दोस्तों आप लोगो ने मम्मी की गदरायी चूत भाग 2 में जो पढ़ा अब उसके आगे लिख रहा हु …. पूजा- आज मैने आपके बेटे संदीप का लंड देखा है, क्या बताऊ मालकिन उसके बराबर तगड़ा और मोटा लंड मैने आज तक नही देखा, जो औरत उसके मोटे लंड से एक बार चुद जाए वह जिंदगी भर उसके लंड की दीवानी रहेगी, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
सुषमा- यह तू क्या कह रही है और तूने कैसे संदीप का लंड देख लिया, पूजा- सच बताऊ मालकिन, संदीप झोपड़ी के पीछे पेशाब करने गया था और मे झोपड़ी के अंदर थी तब मेरी नज़र अचानक झोपड़ी के एक छेद से पीछे की ओर गई और मैने देखा संदीप अपने लंड से खड़ा-खड़ा खेल रहा था उस समय उसका लंड ढीला था लेकिन तब भी उसके पूरे हाथ मे नही समा रहा था और फिर वह अपने लंड की खाल को कभी आगे कभी पीछे करके सहलाने लगा, वह अपनी आँखे बंद करके अपने लंड को सहला रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह अपनी कल्पना मे किसी औरत को पूरी नंगी करके चोद रहा था धीरे-धीरे उसका मोटा लंड विकराल रूप धारण करने लगा और फिर संदीप ने अपने लंड को खूब कस-कस कर हिलाया और करीब 5 मिनिट बाद वह झाड़ गया, वह नज़ारा देख कर तो मालकिन मेरी चूत भी गीली हो गई थी,
पूजा की बात सुन कर सुषमा की साँसे तेज हो गई थी और उसकी गान्ड ज़मीन से रह-रह कर उठ जाती थी और वह अपनी फूली हुई चूत को पूजा के हाथो मे मारने लग गई थी, पूजा ने उसकी दशा देख कर उसकी चूत को कस कर अपने हाथो मे भींच लिया,
सुषमा- क्या सचमुच संदीप का लंड बहुत बड़ा है
पूजा- हाँ मालकिन मैने तो आज तक ऐसा मोटा लंड नही देखा, और फिर पूजा अपनी मालकिन की चूत मे सॅट से दो उंगलिया पेल देती है और फिर
पूजा- एक बात कहु मालकिन
सुषमा- क्या
पूजा- सुषमा की चूत मे उंगली पेलते हुए, आपके बेटे के लंड के मुक़ाबले पूरे गाँव मे बस एक ही चूत है मालकिन
सुषमा- किसकी चूत
पूजा- आपकी मालकिन
सुषमा- सीसियते हुए, ये तू क्या कह रही है पूजा
पूजा- सच कह रही हू मालकिन आपके बेटे का लंड और आपकी गदराई हुई फूली चूत को देख कर ऐसा लगता है जैसे वह मोटा लंड आपको चोदने के लिए ही बना हो सच मालकिन अगर वह मोटा लंड आपकी इस फूली चूत मे घुस जाए तो आपको एक दम मस्त कर देगा. और फिर पूजा अपनी तीन उंगलिया ज़ोर-ज़ोर से सुषमा की फूली हुई चिकनी चूत मे चलाने लगती है,
पूजा- और वैसे भी मालकिन आज कल के जो लड़के होते है ना वह बहुत अच्छे तरीके से चोदते है, वह औरतो के बिना कहे ही उनकी सारी इच्छाए पूरी कर देते है आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
सुषमा- मतलब
पूजा- मतलब यह कि मालकिन आज कल के जवान लड़के सबसे ज़्यादा औरतो की गान्ड और चूत को चाटना और चूसना पसंद करते है,
कमाल- आह यह क्या कह रही है तू पूजा, भला तुझे कैसे पता कि आज कल के लड़के औरतो की चूत और गान्ड चाटना चाहते है
पूजा- मैने खुद संदीप को अपनी आँखे बंद करके मूठ मारते हुए यह कहते सुना है
सुषमा- अपनी जाँघो को पूरी तरह खोल कर फिला देती है और पूजा उसकी चूत को खूब कस-कस कर सहलाने लगती है,
सुषमा- क्या कह रहा था मेरा बेटा
पूजा- अरे मैने ठीक से नही सुना पर वह अपना लंड मसल्ते हुए इतना ज़रूर बड़बड़ा रहा था कि मे तुम्हारी पूरी चूत पी जाना चाहता हू मे तुम्हारी खूब कस-कस कर गान्ड चाटना चाहता हू
सुषमा- पर तूने यह नही सुना वह किसकी बात कर रहा था
पूजा- नही मे यह तो नही सुन पाई पर मुझे तो लगता है वह तुम्ही को अपने ख्यालो मे नंगी करके चोद रहा था मालकिन
सुषमा- चुप कर बेशरम, भला यह कभी हो सकता है कि वह अपनी मम्मी को ही चोदने के बारे मे सोचेगा
पूजा- मुझे ऐसा लगा इसलिए मैने कह दिया
सुषमा- पर तुझे ऐसा ही क्यो लगा
पूजा- वो मुझे इसलिए लगा क्योकि एक दो बार उसने अपना लंड हिलाते हुए ओह मम्मी शब्द कहा था
सुषमा- कुछ सोच कर, यह भी तो हो सकता है कि उसे दर्द हो रहा हो और वह उसी दर्द के कारण उसके मुँह से मम्मी शब्द निकला हो जैसे अक्सर लोगो के मुँह से निकल जाता है
पूजा- अरे मालकिन लंड हिलाने मे कौन सा दर्द होता है उसमे तो और मज़ा आता है और वह मज़े मे अपनी मम्मी को याद कर रहा था मतलब ज़रूर वह तुम्हे ही अपने ख्यालो मे पूरी नंगी करके चोद रहा होगा,
सुषमा- उठ कर बैठते हुए, चल बेशरम अब चुप हो जा और यह बात तू किसी से कहना नही, लोग बेकार मे मेरे बेटे को बदनाम कर देंगे
पूजा- अरे नही मालकिन मे किसी से क्यो कहने लगी, वैसे भी आज तक मैने यह सब बाते आपके अलावा किसी से नही की है, अच्छा मालकिन आप कहो तो मे अब जाउ सबेरे से ही खेत मे हू ज़रा घर की ओर भी झाँक आउ,
सुषमा- ठीक है जा और वह लकड़ी का गट्टा घर पर रखती हुई चली जाना,
पूजा के जाने के बाद सुषमा खड़ी होकर पूजा की बातो को सोचने लगती है और उसकी चूत से ढेर सारा पानी बहने लगता है, वह दबे पाँव झोपड़ी के अंदर जाती है जहा संदीप नीचे चटाई मे लेटा हुआ था,
सुषमा भी उसके बगल मे जाकर लेट जाती है, वह कुछ सोचती उससे पहले ही संदीप एक अंगड़ाई लेकर अपने एक पेर को अपनी मम्मी की कमर मे डाल कर उससे चिपक जाता है, उसका मोटा लंड सपने मे भी अपनी मम्मी को चोद रहा था जिसकी वजह से उसका लंड पूरी तरह लूँगी से बाहर निकल कर उसकी मम्मी की मोटी गान्ड मे ठोकर मार रहा था,
संदीप थका था इसलिए उसकी नींद गहरी थी लेकिन उसका लंड बराबर तना हुआ उसकी मम्मी की मोटी गदराई गान्ड मे चुभ रहा था, और जिसके कारण सुषमा का दिल जोरो से काँपने लगा था और वह ना चाहते हुए भी चुपचाप अपनी मोटी गान्ड को अपने बेटे के मोटी लंड से सताए हुए पड़ी थी, कुछ देर बाद सुषमा ने संदीप का हाथ अपने उपर से हटा कर अपना मुँह उसकी ओर कर लिया और जब उसकी नज़र अपने बेटे के मोटे लंड पर पड़ी तो उसका दिल धाक्क करके रह गया, उसे पूजा की बात सच लगी वाकई उसके बेटे का लंड उसके मस्त भोस्डे को चोदने के लायक था, सुषमा काफ़ी देर तक अपने बेटे के मोटे लंड को देखती रही और फिर जब उसने देखा कि संदीप गहरी नींद मे है तो उसने वही लेट कर अपने बेटे के लंड को धीरे से पकड़ कर सहलाया और उसकी चूत का दाना कूदने लगा और उसकी चूत से खूब चिपचिपा पानी बहने लगा, सुषमा को ज़रा भी एहसास नही था कि उसके हाथ का दबाव उसके बेटे के लंड पर बढ़ता जा रहा था और एक वक़्त ऐसा आया कि सुषमा ने अपने बेटे के लंड को अपने दोनो हाथो मे भर कर खूब कस कर भींच दिया और संदीप एक दम से कसमसा कर दूसरी और करवट ले कर सो गया.
सुषमा अपनी फूली हुई चूत सहलाती लेटी रही लेकिन उसकी आँखो से नींद कोसो दूर थी, करीब 1 घंटे बाद संदीप उठा तो उसने देखा उसकी मम्मी उसके बगल मे लेटी हुई है अपनी मम्मी के गदराए भारी भरकम चुतडो को अपनी तरफ उठा देख कर संदीप का लंड फिर से सर उठाने लगा था और उसने अपनी मम्मी के मोटी-मोटी चुतडो पर धीरे से हाथ फेरते हुए एक धीमी आवाज़ लगाई लेकिन सुषमा जागते हुए भी सोती बनी रही,
संदीप ने जब अपनी मम्मी के गदराए चुतडो को धीरे से सहलाया तो उसे ऐसा मज़ा कभी नही आया और वह वही बैठा-बैठा अपनी मम्मी की मोटी गान्ड के उपर अपने हाथ फेरते हुए अपनी मम्मी की मदमस्त उठी गान्ड के गुदज एहसास का मज़ा लेने लगा, जब उसका हाथ अपनी मम्मी की गान्ड की गहरी दरार मे जाता तो उसका मन करता कि अपना पूरा हाथ वह अपनी मम्मी की गान्ड मे भर दे,
उसने धीरे से अपनी मम्मी के मोटे-मोटे चुतडो पर अपना मुँह रख कर हल्के से दबाया तो वह यह सोच कर और भी पागल होने लगा कि जब वह अपनी मम्मी की मोटी गान्ड को पूरी नंगी करके अपने मुँह को उसकी गान्ड मे भरेगा तब उसे कितना मज़ा आएगा, वह अभी कुछ सोच ही रहा था कि सुषमा कसमसाने का नाटक करती हुई उठ बैठी और संदीप ने जल्दी से अपना हाथ हटा लिया,
सुषमा- उठ गया बेटे
संदीप- हाँ मा मे तो कब का जाग चुका था
सुषमा- अच्छा चल अब घर की ओर चलते है, ये कुछ लकड़ियो का गट्टर पड़ा है इन्हे उठा ले मे वो वाली ले लेती हू और फिर सुषमा आगे-आगे चलने लगी और संदीप अपनी मम्मी की मटकती मोटी गान्ड को ललचाई नज़रो से देखता हुआ आगे बढ़ने लगा, अपनी मम्मी की जबर्दुस्त उठी हुई मोटी गान्ड और उसके भारी चुतडो की थिरकन ने चलते-चलते ही संदीप का लंड खड़ा कर दिया था, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
बीच-बीच मे सुषमा जब पीछे पलट कर संदीप को देखती तो वह इधर उधर देखने लगता लेकिन जब सुषमा ने उसकी लूँगी की ओर देखा तो वह दंग रह गई, संदीप का लंड पूरी तरह तना हुआ था, वह समझ गई थी कि उसके बेटे का लंड उसकी खुद की मम्मी के भारी चुतडो को देख-देख कर झटके मार रहा है, वह अपने मन मे सोचने लगी कही संदीप सचमुच मुझे अपने लंड से चोदना तो नही चाहता है, पूजा ठीक ही कह रही थी यह लंड हिलाते हुए आँखे बंद करके मुझे ही नंगी करके चोद रहा होगा, इसका लंड भी कितना मोटा है, सच ऐसे लंड से चुदवाने मे तो मज़ा आ जाता होगा,
बस इतना सब सोचना था कि सुषमा की चूत भी फूल कर पानी-पानी हो चुकी थी लेकिन अभी तक उसने अपने मन मे अपने बेटे से चुदवाने का ख्याल नही किया था, बस वह यही सब सोचती हुई कब घर पहुच गई उसे पता भी नही चला.
रात को संदीप का बापू खेत पर ही खाट डाल कर सोता था और संदीप उसे वही खाना दे कर आ जाता था, रात को सुषमा आँगन के चूल्हे मे रोटिया सेक रही थी और आग की गर्मी से वह बहाल थी उपर से बिजली भी काफ़ी देर से गई हुई थी, सुषमा का साडी का पल्लू उसके जाँघो पर गिरा था और उसके मोटी-मोटी चुचियाँ पूरी तरह से नज़र आ रहे थे और उसकी साडी दोनो घुटनो के उपर तक चढ़ि हुई थी,
सुषमा- संदीप ला ज़रा टार्च जला कर दिखा बेटा अंधेरे मे रोटिया जल रही है
संदीप- अच्छा मम्मी अभी लाया और फिर संदीप ने अपनी मम्मी के सामने बैठ कर टार्च मारना शुरू की और सुषमा रोटिया सेकने लगी, तभी संदीप की टार्च की टार्च की रोशनी सीधी सुषमा की जाँघो की जड़ो तक चली गई और उपर से सुषमा ने जैसे ही माथे का पसीना पोछने के लिए पेटिकोट उपर उठाया, संदीप की आँखे फटी की फटी ही रह गई,
सुषमा का बिना बालो वाला उठा हुआ भोसड़ा पूरा उसके बेटे के सामने आ गया और संदीप आँखे फाडे-फाडे अपनी मम्मी की रसीली फूली हुई चूत को देखने लगा, जब सुषमा रोटिया सेंकती तब संदीप टार्च उपर कर देता और जब वह बेलने लगती तब संदीप टार्च की रोशना सीधे अपनी मम्मी की चूत पर मार देता लेकिन तभी सुषमा की नज़र संदीप के लूँगी के नीचे चली गई जहा से संदीप की लूँगी के थोड़ा साइड से संदीप का मोटा लंड पूरी तरह तना हुआ था और संदीप के उकड़ू बैठने की वजह से उसका लंड बहुत विकराल और मोटा नज़र आ रहा था, आप लोग यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
सुषमा ने जब अपने बेटे का तना हुआ लंड देखा तो उसे समझते देर नही लगी की संदीप टार्च की रोशनी उसकी चूत पर मार रहा है, सुषमा की चूत मे भी अपने बेटे की हरकत से पानी आ गया और उसने अपनी जाँघो को थोड़ा और इस तरह खोल दिया कि संदीप आसानी से अपनी मम्मी की चूत को देख सके, संदीप अपनी मम्मी की चूत को देखता हुआ बीच-बीच मे नज़रे बचा कर अपने लंड की खाल को बार-बार पीछे करने की कोशिश करता और वह जब ऐसा करता तो उसका बड़ा सा सूपड़ा पूरे ताव मे आ जाता जैसे अभी अपनी मम्मी की चिकनी चूत मे घुस जाना चाहता हो, करीब 20 मिनिट तक संदीप अपनी मम्मी की फूली हुई चूत को घूरता रहा, उसके बाद संदीप अपने बापू का खाना लेकर खेतो पर चला जाता है,
संदीप के जाने के बाद सुषमा बाहर बैठ कर सुस्ता रही थी तभी दूसरी और से पूजा आ जाती है,
पूजा-क्यो मालकिन काम ख़तम करके बैठी हो क्या
सुषमा- हा रे अभी सब निपटाया है, तू बता आज बड़ी खुस दिख रही है कुछ मिल गया है क्या
पूजा- सुषमा के पैरो के पास बैठ कर उसकी टाँगो की गोरी पिंडलियो मे हाथ फेरते हुए, मुस्कुरकर अब क्या बताऊ मालकिन आज जबसे वह काला नाग देखा है कही मन ही नही लग रहा है
सुषमा- हैरान होते हुए कौन सा कला नाग
पूजा- मुस्कुरकर, अरे मालकिन वही जो आपके बेटे के पास है
सुषमा- उसकी बात का मतलब समझते हुए, चुप कर बेशरम, तुझे शर्म नही आती तेरे बेटे की उमर का है वह
पूजा- अरे मालकिन मेरे लिए तो वह बेटे जैसे है पर आपका तो अपना बेटा है, पर जब आप उसका मोटा डंडा देख लोगि तो अपने बेटे का लंड चूसे बिना नही रह सकोगी, इतना मस्त लंड है उसका
सुषमा- बंद कर अपनी बकवास और कोई दूसरी बात कर
पूजा- अच्छा मालकिन संदीप भी जानता तो होगा कि उसकी मम्मी की गदराई जवानी सारे गाँव की मर्दो को पागल किए रहती है,
सुषमा- नही उसे कुछ पता नही है, मुझे तो कभी ऐसा नही लगा
पूजा- अच्छा मालकिन एक बात पूंच्छू सच-सच बताना आपको पूजा की कसम है
सुषमा- अरे मैने तुझसे कभी कुछ च्छुपाया है क्या, जब तू खुद मुझे रोज आकर बताती है कि तेरा पति तुझे किस-किस तरह चोदता है तो मे भी तो तुझे अपने साथ हुई हर बात बता देती हू,
पूजा- अच्छा तो सच बोलना, तुम तो संदीप के साथ घर मे रहती हो कभी उसका मोटा लंड देखा है कि नही
सुषमा- उसकी बात पर मुस्कुरकर, तू कोई और बात नही पूछ सकती थी क्या
पूजा- सुषमा की साडी के अंदर हाथ डाल कर उसकी फूली हुई चूत को सहलाती हुई, मालकिन सच बताओ ना
सुषमा- पूजा द्वारा अपनी चूत मे हाथ फेरने से गरम होने लगती है और उसकी आग भी भड़कने लगती है, आह पूजा आराम से मसल,
पूजा- बोलो ना मालकिन
सुषमा- हा रे मैने भी अपने बेटे का मोटा लंड देखा है,
पूजा- आश्चर्या से कब देखा है मालकिन
सुषमा- एक बार पहले देखा था और फिर आज तेरे जाने के बाद जब मे झोपड़ी मे गई तो संदीप सो रहा था और उसका मोटा लंड पूरी तरह तना हुआ था और उसकी लूँगी से बाहर निकला हुआ था तब मैने संदीप का मोटा लंड देख लिया
पूजा- सुषमा की चूत मे उंगली पेल कर उसकी चूत के दाने को सहलाते हुए, ओह मालकिन तो फिर बताओ कैसा लगा तुम्हे तुम्हारे बेटे का लंड,
सुषमा- तूने तो आज ही देखा है, मैने तो कई बार पहले भी उसका लंड देखा है
पूजा- वो कैसे
सुषमा- पर पूजा एक बात कहु, उस दिन जब बाथरूम मे वह अपने लंड पर साबुन लगा कर मसल रहा था तो मुझे ऐसा लगा जैसे वह मुझे देख चुका है और जानबूझ कर मुझे अपना मोटा लंड दिखाने की कोशिश कर रहा है |
मित्रो कहानी पढ़ने के साथ साथ अपने विचार भी निचे दिए गये कमेंट बॉक्स में लिखते जाये तो कहानी लिखने का मजा ही कुछ और होगा आगे की कहानी अगले भाग में पढ़िए और मस्तराम डॉट नेट के साथ मस्त रहिये |
The post मम्मी की गदरायी चूत-3 appeared first on Mastaram: Hindi Sex Kahani.
मम्मी की गदरायी चूत-3
No comments:
Post a Comment