हेल्लो मेरे प्यारे दोस्तों, आप सभी चुदक्कड भाइयों और उनकी बहनों को मेरा लंड फनफ़नाता हुआ सलाम पेश करता हैं.
ये मेरी अपनी सच्ची और पहली कहानी हैं. दोस्तों मैं मस्तराम डॉट नेट को रेग्युलर पढता आया हूँ, और यहाँ की कहानियां पढ़ के मुझे लगा की मुझे अपनी हिंदी सेक्स कहानी भी यहाँ भेजनी चाहियें.
ये बात चार साल पहले की हैं. मेरी बड़ी सिस्टर मेरे घर पर आई हुई थी. उस समय मैं एक कम्पनी में कोंट्राक्ट पर काम करता था. मैं शाम को घर गया तो मैंने देखा की दीदी आई हुई हैं. और उस समय उसके लिए मुझे कोई गन्दी फिलिंग नहीं थी.
गर्मी के दिन थे और मुझे पसीना हुआ था. मैंने दीदी के सामने ही अपनी टी-शर्ट को उतार दिया. मैंने देखा की वो मेरे कसे हुए बदन को कुछ अलग ही अंदाज़ से देख रही थी. वो बार बार मेरी कडक छाती और उसके ऊपर उगे हुए बालों को भी देख रही थी.
खैर उस दिन तो वो तुरंत ही वापस चली गई क्यूंकि जीजा भी साथ में था. पर जाने से पहले दीदी ने मेरा मोबाइल नम्बर मुझसे ले लिया और अपना नम्बर भी मुझे दे दिया. और फिर वो मुझे मोबाइल से मेसेज करने लगी उसी शाम से. वो कभी डबल मिनींग के जोक्स और शायरी भी भेजती थी. और एक दिन तो उसने हद ही कर दी, उसने मुझे एक पिक्चर मेसेज भेजा जिसमे एक टेडी बेयर था और आई लव यु लिखा हुआ था उसके ऊपर. मैंने मस्तराम डॉट नेट पर बहुत सब इन्सेस्ट कहानियां पढ़ी थी इसलिए मुझे पता था की भाई बहन के बिच में भी सेक्स की फिलिंग हो सकती हैं. और उस दिन से मुझे भी दीदी के प्रत्ये सेक्स की भावना कुछ जाग सी गई. मैंने भी अब उन्हें पिक्चर मेसेजिस और शायरी भेजना चालू कर दिया.और एक दिन दीदी ने हद कर दी, उन्होंने मुझे एक सेक्स क्लिप भेजी जिसमे वो मेरा जीजा के लंड को हिला के उसका पानी निकाल रही थी. शायद जीजा से छिप के उसने मुठ मारने की यह क्लिप को रिकोर्ड कर लिया था. मैं दीदी के नाम की मुठ मारने लगा था और उसे चोदने के सपने भी देखने लगा था. बस सोच रहा था की कब उसे चोदने का मौका मिले.
और अचानक एक दिन कामदेव ने मेरी सुन ली. हुआ यूँ की मेरी दीदी की सास की तबियत बहोत ज्यादा खराब हो गयी थी और उन्हें हमारे शहर में ही एक डोक्टर के यहाँ एडमिट होना पड़ा.
मेरी दीदी अपनी सास की देखभाल करने के लिए साथ में आई थी. मौका निकाल के मैं भी उनकी सास को देखने के लिए पहुँच गया शाम को. मैंने देखा की दीदी की सास सोयी हुई थी और दीदी वही बैठी थी. मुझे देख के दीदी बड़ी खुश हो गई क्यूंकि हॉस्पिटल के रूम में उसे चुदवाने का मौका जो मिलनेवाला था. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
मैं दीदी की बगल में चेयर पर बैठ गया. वो मुझे सेड्युस कर रही थी अपनी ब्लाउज के ऊपर से अपने बूब्स मुझे दिखा के. पानी देने के लिए वो जब मेरे सामने झुकी तो जानबूझ के पल्लू को हटा के अपनी बूब्स दिखा दिए. मैंने बूब्स देख के आँख मारी तो उसने अपनी सास की तरफ देखा. मैंने इशारे से कहा की बूब्स मस्त हैं तो उसने इशारे से ही मुझे लंड दिखाने के लिए कहा. मैंने पेंट के ऊपर लंड को दबाया तो कडक लंड को देख के दीदी हंस पड़ी.
उसने अपनी सास की तरफ देखा और मुझे धीरे आवाज में कहा की माँ जी को डोक्टर ने कुछ मिनट्स पहले ही नींद की गोली दी हैं. और वो कुछ देर तक वो उठेगी नहीं. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
फिर उसने बाथरूम की तरफ इशारा किया. मैंने कहा चलो. और फिर मैं और दीदी बाथरूम में चले गए. अन्दर घुसते ही दीदी ने मुझे अपने गले से लगा लिया और मैंने उनके दोनों बूब्स को पकड़ लिया. वो गरम सांसे ले रही थी और मेरे कंधे को जकड़ रही थी. फिर हमने एक दुसरे के होंठो को चुसना चालू कर दिया. दीदी की लिपस्टिक को खाने के बाद मैंने अपनी जबान को दीदी के मुहं में धुसा दी. दीदी ने अपनी जबान मेरी जबान से लगा दी और हम एक दुसरे को चूसने लगे.
दो मिनिट की लॉन्ग किस के बाद मैंने अपनी ज़िप खोली. दीदी अपने घुटनों के ऊपर आ बैठी और बोली, मुहं में दिया हैं किसी के कभी?
मैंने कहा नहीं, तो वो हंस के बोली तो आज अपनी बहन के मुह में दे दे.
और फिर उसने अपनी आधी बची लिपस्टिक वाले होंठो से मेरे लौड़े को मुहं में ले लिया और उसे चूसने लगी. वाऊ, क्या मस्त फिलिंग थी दीदी को लोडा चटाने की. वो मेरी नजरो से अपनी नजरें मिलाये हुए थी और लंड को तेजी से चूस रही थी. पूरा लंड जब उसके मुहं में गया तो मेरे लंड के तार जैसे हिल से गए. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है |
अब दीदी उठ गई और बोली, चलो अब मुझे खुश करो.
मैंने कहा, कैसे?
तो वो बोली, हमारी चूत नहीं चाटोगे?
मैंने दीदी के घाघरे को ऊपर किया और उसने अपनी चूत मेरे मुहं पर रगड दी. मैंने अपनी जीभ को चूत में घुसेडी तो दीदी के मुहं से आह निकल गई. मैंने जबान को दीदी के चूत की फांकों पर घिसना चालू कर दिया. दीदी की साँसे एकदम तेज हो गई और वो मुझे अपनी चूत पर जोर जोर से दबा के अपनी चूत चटवाने लगी.
एक मिनिट में ही उसकी चूत से खारा पानी बह निकला जिसकी एक एक बूंद को मैंने अपनी जबान से चाट के पी ली. फिर दीदी वहीँ घोड़ी बन के खड़ी हो गई. मैं पीछे गया और दीदी ने अपने हाथ से मेरे लौड़े को चूत पर सेट किया और बोली, चल अब जल्दी से चोद दे मुझे तेरे जीजू टिफिन ले के आते ही होंगे.
मैंने एक झटके में दीदी की बुर में अपना लोडा डाल दिया. फिर अपने हाथ से दीदी के कंधे को पकड लिए और चोदने लगा उसे. दीदी ने अपनी गांड को हिलाना चालू किया और बोली, बड़ा लम्बा हैं तेरा औजार तो.
मैंने कहा, मैंने क्लिप में जीजा का देखा था उस से तो मेरा बड़ा हैं ना.
दीदी ने कहा, अब तक मैंने जितने लिए हैं उसमे तेरा नम्बर टॉप थ्री में हैं.
यह सुन के मैं मनोमन खुश हो गया, लेकिन साथ में दीदी ने यह भी इजहार किया की वो कम से कम ३ से ज्यादा लोगों से चुदवा चुकी हैं. दीदी को २ मिनिट और चोदा फिर हमने पोज़ीशन चेंज की. अब मैंने उसे टॉयलेट की सिट को निचे कर के उसके उपर दीदी को बिठा दिया. फिर लंड बुर में डाल के चोदने लगा. दीदी मुझे बाहों में भर के आहें ले रही थी.
दीदी की २ मिनिट चुदाई के बाद मेरा पानी निकल पड़ा. दीदी ने लम्बी सांस ली और बोली, एक बूंद भी बहार मत निकालना सब अन्दर निकाल दे मुझे तेरे बच्चे की माँ बनना हैं. मैंने उसे बाहों में भर के सब वीर्य चूत में ही छोड़ दिया.
फिर हम लोग अलग हुए और कपडे सही कर के बाहर आ गए. ५ मिनिट के बाद जीजा आ गए टिफिन ले के.
उन्होंने खाना खाया और हम बातें करने लगे. जीजा ने बातों बातों में कहा की ऑफिस में बहुत काम हैं. मैंने कहा दीदी के पास मैं रुकता हूँ जीजू आप घर चले जाइए. पहले तो जीजा नहीं माना लेकिन फिर दीदी ने भी कहा तो वो मान गए.
खाने के २० मिनिट के बाद जीजा चले गए और पूरी रात मैंने और दीदी ने बाथरूम और रूम में निचे फर्श पर चुदाई की.
दीदी की चुदाई फिर तो मुझे बहुत बार करने को मिली और उसकी गांड भी मैंने मारी हैं. और जैसे दीदी की तमन्ना थी वो मेरे वीर्य से एक खुबसुरत बेटे को जन्म भी दे चुकी हैं.
The post दीदी की खचाखच चुदाई appeared first on Mastaram: Hindi Sex Kahani.
दीदी की खचाखच चुदाई
No comments:
Post a Comment