तो इन भोस**वालो को मन किया था की मैं नहीं जाऊंगा राकेश भाई के पास लेकिन साले ये मुझे कहने लगे की अगर नहीं चले तो पूरी कालोनी में हल्ला मचा देंगे की कैसे राकेश ने अपनी बहन की सील तोड़ी और दोस्त से भी चुदवाया
राकेश – पियूष क्या बकवास है यह क्यूं आये हो यहाँ बोलो ?
पियूष – यार राकेश देख भाई ऐसा है तुम दोनों ने तो कल बोतल की सील तोड़ ही ली है तो एक एक घूँट हम भी पी ले तो क्या चला जायेगा चूत तो चूत है कितना भी डालो उस का क्या बिगड़ जायेगा और फिर हम दोस्तों ने भी आज तक एक बार भी नहीं चुदाई की है किसी की — यह सुन के मेरे हाँथ पाँव फूल गए मेरी चूत में अभी तक दर्द हो रहा था और अब यह 4 और चले आये हैं मैं रो पड़ी की एक आशीष से अपनी प्यास बुझ वाना चाहती थी अब तो सारी कालोनी मेरे से अपनी प्यास बुझाना चाहता है अगर मैंने आशीष को बुलवाया नहीं होता सिर्फ अपनी उंगली से ही अपनी आग बुझा ली होती तो यह दिन नहीं देखना पड़ता.
राकेश – आआआशूऊउ क्या बकवास कर रहा है गुस्से में राकेश ने बोला साले मादरचोद मेरी बहन है कोई रंडी नहीं है की आये और पैसे दे के चोद के चले गए
पियूष – हम कहा पैसे दे रहे हैं राकेश भाई हम तो फ्री में चोद के जायेंगे और रंडी नहीं है तो कल अपने भाई से चुदवाने से पहले मर क्यूं नहीं गई ? और आराम से बात ख़त्म कर लो तो ठीक है नहीं तो ऐसी बदनामी कर देंगे की घर से निकल नहीं पाओगे और यह भी वादा है की हम फिर नहीं आयेंगे बस यार एक बार हमें भी चुदाई का मज़ा लेने दे ना कल अजय ने जो सुनाया है कल का किस्सा की हम तो कल से 4 बार मुट्ठ मार चुके हैं की ज्योति के नाम पर एक और सही एक और सही करते हुए चार बार सरका लगा दिया है अब तो तभी मजा आयेगा जब ज्योति की चूत में पेल लेंगे एक बार
सच्चा वादा है दोस्त की फिर से फ्री की चूत समझ के नहीं आयेगे तेरे पास पक्का सब राजी हो दोस्तों की नहीं पियूष ने सब की तरफ देख के बोला तो सब कह उठे की हाँ राकेश भाई पक्का वादा है हमारा
अजय – राकेश मान जा यार अपने ही तो दोस्त हैं सब मिल बाँट के कर लेंगे एक बार तो क्या जायेगा और कभी हमें मौका मिला तो हम भी तुझे कोई लौंडिया चुदवा देंगे राकेश अब लालच में आने लगा था
राकेश – यार समझा करो यार वो कोई चुदैल नहीं है यार तुम सब एक साथ चुदाई करने लग जाओगे तो ऐसा ना हो की कुछ परेशानी हो जाये ?
राजू – यार राकेश कुछ नहीं होता है यार रस तो गन्ने का निकलता है मशीन का क्या जाता है ? और हम कोई जानवर थोड़ी है की उस के साथ जबरदस्ती थोड़ी करेंगे
सब प्यार से हो जायेगा यार उसे भी मजा आएगा ऐसा थोड़ी होता है की सिर्फ लौंडे ही मज़ा लेते हैं लडकियां भी तो चुतड उचका उचका के चुद वाती हैं .
रमेश – भाई सुन ले तू ध्यान से मैं तो चोदे बिना नहीं जाऊंगा यहाँ से रमेश ने धमकाते हुए राकेश से कहा राजी राजी चुदवा दे ज्योति को नहीं तो तू जनता है की मैं क्या कर सकता हूँ .
राकेश कुछ कहने की स्थिति में नहीं था उसे भी समझ में नहीं आ रहा था क्या करे अब उस ने भी हालात से समझौता कर लिया था तो उसे ने कहा
राकेश – ठीक है दोस्तों आज चूत पार्टी मेरी तरफ से लेकिन रात को दारू तुम लोग पिलवाओगे और मुर्गा भी बोलो जल्दी से मंजूर है की नहीं वरना जाओ जो करना है कर लो मैं नहीं करने दूंगा कुछ तुम लोगो को
पियूष – हुर्रे यह हुयी ना यारो वाली बात राकेश भाई रात की पार्टी हम लोगो की तरफ से पक्की क्यूं दोस्तों ?
रमेश – राजू – याहूऊऊ राकेश भाई पक्का रात को पार्टी हमारी तरफ से दोनों एक साथ बोल पड़े की तो बुला ना यार अब ज्योति को लौड़े को कब तक मसलते रहे हम ?
राकेश – ज्योति ओ ज्योति यहाँ आना जरा
मैंने सब सुन लिया था अब मैं भी समझ गई थी की यह चार आज मुझे चोदे बिना नहीं जायेंगे और फिर राकेश तो है ही बहनचोद साला वो क्यूं छोड़ेगा मुझे चोदे बिना मैं समझ गई की आज हॉस्पिटल जाने की नौबत आ सकती है प्यार से करवा ले तो शायद दर्द कम हो और तुने अगर प्यार से बात ना मानी तो यह साले तेरा रेप करने से भी नहीं चुकेंगे तो मैंने भी मन बना लिया की अब जो होगा देखा जायेगा. मैंने वही से आवाज लगे आ रही हूँ भाई . मैं बाहर निकल के आई तो सब मुझे घूरने लगे मैंने कहा की क्या बात है ?
राकेश – ज्योति यह चारो तेरी चूत चोदना चाहते हैं बोल रहे हैं की अगर इन्हे मन किया तुने तो यह कल की बात सब से कह देंगे अब तू जो कहे तेरी मर्ज़ी बोल इन्हें भगा दूं यहाँ से क्या ? राकेश भी अब खुली खुली भाषा में मुझ से बात कर रहा था भाई बहन वाली कोई बात थी ही नहीं उस के शब्दों में मैंने सर झुका लिया और वही खड़ी रही कुछ कहे बिना तो सब समझ गए की मेरी हाँ है वरना तो मैं अब तक चिल्लाने लगती की निकल जाओ यहाँ से या ऐसा ही कुछ
पियूष – दोस्तों ज्योति क्यूं मना करेगी क्यूं ज्योति हम कोई दुश्मन थोड़े हैं उसके पूरा मज़ा देंगे ज्योति को भी कहते हुए वो मेरे करीब आ गया और मेरा हाँथ पकड़ के मुझे सोफे पर ले आया मैं सर झुका के उस के साथ चलती हुयी सोफे पर बैठ गई तो फिर क्या था सब पिल पड़े मुझे पर | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
राजू – यारो मैं तो एक ब्लू फिल्म भी लाया हूँ ग्रुप सेक्स वाली चला दूं क्या DVD पर ? अजय – यार मुझे तो ज्योति के मम्मे बड़े पसंद आये हैं कहते हुए वोह मेरे पीछे खड़ा होके सोफे के पीछे से थोड़ा झुक के मेरे बूब्स दबाने लगा
पियूष – साले हरामी लगा ना देर क्या कर रहा है ? जैसे जैसे उस में चुदाई होगी हम भी वैसा ही करेंगे कभी ग्रुप में चुदाई की नहीं है तो उस से सीख के ही कर लेंगे | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
रमेश – जानेमन आ जा अब मेरी बाहों में कहते हुए उस ने मेरे होंठ चूम लिए और मेरे बूब्स मसलने लगा उतनी देर में पियूष ने अपनी पेंट उतार दे और पूरा नंगा हो गया उस का लंड पहले से ही खडा था पियूष को देख के राकेश ने भी अपनी पेंट उतार दी तो राजू वही से चिल्लाया की अबे मुझे भी आने दो तब तक अजय भी पीछे खड़े हुए अपने कपडे उतार चुका था राजू ने भी अपने कपडे उतार के वही जमीन पर डाल दिए और सोफे के पास आ गया उन सब को नंगा देख के रमेश भी नंगा हो गया और सब मुझे देखने लगे की मैं अपने कपडे उतारू पियूष ने कहा की यार सोफे पर नहीं हो पायेगा चलो बेद पर चलते हैं तो पियूष सब से आगे आया और बोला की मुझे मौका दो ( पियूष ६ फुट का लम्बा तगड़ा लड़का था) कहते हुए उस ने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया बोला की बोलो कहा ले के चालू तो राकेश ने कहा की पापा के कमरे में ही चलते हैं डबल बेड डाला हुआ है तो वोह सब मुझे कमरे में ले आये और पियूष ने मुझे बेड पर पटक दिया जैसे ही मैं बेड पर गिरी सब मुझ पर पिल गए पियूष ने आगे बढ़ के मेरी सलवार का नाडा खोल दिया और मेरी सलवार खीच के उतार दी राकेश ने कहा की अब जल्दी से कुर्ता भी उतार दे वरना एक और फट जाएगा पहले ही एक फट गया है तो मैं उठ के कुर्ता उतारने लगी तो राजू ने मेरी पेंटी नीचे खीच दी और मेरी चूत पर हाँथ फेर के बोला वाह क्या चिकनी चूत है साली ऐसी तो फिल्मो में भी नहीं देखी है राकेश तब तक DVD निकाल के ले आया था और उस ने पापा की टीवी पर लगा दी थी ब्लू फिल्म उस में सीन चालू हुआ तो उस में चार लड़के एक लड़की को चूम रहे थे कोई उसकी चूत चाट रहा था तो कोई उसके बूब्स .
वहां पर तो चार थे यहाँ पांच सब मेरे बगल में खड़े थे की क्या करे और कौन कहा शुरू हो जाये ? तब तक मैंने अपनी कुर्ती निकाल दी थी और ब्रा भी अब मेरे बूब्स लटक रहे थे उन सभी को लग रहा था की कहा से शुरू करे तो राकेश ने ही शुरुवार कर दी की भाई लोग जिस को जहा जगह मिले शुरू हो जाओ मैं तो सबसे पहले अपना लौड़ा चुस्वाऊंगा तभी राजू ने कहा की भाई लोग फिल्म में देखो वहा पर भी चारो खड़े हो के अपना लौड़ा चुसवा रहे हैं बारी बारी तो पियूष ने कहा की चलो हम भी वैसा ही करते हैं पांचो मेरे सामने बेड पर खड़े हो गए अपना लौड़ा हाँथ से हिलाते हुए रमेश ने कहा की अब चल साली हमारे लौड़े चूस जैसे फिल्म में चूस रही है वोह छिनाल मैं बिना कुछ बोले अपने सामने खड़े राकेश के लौड़े को पकड़ के अपने मुह में लेने लगी और उसे चूसने लगी तो राकेश आहें भरने लगा आह्ह्ह आह्ह्ह म्मम्मम राकेश बोला तू तो जल्दी सीख गई है ज्योति की लौड़ा कैसे चूसा जाता है पक्की छिनाल निकली तू तो मैंने अभी राकेश के लौड़े को मुह में थोड़ी देर चूसा ही था की अजय ने राकेश के लौड़े के साथ साथ मुझे अपना लौड़ा भी पकड़ा दिया तो मैं जल्दी जल्दी दोनों के लंड मुह में लेने लगी कभी अजय का कभी राकेश का थोड़ी देर बाद पियूष ने कहा की अब मेरी बारी तो मैं उस के तरफ मुड गई और उस के लौड़े को पकड़ के हिलाने लगी तो उस ने मेरे बाल पकड़ लिए बोला छिनाल मुह में ले हिलाना नहीं है तो मैंने उस के लौड़े को भी मुह में ले के चूस लिया और उस के लौड़े को मुह से अन्दर बाहर करने लगी थोड़ी देर बाद राजू अपना लौड़ा लेके मेरे सामने चला आया तो मैंने उस के लौड़े को चूसना शुरू कर दिया उस का लौड़ा बड़ा छोटा था एक बार को तो मुझे हंसी आ गई की इतना छोटा है और चला है चोदने खैर राकेश को बड़ी देर हो गई थी खड़े हुए उस का सबसे पहले चूसा था मैंने तो उस को सहन नहीं हुआ और वोह बेड पर लेट गया और मेरे नीचे अपना सर ले के आ गया और मेरी चूत चाटने लगा अब चार अपना लौड़ा चुसवा रहे थे राकेश बेड पर लेट के मेरी चूत को चाट रहा था अब मुझे भी मज़ा आने लगा था तो मैं भी फिल्म की तरफ देखती हुयी मस्ती से सब के लौड़े बारी बारी चूसने लगी थी कभी अजय तो कभी रमेश का तो कभी पियूष का तो कभी राजू का लौड़ा मेरे मुह में आ रहा था सब के स्वाद ले ले के मैं चूस रही थी १० मिनट बाद मेरा मुह दुखने लगा और ऐसा लगने लगा की लौड़े चूस चूस के मेरे होंठ फट जायेंगे तो मैंने कहा की अब बस कर मुझे दर्द हो रहा है मुह में | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
पियूष – तो जानेमन हम क्या करे तेरे पास चूत तो एक ही है और हम पांच जब तक एक चोदेगा बाकि के चार तो कुछ ना कुछ करेंगे ही ना
राजू – राकेश भाई मुझे पहले चोदने दो ना प्लीज
राकेश – तो आ जा ना किस ने रोका है ?
राजू – अबे तो मैं चोदु कैसे तुम लोग उसे छोडो तो
पियूष – अबे तो हम क्या करेंगे तब तक ?
तभी रमेश का ध्यान फिल्म की तरफ गया तो उस ने कहा की सालो जैसे वोह चोद रहे हैं वैसे ही करो न तो सब ने देखा की उस में लड़की को एक लड़का मिशनरी पोज में चोद रहा था बाकि उस के शरीर से खेल रहे थे और बारी बारी अपना लौड़ा चुसवा रहे थे तो राजू ने मुझे बेड पर धक्का दे दिया और अपना लंड मेरी चूत के दरवाजे पर रख दिया और कहा की भाई लोग मैं चोद रहा हूँ अब तुम लोग अपनी अपनी जगह पसंद कर लो कहते हुए उस ने अपना छोटा सा लंड मेरी चूत में पेल दिया मुझे ज्यादा लगी नहीं क्यूंकि उस का बड़ा नहीं था उसे ने अपने घुटने मोड़ रखे थे और मेरी चूत में अपना लंड पेल रखा था बाकि चारो सोच रहे थे की कौन कहा जाये तो पियूष मेरे ऊपर आ गया और उस ने मेरे बूब्स चूसने शुरू कर दिए मुझे भी थोडा मज़ा आने लगा था और दर्द भी कम था तो मैं भी मस्ती में उन का साथ देने लगी थी
मैंने राकेश का लौड़ा अपने हाँथ में पकड़ा और उस से कहा की आओ मैं तुम्हारा लौड़ा चूस लूं तो राकेश खुश हो गया वाह रानी अब तो मस्ती में आ गई हो राकेश ने मेरे सर के नीचे तकिया लगाया और घुटने मोड़ के बैठ गया मेरे मुह के पास तो मैंने थोड़ा सा सर ऊपर किया और राकेश के लौड़े को मुह में भर लिया और गप्पा गप मुह में लेने लगी राकेश की हाय हाय निकल गा जब मैंने मुह को टाईट कर के उस के लौड़े को कस के चूसना शुरू कर दिया तो
अजय – राकेश यार अकेले अकेले मज़े ले रहा है हमें भी तो लेने दे कहते हुए वोह मेरे सर की दूसरी तरफ आ गया अपना लौड़ा ले के तो राकेश ने कहा की जरा अजय को भी अपने मुह का मज़ा दे दे ज्योति
पियूष मजे से मेरे बूब्स पर मुह मार रहा था कभी निप्पल तो कभी पुरे बूब को मसल मसल के दबा रहा था खली खड़ा था
रमेश तो मैंने रमेश की तरफ देखा और फिर अपने दूसरे बूब्स की तरफ देखा तो वो मेरा इशारा समझ गया की मैं उस अपने दूसरे बूब को चूसने के लिए कह रही हूँ
वोह भी झट से मेरे दूसरे बूब पर पिल गया और मेरे दोनों बूब्स को अब पियूष और रमेश कुत्ते की तरह भम्भोड़ रहे थे जैसे किसी कुत्ते को पहली बार बोटी मिली हो
राकेश और अजय अपने मोटे मोटे लौड़े मेरे मुह में पेल रहे थे और राजू मजे से मेरी चूत में लगा था पांच मिनट बाद पियूष रमेश बाटी राकेश ने अपनी अपनी जगह बदल ली अब मैं पियूष का और रमेश का लौड़ा चूस रही थी ( सब में रमेश का लौड़ा सबसे बड़ा था और भयानक मोटा था ) राकेश और अजय मेरे बूब्स पर थे और राजू के धक्के मेरी चूत में तेज़ हो गए थे और तभी
राजू – भाई लोग मैं तो झड़ने वाला हूँ आह्ह्ह म्मम्म कहते हुए उस ने चुदाई तेज़ कर दी मेरी चूत की और चार पांच धक्को के बाद ही उस ने अपनी सारी गंदगी मेरे अन्दर डाल दी मेरी चूत एक गरम से अहसास से भर गई
राजू ने अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाल और हट गया और बोला अब जिस को आना हो आ जाओ मैं तो निपट गया
पियूष – यार राकेश अब मेरी बारी तुम दोनों तो कल भी निपट चुके हो आज पहले हम लोगो को कर लेने दो
राकेश – जा बेटा ऐश कर तू भी क्या याद रखेगा
पियूष फटाफट उठा और अपना लौड़ा ले के मेरी चूत के पास बैठ गया और चूत में लौड़ा डालने की कोशिश करने लगा पर उस का गया नहीं क्यूंकि ????
ऊओह्ह्ह्ह आह आह क्या कर रहे हो पियूष मैंने कहा चूत में डाल वोह नीचे है थोड़ी पहले किसी की चूत देखि नहीं है क्या ?
तो पियूष ने शरमाते हुए कहा की हाँ पहली बार ही है हम सब का तो मैंने कहा की तू तो सब में अनाड़ी लग रहा है कहते हुए मैंने रमेश का मोटा सा लौड़ा वापस अपने मुह में भर लिया और राकेश और अजय हँसते हुए मेरे बूब्स चूसने लगे पियूष ने फिर निशाना लेते हुए डाला तो अन्दर चला गया चूत में मेरी मुझे अब थोडा सा दर्द हुया लेकिन राजू के वीर्य से चूत भरी थी तो उस के वीर्य ने क्रीम का काम किया और उस का लंड आराम से अन्दर चला गया पियूष ने मेरी चुदाई शुरू कर दी धीरे धीरे राजू तब तक जा के अपने कपड़ो में से सिगरेट निकाल लाया था और वही पीने लगा था पियूष ने अभी थोड़े धक्के ही मारे होने की उस के लंड ने मेरी चूत में पिचकारी चला दी | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
पियूष – मर गया रे आःह्ह्ह म्मम्म यह क्या हुआ यार मेरे साथ इतनी जल्दी कैसे चूत में पिचकारी चल गई
राकेश – साले हरामी जब चोदा नहीं जाता तो क्यों सब से पहले जाने की जिद्द कर रहा था
रमेश हट साले मैं बताता हूँ कैसे की जाती है चुदाई रमेश ने मेरे हाँथ से अपना लंड खीचा और कहा की देख जानेमन मैं कैसे तेरी चूत का बाजा बजता हूँ तो मैंने भी मस्ती में कहा की फाड़ मत देना बस बाकि जो करना है करो तुम्हारा बड़ा मोटा है थोडा आराम से करना अब मेरी चूत में दो लोगो का वीर्य भर गया था रमेश गया और उस ने मेरी चूत पर अपना लौड़ा रख के जो पेला है मैं उचक गई | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
ज्योति – आह आह्ह्ह क्या कर रहे हो ?आःह्ह मार डालोगे क्या फ्री की चूत है तो क्या फाड़ दोगे ?
रमेश – हाँ साली रंडी मैं तेरी फाड़ ही डालूँगा क्योंकि तू दूसरी बार तो देगी नहीं चोदने तो एक बार में ही तेरा बाजा ऐसा बजाऊंगा की याद रखेगी की किस मर्द से पाला पडा था
ज्योति – देखो रमेश आराम से करो वरना मैं नहीं करने दूँगी कुछ
रमेश – अरे गुस्सा क्यूं होती हो जाने मन मैं आराम से ही करूंगा वोह तो मैं पहली बार में अपने लोडे को पूरा पेल रहा था ताकि एक ही बार दर्द हो फिर बाद में मज़ा आ जाये तुझे भी. मैंने मन ही मन सोचा की अगर चूत में पहले से ही वीर्य नहीं पड़ा होता तो इस ने तो मेरी फाड़ ही देनी थी लेकिन रमेश बाद में सच में आराम से करने लगा उस ने बड़े धीरे धीरे से धक्के लगाना शुरू किया और साथ ही साथ मेरे चूत की फुनगी को भी अपने हाँथ से मसल रहा था तो मुझे भी बड़ा मज़ा आ रहा था दर्द तो हो रहा था लेकिन दर्द में भी मज़ा आ रहा था मेरी चुदाई अब रफ़्तार पकड़ती जा रही थी रमेश ने मेरी कमर को कस के पकड़ लिया और जोर से चोटे मरना शुरू कर दिया मैं दर्द से आह आह उई उई करने लगी मज़ा भी था और दर्द भी तो मेरी आवाजे निकल रही थी सिस्कारिया भर रही थी मैं साथ साथ मैं चिल्लाते भी जा रही थी की धीरे धीरे उसे १५ मिनट हो गए मुझे चोदते चोदते तो मैंने कहा की बस करो मैं दो बार झड चुकी हूँ अब तक अब तो मुझे छोड़ दो तो रमेश ने कहा की बस जानेमन मैं भी झड़ने वाला हूँ उस ने मेरी कमर में अपने नाखून गडा दिए और जो चुदाई शुरू की मेरी की क्या कहू उसके हर धक्के पर मैं उचक उचक जा रही थी मेरे बूब्स उछल उछल के यहाँ वहाँ हो रहे थे उस ने मेरी बुरी हालत कर दी अब तो मैं राकेश और अजय के लौड़े चूसना भूल के सिसकारी भर रही थी दर्द हद्द से ज्यादा बड गया था की तभी ऐसा लगा की ढेर सारा गरम पानी मेरे अन्दर भर गया हो रमेश ने भी मेरी चूत में अपना वीर्य निकाल दिया था और वोह पसीने से लथपथ था यहाँ मेरी हालत भी ख़राब हो गई थी चूत में जलन होने लगी थी मैंने चूत पर हाँथ लगा के देखा तो हल्का हल्का खून सा दिखाई दिया मैं समझ गई की रमेश ने मेरी चूत का भुरता बना दिया है साले ने फाड़ के ही रख दी है सच में
तीन लौड़े मेरी चुदाई कर चुके थे अभी तो दो और लौड़े बचे थे और मेरी हालत खराब हो गई थी रमेश ने भी अपना लौड़ा मेरी चूत से निकाल लिया तभी चूत में से देर सारा वीर्य बाहर निकल के बेड पर गिर गया आखिर तीन तीन लौडों का वीर्य था कब तक अपनी छोटी सी चूत में भर के रखती
मैंने राकेश से कहा की अब मेरे बस का नहीं है चुदवाना मुझे प्लीज छोड़ दो तो अजय ने कहा की नहीं नहीं ऐसा कैसे हो सकता है मैं क्या चुतिया हूँ जो ऐसे ही चला जाऊं
कहते हुए वोह जल्दी से मेरी चूत पर आ के बैठ गया और अपने लंड को मेरी चूत पर रखने लगा मैंने कहा की जो करना है जल्दी कर लो मैं एक बार दर्द सह के सब करवा लुंगी अब देर मत करो मुझ से अब ज्यादा दर्द सहन नहीं होगा यह सुन के राकेश ने कहा के बस करो बे अब जल्दी निपट लो मेरी भी बारी आनी है अभी
तो अजय ने जल्दी से अपना लौड़ा मेरी चूत में डाल दिया और मेरी चुदाई का फोर्थ राऊंड चालू हो गया तब तक पियूष जो की सब से जल्दी झड गया था उस का खड़ा भी हो गया सब से जल्दी तो उस ने कहा की यार मैं तो मजे ले ही नहीं पाया मैं तो आठ दस चोटों में ही झड गया था था देखो ना कितनी जल्दी फिर खड़ा हो गया है मुझे एक बार और करने दो ना मैं तब तक अपना ध्यान दर्द से हटाने के लिए ब्लू फिल्म देख रही थी ताकि मेरा ध्यान चूत पर ना जा के कही और लगा रहे तो दर्द कम महसूस होगा मैंने ब्लू फिल्म में देखा की लड़की ने एक लड़के का लंड अपने मुह में ही झडवा लिया तो मैंने भी फुल छिनाल बन के कहा की आ जा तेरा मैं अपने मुह से निकाल देती हूँ एक बार और वरना हमेशा रोता रहेगा की मुझे मजा नहीं आया था .
राकेश – साली तू तो पूरी रंडियों जैसी बातें करने लगी अब तो
ज्योति – तुने वही तो बना दिया है मुझे मैंने राकेश से कहा और आग बरसाती नज़रो से उसे घूरा तो राकेश सकपका के दूसरी तरफ देखने लगा
ज्योति – आ जा पियूष तुझे वोह मजा दूँगी की तू भी क्या याद करेगा ( अब मुझ को भी समझ में नहीं आ रहा था की मुझे क्या हो गया है )
पियूष तेज़ी में मेरे मुह के पास अपना लौड़ा ले के आ गया की ऐसा ना हो की मेरा मन बदल जाये मैंने पियूष का लौड़ा अपने मुह में चूसना शुरू कर दिया और ऐसे कस कस के की पियूष की हालत पतली हो गई की कब मैं उस का लौड़ा अपने मुह से निकालू
तब तक अजय ने मेरे चूत में अपना लावा निकाल दिया उस को फिर से भर दिया अपने वीर्य से अजय हटा नहीं की मेरा बहनचोद भाई भी तेज़ी से पिल गया मेरी चूत में
थोड़ी देर में ही मैंने पियूष की वोह गत बना दी की उस ने मेरे मुह में ही अपना वीर्य निकाल बैठा तो मैं उसे धक्का दे दिया की हट अब और पूरा वीर्य साइड में थूक दिया | दोस्तों आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
उधर राकेश के धक्के शुरू थे उस ने भी रमेश की तरह से मेरी कमर पकड़ के मेरी चूत चोदना चुरू कर दिया था और थोड़ी देर में उस ने भी मेरी चूत में अपना वीर्य निकल दिया और मेरे ऊपर लस्ट पस्त होके लेट गया अब तक मेरे पुरे अंग अंग में दर्द की लहरे उठने लगी थी ऐसा लग रहा था की किसी ने मेरी बहुत पिटाई कर दी हो मैं अपनी आँख बंद कर के लेट गई थी मैंने आँख बंद करे करे ही कहा की अब सब यहाँ से निकल जाओ तेज़ी में वरना ठीक नहीं होगा ( अब तक मैं समझ गई थी की हर मर्द चूत का गुलाम होता है अगर चूत चाहे तो मर्द से कुछ भी करवा सकती है यह मैं आप को अपनी किसी और कहानी में बताउंगी की चूत के जलवे क्या होते हैं )
सब बिना कुछ बोले बाहर चले गए यहाँ तक की राकेश भी उठा और सीधे बाहर निकल गया मैं एक घंटे तक वैसे ही नंगी लेटी रही दर्द और मज़ा क्या था कुछ समझ में नहीं आ रहा था लेकिन अब दिमाग में काफी कुछ साफ़ हो गया था की यहाँ कोई रिश्ता नहीं है बस चूत और लंड का रिश्ता है.
सब चले गए थे रमेश पियूष राजू और अजय भी राकेश टीवी देख रहा था मैं उठी सीधे बाथरूम में घुस गई अब मुझे अपने आप से घिन सी आ रही थी ऐसा लग रहा था की जाने क्या करू मैं अपना मैं कम से कम १ घंटे तक नहाती रही क्यूंकि मुझे लगता रहा की मैं अब भी गन्दी हूँ लेकिन एक ओरत कितनी गन्दी हो सकती है मुझे बाद में मालूम चला |
खैर जो भी हो प्लीज आप लोग अपनी प्रतिक्रिया निचे कमेंट बॉक्स में लिखे आगे फिर मै अपनी कहानी बताउंगी |
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भाई और उसके दोस्तों ने मेरी सील तोड़ी-2
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