प्रेषक: अजित
हैलो दोस्तो, अजित सिंह का नमस्कार.. मैं अजित कानपुर से हूँ.. मेरी उम्र 24 की है.. हाइट 5 फीट 6 इंच की है।
आज मै जो आप लोगो को स्टोरी बताने जा रहा हु ये मेरे साथ लास्ट सन्डे ही घटी है तो दोस्तों वक्त ख़राब न करते हुए मुद्दे पर आते हैं।
दोस्तों लास्ट सन्डे मुझे एक मेल मिला.. जो कि मुंबई के अँधेरी से था। उसकी उम्र 38 साल की थी और वो विधवा थी। उसके पति उससे कहीं ज्यादा उम्र के थे.. पैसे के कारण अस्मिता में उससे शादी कर ली थी।
शादी के दस साल बाद उसके पति का स्वर्गवास हो गया। अस्मिता ने ये सब मुझे मेल पर बताया कि उसे मेरी मदद चाहिए।
मैंने मेल लिखा कि ठीक है मैं आपकी मदद करूँगा।
अस्मिता का जवाब आया- तो आप कब आ सकते हैं?
मैंने कहा- आप जब कहो?
फिर मैंने अस्मिता से पूछा- क्या इससे पहले भी आपने ‘कॉल ब्वॉय’ की सर्विस ली हैं?
तो अस्मिता ने कहा- हाँ.. दो कॉल ब्वॉय हैं जिनसे मैं अक्सर चुदवाती रहती हूँ.. पर दोनों आजकल किसी काम में बिजी हैं.. इसलिए आपसे सम्पर्क किया है।
मैंने कहा- ठीक है।
अस्मिता ने आगे कहा- तो कब मिलोगे?
मैंने कहा- जैसा तुम चाहो।
उसने कहा- ठीक है.. कल ही आ जाओ।
मैंने उसकी चुदास को समझते हुए कहा- ठीक है।
मैंने मै में ही अपना नंबर उन्हें दे दिया और कहा- मुझे कॉल करना।
मुझे थोड़ी देर बाद अस्मिता का फ़ोन आया और बातें हुईं। फिर मैं मुंबई जाने के लिए अगले दिन रवाना हो गया। शाम को करीब मैं 4 बजे वहाँ पहुँच गया, मैंने अस्मिता को पहुँच कर फ़ोन किया। (अभी मै अपने चाचा के यहाँ मुंबई में ही रहता हु ) अस्मिता ने कहा- रिक्शा पकड़ कर यहाँ आ जाओ..
मैं वहाँ से एक रिक्शा पकड़ कर उसके पते पर चला गया। उसने मुझे अपना मकान नंबर बता दिया था.. तो मुझे उसका घर ढूँढने में कोई दिक्कत नहीं हुई।
मैंने घर पर पहुँच कर बेल बजाई.. मकान में से एक औरत निकली.. मैंने कहा- मुझे अस्मिता जी से मिलना है।
उस औरत ने कहा- मालकिन अन्दर हैं आप बैठिए.. मैं बता कर आती हूँ।
वो औरत उसकी नौकरानी थी.. जो सुबह और शाम को उसके घर पर काम करने के लिए आती थी।
थोड़ी देर बैठने के बाद अस्मिता वहाँ आई। अस्मिता ने ब्लू रंग की साड़ी पहन रखी थी और ब्लाउज हाफ बाजू का गहरे गले का पहना हुआ था।
अस्मिता की चूचियाँ उसके ब्लाउज में से साफ दिख रही थीं।
अस्मिता आकर मेरे पास बैठ गई और पूछने लगी- आपको आने में कोई दिक्कत तो नहीं हुई?
मैंने कहा- नहीं..
दोस्तो, आपको अस्मिता का फिगर बता दूँ.. अस्मिता सांवले रंग की थी.. पर नैन-नक्श बहुत अच्छे थे.. उसके मम्मे 36 इंच के एकदम कसे हुए थे.. कमर 34 इंच की बलखाती हुई थी और गाण्ड का नाप 38 इंच का रहा होगा.. एकदम मस्त औरत थी।
अस्मिता ने कहा- आओ.. अन्दर चलते हैं।
उसने अपनी नौकरानी को नाश्ता आदि लाने के लिए बोल दिया।
थोड़ी देर बाद हमने नाश्ता किया और फिर अस्मिता ने कहा- आओ आपको घुमा लाती हूँ।
मैंने कहा- हाँ.. क्यों नहीं.. चलो चलते हैं।
अस्मिता ने अपनी गाड़ी निकाली और मैं उसके साथ बैठ गया, हम लोग काफी घूमे.. फिर रात को 9 बजे घर लौटे।
घर लौटते समय अस्मिता ने एक बीयर की दुकान पर गाड़ी रोकी और मुझसे कहा- चार बीयर ले आओ।
उसने मुझे पैसे दे दिए.. मैं 4 बीयर ले कर आ गया और हम दोनों घर को चल दिए।
घर पहुँचे.. तो देखा घर बंद था। अस्मिता ने अपनी चाबी से दरवाजा खोला। उसके पास भी एक चाबी थी और हम घर के अन्दर हो गए।
सीधे अस्मिता अपने बेडरूम में गई और मैं भी पीछे-पीछे चला गया। कमरे में पहुँच कर अस्मिता अपनी साड़ी खोलने लगी और उसने ब्लाउज पेटीकोट भी उतार दिया।
अब वो बस ब्रा और कच्छी में आ गई थी।
मुझसे कहा- तुम भी अपने कपड़े उतार दो.. पूरे नंगे हो जाओ..
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मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार दिए.. मेरे जिस्म पर सिर्फ कच्छा रह गया था।
फिर अस्मिता ने कहा- आओ चलो पहले कुछ खाना खाते हैं.. फिर कुछ करेंगे।
मैंने कहा- ठीक है.. हम लोगों ने खाना खाया और फिर अस्मिता वो बीयर की बोतल खोलने लगी और कहा- पीते हो न?
मैंने कहा- हाँ.. यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
अस्मिता ने चियर्स किया और एक बीयर मैं और एक बीयर वो.. पीने लगे।
जल्द ही अस्मिता ने एक बीयर खत्म कर दी और अब वो मेरे पास आ गई।
वो कहने लगी- ये क्यों पहन रखा है.. इसे भी खोलो न..
उसने झपट्टा मार कर मेरा कच्छा खोल दिया और मेरा लौड़ा अपने हाथ से ले कर दबाने लगी।
उसकी भरपूर जवानी को देख कर मेरा भी लंड खड़ा हो गया था। मैंने भी अस्मिता की चूचियों पर जो ब्रा चिपकी हुई थी.. उसे निकाल फेंका।
आय हाय.. क्या मस्त चूचे थे.. 36 के थे उसके गोल चूचे.. मैं उनको अपने मुँह में ले कर चूसने लगा।
वो ‘आहें’ भरने लगी- आईईईए.. आई एह..
अब वो मेरे लंड को जोर-जोर से दबाने लगी थी।
मैंने धीरे-धीरे उसको मसलते हुए उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी चिकनी चूत में उंगली डालने लगा।
अस्मिता पूरे जोश में आ रही थी.. वो मेरे लंड को जोर-जोर से मसल रही थी।
फिर उसने मेरे लंड पर थोड़ा सी बीयर डाल दी और मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। उसे लौड़ा चूसने में बहुत मजा आ रहा था। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
वो ऐसे ही 5 मिनट तक मेरा लवड़ा चूसती रही।
फिर उसने कहा-अजित.. मेरी चूत चाटो..
मैंने अस्मिता को चित्त लिटा दिया और उसकी चूत में अपनी जीभ को डाल दिया और चाटने लगा। वो मजे से ‘आहें..’ भर रही थी और मैं लगातार पूरे मनोयोग से उसकी चूत को ‘चपर.. चपर..’ चाट रहा था।
वो ‘आईईईई.. आइ..ई.. उईईईई..’ कर रही थी.. और चूतड़ों को हवा में उठाते हुए जोर-जोर से अपनी चूत चटवा रही थी.. उनसे मेरे सर को चूत पर जोर से दबा रखा था।
फिर वो अकड़ गई और झड़ गई.. बोली- आह्ह.. बस करो अब.. मुझे चोदो..
मैंने उसकी चूत पर अपना लंड रखा और उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रख लिया। फिर उसकी चूत का निशाना साध कर लंड को छेद में ‘सट..’ से घुसा दिया।
उसने थोड़ा सा ‘उई..माँ..’ किया और पूरा लंड चूत में समा गया।
अब मैंने हौले-हौले धक्के लगाने चालू कर दिए थे।
अस्मिता को मजा आने लगा और वो नीचे से अपनी कमर हिलाने लगी।
कुछ देर चुदने के बाद अस्मिता ने कहा- तुम नीचे आओ.. मैं ऊपर आती हूँ।
अस्मिता मेरे ऊपर आ गई और लंड को अपनी चूत में घुसवा लिया और जोर-जोर से चुदने लगी। उसे बहुत मजा आ रहा था ‘वूऊऊऊओ.. आईह… अईए.. उईई.. आईईई.. चोद साले.. हईईईईए..’
वो चुदास में सीत्कारें निकाल रही थी और चूत को लौड़े पर पटकते हुए जोर-जोर से चुद रही थी।
मैं भी नीचे से अपनी लंड की रफ़्तार तेज कर रखी हुई थी।
अस्मिता ऐसा करते-करते झड़ गई और मेरे ऊपर गिर गई।
मैंने कहा- बस?
अस्मिता ने कहा- मुझे पहली बार में खुद ही चुद कर पानी गिराने में मजा आता है.. दूसरे राउंड में हम लोग और भी कई तरीकों से चुदाई करेंगे। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
मैंने कहा- ठीक है..
मैं अस्मिता के मम्मों को लगातार दबा रहा था और चूम रहा था.. साथ ही उसकी चूचियाँ चूस भी रहा था.. ताकि वो जल्दी फिर से जोश में आ जाए।
मैंने अस्मिता की चूत पर फिर से जीभ को काम पर लगा दिया.. उसकी चूत से निकला हुआ पानी अभी भी उसकी जाँघों में लग कर नीचे गिर रहा था।
मैंने उसे अपनी जीभ से साफ़ किया और फिर से उसकी चूत चाटने लगा।
अस्मिता अब जोश में आ गई थी। मैं उसकी चूत के दाने को बार-बार अपने होंठों में दबा कर काट लेता.. जिससे वो ‘उईईए..’ करने लगती।
अब वो जोश में आ गई थी और ‘आईई… ईईह… उईईए.. उफ्फ्फ्फ..’ कर रही थी।
जैसे-जैसे मैं उसकी चूत को चाटता.. वो मस्ती भरी सिसकारी लेने लगती और मेरे सर को पकड़ कर अपने चूत में सटा लेती।
अस्मिता अब कहने लगी-अजित मुझे तुम्हारा लंड चूसना है.. आओ.. मैं तुम्हारा और तुम मेरी चूसो।
हम दोनों 69 में हो गए.. वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी और मैं उसकी चूत को..
जैसे ही मैं उसकी चूत में जीभ अन्दर करता.. वो मेरे लंड को जोर से काट लेती.. ऐसा लगता था कि जैसे खा जाएगी।
थोड़ी देर बाद अस्मिता ने कहा- बस करो.. अब आओ.. चोदो मुझे..
मैंने भी देरी न करते हुए अस्मिता से पूछा- कैसे चुदवाओगी?
अब वो गाण्ड मेरी तरफ करके बिस्तर पर कुतिया की तरह हो गई। मैं समझ गया, मैंने पीछे से अपना लंड उसकी चूत में पेल दिया और धक्के लगाने लगा।
वो ‘उईईए.. आईईई.. हईईईई..’ करने लगी और अपनी चूत मेरे लंड पर जोर जोर से मारने लगी।
‘आईईए.. उईईईए.. होईईई..’ वो सिसकारियाँ भर रही थी और पूरे जोश से चुद रही थी, मैं भी सटासट धक्के लगाते जा रहा था।
अस्मिता ने कहा-अजित.. तुम थोड़ा देर रुक जाओ.. मैं खुद चुदती हूँ।
अब अस्मिता ने जोर-जोर से मेरे लंड पर अपनी गाण्ड पटकने लगी.. इस तरह मैं सीधा खड़ा था और उसकी चूत मेरे लौड़े को चोद रही थी। मैं सिर्फ उसकी कमर को पकड़े हुआ था। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
फिर अस्मिता ने कहा- चलो.. टेबल पर चलते हैं।
अब अस्मिता ने अपनी एक टांग को टेबल पर टिका दिया और एक नीचे मैंने उसके पीछे खड़ा होकर उसकी चूत में लंड ड़ाल दिया और उसे हचक कर चोदने लगा। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
अस्मिता बहुत अच्छे से चुदवा रही थी और मजे ले रही थी, ‘आईईईए.. उईईईईईए.. होईईई..’ वो आहें भर रही थी।
मैं पीछे से लंड उसकी चूत पर ‘दे दनादन’ लौड़े को पेल रहा था। मैं कभी-कभी उसकी मोटी-मोटी चूचियाँ भी मसल देता और चूस भी लेता.. जिससे वो और भी मजे लेते हुए चुद रही थी।
फिर अस्मिता टेबल पर ही लेट गई और कहने लगी.. तुम नीचे खड़े हो कर चोदो।
मैं भी नीचे खड़ा होकर उसे चोदने लगा वो मजे से ‘आईईईए.. उईईई.. हाय.. हाय..’ करती जा रही थी.. पर झड़ने का नाम नहीं ले रही थी।
फिर वो मेरे साथ वापस बेडरूम में गई और उसने कहा- बस अजित.. आओ मेरे ऊपर चढ़ जाओ और मुझे चोदो.. अब मैं झड़ना चाहती हूँ। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
मैंने फिर से उसकी टाँगें ऊपर कर दीं और जोर-जोर से उसे पेलने लगा। उसकी चूत से ‘फच.. फच..’ की आवाजें आ रही थीं और वो नीचे से कमर हिलाए जा रही थी ‘जोर-जोर से चोदो..’
अब लग रहा था कि मैं भी झड़ जाऊँगा, मैंने भी अपने धक्के तेज कर दिए और नीचे से अस्मिता भी जोर-जोर से धक्के देने लगी, उसने एकाएक मुझे अपने बाँहों में जोर से जकड़ लिया और वो झड़ने लगी।
मैं भी अंतिम कगार पर था.. मैंने भी आखरी में तगड़े धक्के मारे और झड़ गया।
हम दोनों ही लेट गए.. थोड़ी देर बाद हम दोनों बाथरूम में गए और फ्रेश होकर आ गए और सो गए।
रात को नीद खुली तो देखा कि अस्मिता मेरे लंड से खेल रही थी। मेरा लंड तन कर खड़ा हो गया था। अस्मिता ने ढेर सारा तेल मेरे लंड पर लगा दिया और अपनी गाण्ड पर भी तेल लगा लिया। वो मेरे लंड पर बैठ गई और अपनी गाण्ड मरवाने लगी।
वो कूद-कूद कर उछल-उछल कर अपनी गाण्ड मेरे लंड पर मार रही थी.. उसके धक्कों से मेरी भी ‘आह..’ निकली जा रही थी।
ऐसा उसने करीब दस मिनट तक किया और थक कर लेट गई और कहने लगी- अब तुम मेरी गाण्ड मारो।
मैंने नीचे एक तकिया रखा.. जिससे उसकी गाण्ड ऊपर उठ गई। उसकी गाण्ड बिल्कुल लाल दिख रही थी।
मैंने अपना लंड उसकी गाण्ड में घुसा दिया और जोर-जोर से पेलने लगा। इसी के साथ मैं उसकी चूत के दाने को भी मसलने लगा.. जिससे वो जल्द झड़ सके। यह कहानी आप मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं !
करीब बीस मिनट तक उसकी गाण्ड मारने के बाद.. वो झड़ गई और मैं भी साथ ही झड़ गया।
फिर हम सो गए..
सुबह मुझे जल्दी चाचा के यहाँ जाना था। मैं जल्दी उठा और अस्मिता से कहा- मैं जाने वाला हूँ।
अस्मिता ने मुझे पकड़ लिया और कहा- आओ एक बार और हो जाए।
मैंने कहा- नहीं मेरी चाची मेरा वेट कर रही है जल्दी घर जाना पड़ेगा कल रात फिर एक क्लाइंट के पास जाना है
उसने कहा- कोई बात नहीं.. जल्दी-जल्दी कर लेते हैं।
मैंने अस्मिता की जल्दी-जल्दी चूत मारी और फ्रेश होकर जाने लगा। अस्मिता ने मेरी फीस मुझे दी और मुझे अँधेरी स्टेशन पर छोड़ कर चली गई। तो दोस्तो, कैसी लगी यह मेरी नई आपबीती.. मुझे मेल जरूर कीजिएगा। फिर मै अपनी अगली क्लाइंट की चुदाई की कहानी आप लोगो के सामने प्रस्तुत करुगा तब तक के पढ़ते रहिये मस्तराम डॉट नेट |
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