प्रेषिका : हेमा
आप लोगो ने पिछली कहानी ” जुड़वाँ बहनों की चुदाई-3 ” पढ़ी अब उसके आगे लिख रही हु…..अब आगे की कहानी सीमा की ज़ुबानी: रात के सात बजे मैंने धरम का लंड मुँह में लिया और चूसने लगी। थोड़ी ही देर में धरम का लंड खड़ा हो गया। धरम ने मुझे लिटा दिया और मेरी टाँगों के बीच आ गये। उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन ने सुरसुरी सी होने लगी। मैं जोश से पागल हुई जा रही थी। दो मिनट में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने धरम को अपनी बाँहों में जोर से जकड़ लिया। धरम मेरे होंठों को चूमने लगे। थोड़ी देर बाद धरम ने मुझसे डॉगी स्टाइल में होने को कहा। मैं बहुत ज्यादा जोश में थी और तुरंत ही डॉगी स्टाइल में हो गयी। धरम मेरे पीछे आ गये। उन्होंने मेरी चूत की लिप्स को फैला कर अपने लंड का टोपा बीच में रख दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और मैं सिसकरियाँ भरने लगी।
धरम ने मेरी कमर को पकड़ा और बोले, “सीमा, अब मैं तुम्हारी चूत में अपना लंड घुसाने जा रहा हूँ। अब तुम दर्द सहने के लिये तैयार हो जाओ।”
मैंने कहा, “मुझे चाहे जितना दर्द हो मैं तो बस केवल आपका पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती हूँ। आपने मेरी सैक्स की आग को भड़का दिया है। मैं आप से खूब चुदवाना चाहती हूँ।”
हेमा बोली, “अगर तू ही चुदवाती रहेगी तो मेरा क्या होगा। मैं तो चुदवाये बिना नहीं रह सकती।”
मैंने कहा, “मुझे चुदवा लेने दे फिर तू भी चुदवा लेना।”
धरम ने अपना लंड मेरी चूत के अंदर दबाना शुरु कर दिया। उसका लंड धीरे-धीरे मेरी चूत के अंदर घुसता जा रहा था। पहले तो मुझे बहुत कम दर्द हुआ लेकिन जब उसका लंड और ज्यादा गहरायी तक मेरी चूत के अंदर चला गया तो मुझे दर्द होने लगा। मैंने धरम को रोका नहीं। वो अभी भी अपना लंड मेरी चूत में दबाता जा रहा था। उसका लंड मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुसता जा रहा था। मैंने अपने होंठ जकड़ लिये जिससे मेरे मुँह से चींख ना निकले। जब मेरी चूत का दर्द बर्दाश्त से बाहर हो गया तो मैंने धरम से रुक जाने को कहा। वो रुक गया। मैंने पूछा, “कितना घुसा है तुम्हारा लंड?”
वो बोला, “अभी तो केवल पाँच इंच ही घुस पाया है!”
मैं राज के पाँच इंच के लंड से चुदवाने की आदी थी और धरम का लंड पाँच इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था। मुझे बहुत ज्यादा दर्द इसलिये भी हुआ क्योंकि धरम का लंड राज के लंड से बहुत ज्यादा मोटा था। थोड़ी देर बाद मैंने धरम से और ज्यादा लंड चूत के अंदर ना घुसाते हुए चोदने को कहा।
उसने अपना लंड पाँच इंच तक ही मेरी चूत में डालते हुए अंदर बाहर करना शुरु कर दिया। मेरी चूत ने धरम का लंड एक दम जकड़ रखा था। थोड़ी देर बाद जब मेरी चूत कुछ ढीली हो गयी तो मेरा दर्द काम हो गया।
मैं जोश में आ कर सिसकरियाँ भरने लगी। मैंने अपने चूतड़ भी आगे पीछे करने शुरु कर दिये। दो-तीन मिनट में ही मैं झड़ गयी। झड़ने के बाद मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी तो धरम ने एक धक्का लगा दिया। मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और मैं चिल्लाने लगी।
हेमा बोली, “क्या हुआ। अभी तो धरम का लंड केवल छः इंच ही घुसा है और तू चिल्ला रही है। अभी तो दो इंच बाकी है। जब धरम पूरा लंड अंदर डाल देगा तो तेरा क्या हाल होगा?”
“थोड़ा सब्र कर! मैं तो जीजू का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लुँगी, चाहे जो हो जाये।”
धरम ने हेमा से कहा, “तुम सीमा का मुँह जोर से दबा दो, जिससे मैं अपना पूरा लंड इसकी चूत में डाल दूँ। नहीं तो जैसे पहले तुम चिल्लाती थी उसी तरह ये भी बहुत चिल्लायेगी और मैं एक बार में पूरा लंड इसकी चूत में नहीं डाल पाऊँगा। पूरा लंड डालने के लिये मुझे सीमा की कई बार चुदाई करनी पड़ेगी और उसे कई बार दर्द होगा।”
हेमा ने मेरे मुँह जोर से दबा कर पकड़ लिया। धरम ने पूरी ताकत के साथ तीन-चार जोरदार धक्के और लगा दिये। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी। मेरा बदन थरथर काँपने लगा। मुँह दबा होने की वजह से मेरे मुँह से केवल गूँ-गूँ की आवाज़ ही निकाल पा रही थी। मेरा पूरा चेहरा पसीने से भीग गया। धरम का लंड अब एक दम जड़ तक मेरी चूत में समा चुका था। हेमा मेरा मुँह दबाये रही और धरम ने धक्के लगाने शुरु कर दिये। वो अभी धीरे-धीरे धक्के लगा रहे थे। चार-पाँच मिनट में ही मैं फिर से झड़ गयी तो मेरी चूत एक दम गीली हो गयी। अब धरम का लंड मेरी चूत में थोड़ा आसानी से अंदर बाहर होने लगा था। मेरा दर्द भी कुछ हद तक काम हो चुका था। अब मैं ज्यादा नहीं चिल्ला रही थी। हेमा ने अपना हाथ मेरे मुँह से हटा लिया।
हेमा ने मुझसे पूछा, “धरम का पूरा लंड अब तुम्हारी चूत के अंदर है। कैसा लग रहा है?”
मैंने कहा, “अच्छा लग रहा है लेकिन अभी भी दर्द बहुत दर्द हो रहा है।”
हेमा बोली, “अभी जब धरम की स्पीड बढ़ जायेगी तब फिर से दर्द होगा। तुम ये दर्द बर्दाश्त कर लेना। फिर बाद में तुझे बहुत मज़ा आयेगा।”
इतना कह कर हेमा ने अपनी चूत मेरे मुँह के पास कर दी और बोली, “तुम मेरी चूत को चाटो। इससे तुम्हें दर्द काम महसूस होगा!”
मैं हेमा की चूत को चाटने लगी। धरम ने अपनी स्पीड थोड़ा तेज़ कर दी। मुझे फिर से दर्द होने लगा और मैं कराहने लगी। मैंने अपने दोनों होंठ एक दूसरे पर कस लिये। दस मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गयी। अब तक मेरा दर्द और कम हो गया था। मेरे झड़ जाने के बाद धरम ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी। मैं फिर से कराहने लगी।
लगभग दस मिनट तक और चुदवाने के बाद मैं फिर से झड़ गयी। अब धरम का लंड मेरी चूत में आराम से अंदर बाहर होने लगा था। मेरा दर्द एक दम कम हो गया था। अब मैं भी अपने चूतड़ आगे-पीछे करके धरम का साथ देने लगी थी। धरम ने मुझे अब गज़ब की स्पीड से चोदना शुरु कर दिया। उसका हर धक्का मेरी बच्चे-दानी को पीछे ढकेल रहा था। मेरे पेट में भी दर्द होने लगा। उसका हर धक्का मेरे ऊपर भारी पड़ रहा था। मेरा सारा बदन पसीने से नहा गया था। मेरी साँसें बहुत तेज़ चल रही थी। इस बार पाँच मिनट की चुदाई में ही मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।
मैंने हेमा से कहा, “मैं नहीं जानती थी कि चुदवाने में इतना मज़ा भी आता है। मैं राज से चुदवाने में उसका साथ नहीं देती थी। मैंने राज के साथ बहुत बुरा किया है। राज तो धरम की तरह ही सैक्सी है। दोनों में अंतर केवल लंड के साइज़ का है। मुझे सैक्स में मज़ा नहीं आता था। धरम जैसे तुम्हें खूब चोदता है वैसे ही राज भी मुझे खूब चोदना चाहता है। मैंने उसे बहुत तड़पाया है। अब मैं उसे बिल्कुल नहीं तड़पाऊँगी। उससे खूब चुदवाऊँगी।”
हेमा ने कहा, “चलो ठीक ही है। देर से ही सही तुम्हें ये बात तो समझ में आ गयी। जानती हो सीमा जब पति का पेट अपनी बीवी से नहीं भरता तो वो दूसरी औरत के पास अपनी भूख मिटाने चला जाता है। इसलिये हर औरत को अपने पति की सैक्स की भूख को शाँत रखना चाहिये।”
मैंने कहा, “हाँ, अब मैं समझ गयी हूँ। तुमने मुझ पर बहुत उपकार किया है।”
अब तक मुझे चुदवाते हुए दस मिनट और बीत चुके थे। मैं पहले ही कई बार झड़ चुकी थी। धरम अभी भी मुझे उसी स्पीड में चोद रहे थे। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मैं चाहती थी कि धरम मुझे इसी तरह पूरी रात चोदते रहें। थोड़ी ही देर में मेरी चूत से फिर से पानी निकलने लगा। मैं बहुत ज्यादा जोश में आ गयी थी और बड़े प्यार से हेमा की चूत को चाट रही थी। धरम ने अभी भी मुझे उसी स्पीड में चोदना जारी रखा था।
अब तक मुझे चुदवाते हुए लगभग बीस मिनट और हो गये थे। धरम की स्पीड और तेज़ हो गयी तो मैं समझ गयी कि अब धरम का नंबर आ गया है। तभी मैंने ने हेमा की चूत को और ज्यादा तेजी से चाटना शुरु कर दिया। मैं फिर झड़ने वाली थी। तभी धरम ने मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया और रुक-रुक कर धक्के लगाने शुरु कर दिये। धरम के लंड से पानी निकलने लगा और मेरी चूत भरने लगी। धरम के साथ ही साथ मैं भी फिर से एक बार और झड़ गयी। जब हम दोनों पूरी तरह से झड़ गये तो धरम ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला। हेमा ने धरम के लंड को चाट-चाट कर साफ़ करना शुरु कर दिया और धरम मेरी चूत को चाट कर साफ़ करने लगा। धरम का लंड साफ़ करने के बाद हेमा मेरी चूत को देखने लगी तो मैंने कहा, “मेरी चूत को क्या देख रही है?”
हेमा बोली, “मैं देख रही हूँ कि आज पहली बार इतने मोटे और लंबे लंड से खूब चुदवाने के बाद तुम्हारी चूत कैसी दिख रही है।”
हेमा ने मेरी चूत को देखते हुए कहा, “धरम का लंड राज के लंड से बहुत लंबा और मोटा है। इसलिये तुम्हारी चूत तो एक दम चौड़ी हो गयी है और कई जगह से कट भी गयी है।”
मैंने कहा, “मैं भी अपनी चूत की हालत देखना चाहती हूँ।”
हेमा ड्रेसिंग टेबल से एक मिरर ले आयी और उस मिरर में मुझे मेरी चूत दिखाने लगी। मैंने अपनी चूत को मिरर में देखा तो मैंने कहा, “मैं नहीं जानती थी कि धरम से चुदवा कर मेरी चूत इतनी ज्यादा चौड़ी हो जायेगी। मेरी चूत तो कई जगह से कट भी गयी। जब राज मुझे चोदेंगे तो उनको पता चल जायेगा। मैं उनसे क्या कहुँगी। मैंने जोश में आ कर जीजू से चुदवा कर बहुत गलत काम किया है।”
हेमा बोली, “तुम्हें चिंता करने की कोई ज़रूरत नहीं है। मैं तुम्हें सैक्सी बनाने के लिये ही यहाँ लायी हूँ। मैंने राज से पहले ही कह दिया था कि तुम्हें सैक्सी बनाने के लिये मुझे तुम्हारी चुदाई धरम से करानी पड़ेगी। उस दिन जब तुम अपनी फ्रैंड के पास गयी थी तब राज ने मुझे सीमा समझा था और मुझे पकड़ लिया था। मैंने भी मज़ा लेने के लिये राज से खूब चुदवाया था। तुम केवल धरम से खूब चुदवाओ और मज़ा लो। राज की चिंता मत करो।”
थोड़ी देर बाद मेरी चूत एक दम डबल रोटी की तरह सूज गयी। आगे की कहानी हेमा की ज़ुबानी भाग चुदाई का खेल सीमा और हेमा के साथ में पढ़िए तब तक के लिए बिदा चाहती हु आप लोगो में से किसी को मेरी चूत की जरुरत है तो कमेंट कीजिये मै आपको मेल कर अपना डिटेल्स मेल करुगी वैसे तो अभी मै पुणे में रहती हु आगे की बाते बाद में bye… love u.
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मेरी चूत भरने लगी
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