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भाभी के बर्थडे पर अनोखी चुदाई भाग १


हैल्लो दोस्तों, उस दिन मेरी भाभी का बर्थ-डे था और मैंने भाभी को पहले ही कह दिया था कि इस बार का बर्थ-डे भाभी और में एक साथ मनायेंगे। फिर में उनके बर्थ-डे के दिन केक लेकर आया और भाभी के लिए एक अच्छा सा गिफ्ट भी लाया। उस गिफ्ट में क्या था? वो में आपको आगे बताऊंगा। फिर भाभी ने कहा आ गए देवर जी रात के 12 बजने वाले है। मेरे बर्थ-डे की तैयारी हो गई। मैंने कहा कि भाभी आप बेफिक्र रहिए, आपके इस देवर ने पूरी तैयारी कर ली है। पहले आप नहाकर एक अच्छा सा पटियाला ड्रेस पहन लीजिए, आप पटियाला सलवार में बहुत ही सेक्सी लगती हो। फिर भाभी ने कहा कौन सा वाला पटियाला ड्रेस पहनूं? तो मैंने कहा कि भाभी वही जिसमें वेलवेट का जंपर है और पतली ग्रीन कलर की फुल चैन वाली सलवार है। भाभी ने कहा ठीक है आप केक और मोमबत्ती की तैयारी कीजिए में अभी नहाकर आती हूँ।


फिर मैंने कहा कि भाभी सब तैयार है आप बस अच्छे से नहा लीजिए, अब मैंने पहले से ही बाथरूम के दरवाज़े के स्क्रू खोलकर दरवाज़ा निकाल लिया था और एक पतला पर्दा लगा दिया था ताकि में भाभी को नहाते हुए देख पाऊं। फिर भाभी ने पूछा कि बाथरूम का दरवाज़ा कहाँ गया? और यह पर्दा कैसे लटक रहा है? तो मैंने कहा कि भाभी वो दरवाज़ा नीचे से ख़राब हो गया था तो मैंने निकाल कर दूसरा बनाने के लिए दिया है। तब तक मैंने यह पर्दा लगा दिया है और आप आराम से पर्दे के अंदर नहा लो। भाभी थोड़े गुस्से में नहाने के लिए चली गई और अब में कुर्सी लेकर बाथरूम के बाहर बैठ गया। भाभी ने कहा कि यहाँ क्यों बैठे हो? तो मैंने कहा कि भाभी अपने घर में चूहे बहुत है, पहले दरवाज़ा था तो वो अंदर नहीं जाते थे, लेकिन पर्दे में से अंदर जा सकते है इसलिए चूहा अंदर नहीं जाए तो में चूहा भगाने के लिए यहाँ बैठा हूँ।


फिर भाभी ने कहा देवर जी आज अपनी भाभी की बड़ी चिंता हो रही है, तो मैंने भी कह दिया भाभी आप तो मेरी भाभी जान हो। आज तो में आपका पूरा ख्याल रखूँगा। फिर भाभी अंदर जाने वाली थी तो मैंने उनके हाथ में से वो ग्रीन ड्रेस ले ली जो भाभी नहाने के बाद पहनने वाली थी। फिर मैंने कहा भाभी लाओ यह ड्रेस में पकड़ लेता हूँ अंदर कपड़े टांकने का कोई हुक नहीं है, वो प्लमबर ने सब निकाल दी है। फिर भाभी अपने कपड़े मुझे देकर अंदर नहाने चली गई और अब भाभी ने अंदर से लाईट चालू की ओह माई गॉड, अब भाभी अंदर अपने कपड़े उतारने लगी तो मुझे पर्दे में से हल्का-हल्का दिख रहा था। फिर मैंने कहा भाभी लाओ कपड़े उतार दिए है तो मुझे दे दो नहीं तो नीचे भीग जायेंगे। फिर भाभी ने अपने कपड़े उतार कर पर्दे में से हाथ आगे कर दिया, तो मैंने कहा लाओ सलवार भी दे दो।


तब भाभी ने कहा उतार कर देती हूँ, लेकिन बहुत देर हो गई फिर भी भाभी ने सलवार नहीं दी तो मैंने कहा कि भाभी आपकी सलवार दो। भाभी ने कहा कि देवर जी सलवार में गाँठ टाईट लग गई है तो नाड़ा खुल नहीं रहा है। फिर मैंने किचन से ब्लेड लाकर भाभी को दी और फिर भाभी ने पर्दे में से हाथ निकाल कर ब्लेड लेनी चाही तो मैंने भाभी का हाथ पकड़ लिया और कहा कि भाभी ब्लेड कहीं आपकी कमर पर ना लग जाए, में ही सही से नाड़ा काट देता हूँ। भाभी ने कहा कि अंदर मत आना, में अंदर नंगी हूँ और में खुद नाड़ा काट लूंगी, लाओ ब्लेड मुझे दे दो। फिर मैंने ब्लेड भाभी को दे दी और फिर भाभी ने अपनी सलवार का नाड़ा काटकर सलवार उतार कर मुझे दे दी। अब सलवार में नाड़ा कटा हुआ था और सलवार थोड़ी सी भीगी हुई भी थी, शायद सलवार उतारते वक़्त ज़मीन पर गिर गई होगी।


अब मुझे सलवार में से बहुत अच्छी महक आ रही थी और आयेंगी क्यों नहीं? क्योंकि ये सलवार भाभी ने अभी-अभी उतारी थी और सलवार में अभी भी भाभी की जांघो और उनकी प्यारी सी चूत का अहसास था। फिर में सलवार को जहाँ भाभी की चूत लगती होगी उस हिस्से को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा। अब मुझे सलवार चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर मैंने भाभी की ब्रा और चड्डी माँगी तो भाभी ने मुझे अपनी ब्रा और चड्डी देने से मना कर दिया, क्योंकि नहाने के बाद वो वही ब्रा पेंटी पहनने वाली थी। फिर मैंने भाभी के कपड़े जो वो नहाने के बाद पहनने वाली थी, मैंने उनकी कमीज़ के दोनों चाकों को कैंची से काटकर थोड़ा बड़ा कर दिया ताकि में उनकी कमर को देख सकूँ और कमीज़ की लंबाई भी 10 इंच काटकर उसे एकदम पटियाला बना दिया, ताकि में भाभी की नाभि सलवार के ऊपर से पूरी देख सकूँ और सलवार को भी नाड़ा बाँधने की तरफ से 4 इंच काट दिया, ताकि में उनकी नाभि देख लूँ और चूत के पास वाली जगह की थोड़ी सिलाई खोल दी, ताकि खींचने पर सलवार चूत के पास से आराम से फट जाए और सलवार के नाड़े में मैंने दो घुंघरू लगा दिए, ताकि भाभी की सलवार का नाड़ा लटकने और चलने पर आवाज़ आए।


अब 15 मिनट तक भाभी अंदर नहाती रही और में उन्हें पर्दे के बाहर से देखता रहा। अब नहाने के बाद भाभी ने ब्रा, पेंटी पहनी और अपने कपड़े माँगे तो मैंने भाभी के कपड़े उन्हें दे दिए। अब भाभी अंदर चौंक तो गई होगी कि मैंने उनके कपड़ों के साथ कुछ शरारत तो की है। फिर भाभी कपड़े पहनकर बाहर आई तो कसम से वो आइटम लग रही थी। उन्होंने कमीज़ तो खोली उनकी नाभि तक ही थी और दोनों चाकों में से भाभी की कमर नज़र आ रही थी, लेकिन भाभी ने सलवार के नाड़े को अंदर घुसा लिया था और घुंघरू भी नहीं दिख रहा था, जो मैंने उनकी सलवार के नाड़े पर बांधा था। फिर भाभी ने अपनी कमीज ऊपर करके अपनी सलवार मुझे दिखाई और अपनी सलवार के अंदर से नाड़े को बाहर निकाला और नाड़ा बाहर कर दिया। अब घुंघरू भी लटक-लटक कर छन-छन बज रहा था।


फिर भाभी ने पूछा कि ये तुमने बांधा है क्या? तो मैंने कहा हाँ भाभी ये घुंघरू में आपके लिए लाया था, लेकिन आपकी कमीज़ में पीछे गले पर डोरी थी ही नहीं इसलिए यह मैंने आपकी सलवार के नाड़े पर बाँध दिया। आप ये नाड़ा अपनी हर सलवार में डाला करो और नाड़े को ऐसे ही बाहर लटकता छोड़ दिया करो, मुझे बहुत अच्छा लगता है और आप कुछ भी करोगी तो यह घुंघरू छन-छन बजते हुये बहुत अच्छे लगते है। फिर भाभी ने अपनी कमीज़ नीचे की और कांच के सामने अपने बाल बनाने लगी। फिर मैंने भाभी से पूछा कि भाभी आपने अपनी पेंटी और ब्रा क्यों नहीं दी? तो भाभी ने कहा कि वो तो मैंने अभी भी पहनी है। मुझे गुस्सा आ गया और फिर मैंने कहा क्या? भाभी आप अपने बर्थ-डे के दिन भी गंदे कपड़े पहन लिए है, यह अच्छी बात नहीं है। फिर मैंने तुरंत कैंची उठाई और भाभी को पीछे से पकड़ लिया।


फिर भाभी ने कहा कि देवर जी क्या कर रहे हो? फिर मैंने भाभी की पेंटी की लाईन को पकड़ा और कैंची से काट दिया और फिर एक झटके में ब्रा बाहर खींच ली।


फिर मैंने भाभी से कहा कि भाभी आप बाल बना लो, फिर हम साथ में आपका बर्थ-डे सेलीब्रेट करेंगे। अब भाभी सिर्फ छोटी सी पटियाला कमीज़ और फूल वाली सलवार में थी। फिर भाभी ने बाल बनाकर अपना पूरा मेकअप कर लिया था और अब वो बहुत सेक्सी लग रही थी। अब केक काटना था और मेरा लंड तो पूरा खड़ा था। अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मेरा जी कर रहा था कि अभी भाभी की सलवार उतार कर उनकी चूत को अपने मुँह में भर लूँ और सारा रस पी जाऊं। तभी भाभी बाथरूम की तरफ जाने लगी तो मैंने उनका हाथ पकड़ लिया और पूछा कहाँ जा रही हो? भाभी केक काटने का टाईम हो गया है। तभी भाभी ने कहा कि बहुत ज़ोर से पेशाब लगी है ज़रा पेशाब करके आती हूँ। फिर भाभी बाथरूम में जाकर पेशाब करने लगी। बस अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और अब में भाभी की पेशाब की आवाज़ सुनकर अपने लंड को हिलाने लगा और फिर में केक के पास गया और केक के बीच में से थोड़ा सा टुकड़ा काटकर केक के बीच में अपने लंड की सारी मलाई निकाल दी और में शांत हो गया।


फिर मैंने केक के टुकड़े को वापस अंदर दबा दिया और केक सही किया। अब केक काटना था और भाभी को पता नहीं था कि मैंने केक के एक कोने में अंदर अपनी मलाई केक में मिला दी है। फिर इतने में भाभी पेशाब करके बाहर आई। फिर मैंने भाभी से कहा चलो भाभी केक काटते है। फिर भाभी केक के सामाने आकर खड़ी हो गई और फिर मैंने केक की मोमबत्तीयां जलाई और कमरे की सारी लाईट बंद कर दी और अपनी भाभी के पीछे जाकर खड़ा हो गया और एक हाथ भाभी की कमर में डाल दिया। अब पूरे कमरे में अंधेरा था। बस मोमबत्ती की रोशनी थी जो केक पर जल रही थी। अब भाभी के हाथ में चाकू था और मेरे हाथ में कैंची थी। फिर मैंने बड़ी होशयारी से भाभी की सलवार को पीछे की साईड से गांड के पास से कैंची से थोड़ा काट दिया। अब भाभी को पता ही नहीं चल पाया कि उनकी सलवार पीछे से गांड के पास से 6 इंच से ज़्यादा कट गई है। फिर मैंने कैंची रख दी और अपनी भाभी से पूरा चिपक गया।


(TBC)…..







भाभी के बर्थडे पर अनोखी चुदाई भाग १

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