गाँव का एक जमींदार शादी की सुहागरात को जब बेडरूम में गया तो उसकी बीवी बेड पर घूँघट ओढ़े बैठी थी। उसने घूँघट उठाया, चूमा चाटी की, दुल्हन के एक-एक करके सारे कपड़े उतारे, फिर खुद के कपड़े उतारे। दुल्हन मस्त माल थी। उसकी टाइट चूचियों को मसलते ही जमींदार का लण्ड खड़ा हो गया। जमींदार ने दुल्हन को लिटाया गाँव में बिजली नहीं आई थी। लालटेन जल रही थी। अनाड़ी जमींदार बुर में लण्ड डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन टाइट बुर में लण्ड डाल नहीं पा रहा था। उसने दुल्हन से कहा- “अभी आता हूँ…”
उसने दरवाजा जरा सा खोलकर नौकर को आवाज लगाई- “रामू, इधर आओ…”
रामू दौड़ता हुआ आया। जमींदार ने उसे अंदर बुला लिया। दुल्हन ने साड़ी अपने ऊपर डाल लिया था। जमींदार ने लालटेन नौकर को पकड़ाया, और बोला- “यहाँ दिखाना…” फिर दूल्हन के कपड़े खींचे।
तो दुल्हन बोली- नौकरके सामने?
जमींदार बोला- “यह किसी को कुछ बताएगा नहीं, गूंगा है…” फिर दुल्हन के बदन से कपड़े खींचकर अलग किए, और लण्ड बुर में फिर से पेलने की कोशिश करने लगा। लेकिन इस बीच लण्ड थोड़ा नरमा गया था तो अंदर जाना मुश्किल था। लेकिन दुल्हन की कसी जवानी देखकर जमींदार का जेहन सेक्स से भर गया था। हुआ यूँ की लण्ड ने पानी छोड़ दिया।
दुल्हन ने फुसफुसाकर कहा- “अंदर डालो ना जी…”
जमींदार ने कहा- “अब क्या डालूं? लण्ड तो झड़ गया…”
यह सुनते ही दुल्हन ने हिकारत भरी आवाज में कहा- “छीः सुहागरात बर्बाद कर दिया। और करवट बदल लिया।
जमींदार का पारा चढ़ गया, गुस्से से बेड के नीचे उतरा और नौकर को दो चांटे लगाए- “साले, ठीक से लालटेन भी दिखाया नहीं जाता तुझसे? चल कपड़े उतार…”
रामू की कुछ समझ में नहीं आया। मालिक का गुस्सा देखकर हड़बड़ा गया और जल्दी से कपड़े उतार दिए।
जमींदार ने देखा और बोला- “साले, तू आदमी है की गधा है? चल पलंग पर चढ़…”
रामू बेड पर चढ़ गया।
जमींदार ने दुल्हन से कहा- “जानू, सीधी हो जाओ मैं तुम्हारी सुहागरात खराब नहीं होने दूँगा। जिसने खराब किया है वोही ठीक करेगा। साले, देख कैसे लालटेन दिखाते हैं। चल लण्ड में थूक लगा और नयी मालकिन की बुर में अपना लण्ड पेल…”
रामू ने लण्ड बुर की मुँह में रखा और दबाओ डाला 9” इंच लंबा 4 इंच मोटा काला लण्ड बुर में उतरने लगा। दुल्हन कसमसाने लगी- “अया…”
जमींदार दुल्हन से पूछने लगा- जानू अंदर गया?
दुल्हन बोली- हाँ जा रहा है, बहुत मोटा है।
जमींदार बोला- बहुत लंबा भी है, बर्दस्त कर लेना। इन आदिचासियों के बदन जितने मजबूत होते हैं सालों के लण्ड भी उतने ही मजबूत होते हैं…”
रामू को एक चांटा और मारा और बोला- “देखा कैसे तुझे रास्ता मिल गया? ठीक से लालटेन दिखाता तो तुझे यह सब नहीं करना पड़ता। चल अब चोद रात भर अपनी मालकिन को, और जब तक उनका दिल ना भरे रुकना मत… चोद साले… मार धक्के…”
रामू धक्के मार-मार के चोदने लगा। जमींदार लालटेन दिखाकर खुश होता रहा- “जानू अच्छा लग रहा है ना?”
दुल्हन बोली- “उससे बोलो कि टाँगें छोड़ दे, मैं फैलाकर पकड़ती हूँ। वो मेरी चूंचियों को मसले और निपल चूसे…”
जमींदार ने रामू को हुक्म दिया- “मालकिन के दूध पकड़कर चूस…”
रामू ने वक़्त गँवाए बगैर दुल्हन के सख़्त बड़ी-बड़ी चूचियां अपने खुरदुरे हाथों से पकड़ा और निपल में मुँह लगा दिया। अब वो निपल चूस-चूसकर चोदने लगा।
जमींदार ने जम्हाई ली तो दुल्हन बोली- “आप कितनी देर खड़े रहेंगे, चेयर डालकर बैठ जाइए। यह आदिवासी बड़े मजबूत होते हैं। इतनी जल्दी झड़ने वाला नहीं…”
जमींदार अब भी जमींदार ही था चाहे उसकी जमीन पर उसका नौकर हल चला रहा हो।
By: Mastaram.Net
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जमींदार ने कहा- “अब क्या डालूं- Adult Jokes
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