अब मे आपको ग़ज़ल भाभी जिसको मेने चोदा है उसके बड़े मे बता दु ग़ज़ल की अब उमर 29 साल है वो मेरे एक दोस्त वसीम की वाइफ है उसको एक लड़का है जो स्कूल मे पढ़ता है.
अब मैं आपको नज़नीन के बड़े मे बता दु ग़ज़ल बहुत खूबसूरात है वो एक दम फिल्म आक्ट्रेस जैसी दिखती हें आपने 2 साल पहले इंडिया मे एक फिल्म आई थी जिसका नाम इनकार था उस फिल्म मे हीरो जॉन अब्राहम था ओर एक हेरोइन चित्रगड़ा सिंग है ग़ज़ल बिल्कुल उस हेरोइन की तरह दिखती है.
अब मे ग़ज़ल के साथ हुआ एक पूरेाना किस्सा बता दु जब ग़ज़ल 18 साल की थी मे उसको तब से जनता हू ग़ज़ल का बाप थोड़ा ग़रीब था पैसेवला नही था, उस समय मे एक दोस्त था जिसका नाम जावेद था वो भी मुसलमान था वो पैसे वाला था वो दिखने मे थोड़ा काला था ओर कुच्छ खास नही था.
लेकिन उसके पास बहुत पैसा था इस लिए ग़ज़ल उस पर फिदा हो गयी हम तीनो एक ही मोहल्ले मे पास पास रहते थे ग़ज़ल मेरे एक दोस्त की सिस्टर थी जिसका नाम फरोज़ है.
दोस्तो मे फरोज़ जावेद तीनो दोस्त थे, जावेद मेरा थोड़ा खास था, एक बार किस्सा एसा हुआ के जावेद के ऑफीस जहा मे ओर जावेद अक्सर मिला करते वाहा एक लड़की का कॉल आता था वो लड़की उसको नाम से जानती बहुत देर बात कराती पर अपना नाम ओर पहचान नही बताती कई दिन बात करने के बाद उस लड़की ने अपना नाम ओर पहचान बताया तो हमको पता चला की वो फरोज़ की सिस्टर है हमको थोड़ा बुरा लगा के वो दोस्त की सिस्टर है.
लेकिन जब जावेद उससे मिला तो वो उसको देख कर उसपर फिदा हो गया उसने मुझे बताया के वो ग़ज़ल को चोदना चाहता है तो उसने ग़ज़ल को एक बार कसम देकर एक रूम मे बुलाया वाहा पर उसने ग़ज़ल को किसी तरह सेक्स के लिए मना लिया वो पर उसने ग़ज़ल की चुत की सील तोड़ दी ग़ज़ल को काफ़ी दर्द हुआ लेकिन वो पैसे के खातिर जावेद से शादी करना चाहती थी.
लेकिन जावेद ने उसको थोड़े दिन छोड़कर उसको छोड ., कुच्छ वक़्त बाद ग़ज़ल की शादी उसके बुआ के लड़के से वसीम से हो गयी, मे . शादी मे गया था दोस्तो ग़ज़ल मुझे अपनी शादी मे देख के थोड़ा डर गयी, दोस्तो मे उसको वाहा पर बहुत गंदी नॅज़ारो से देख रहा था जब मे घर आया तो मेने ग़ज़ल को याद करके मूठ मारी.
थोड़े दिन बाद ग़ज़ल के शोहार की नौकरी दूसरी जगह लग गयी तो वो वाहा से चली गयी कुच्छ साल उसके पाती की नौकरी फिर मेरे शहर मे लग गयी तो वो वापस हमारे मुहल्ले मे एक बिल्डिंग मे फ्लॅट किराए पर लेकर रहने आई अब उसको एक बच्चा हो चुका था उसका बेटा यहा स्कूल जाने लगा, ग़ज़ल जिस बिल्डिंग मे रहने आई उस बिल्डिंग के सामने ही मेरा ऑफीस है.
बात अभी 2 महीने पहले की ही है ठंडी के मौसम मे ग़ज़ल रोज़ अपने घर के बाहर एक बेंच पर आकर धूप सेकती थी वो सुबह हमेशा मॅक्सी यानी रात के नाइटी मे आकर बेठ ती थी, मे भी रोज़ ऑफीस के सामने जब क्लाइंट ना होते तो सुबह उसपर लाइन मराता दोस्तो उसको देखते ही मेरा लंड खड़ा हो जाता मे कई दिन उसको गंदी नज़रो से देखता, वो ये जानती थी के उसके पूरेाने बॉय फ़्रेंड जावेद ने उसको चोदा है . बात मुझे पता है इस लिए वो थोड़ा मुझसे डराती भी थी.
जब सनडे होता तो वो सुबह उसके शोहार वसीम के साथ धूप मे बेठ्ने आती तो क्योकि वसीम भी मुझे जनता था इस लिए मे उनसे बात करने चला जाता तो मे ग़ज़ल से भी बात कराता ओर उसको गंदी नज़रो से देखता वो भी ये चीज़ नोटीस कराती के मे उसके बूब्स देखता उसके सीने पर दुपट्टा नही होता सिर्फ़ मॅक्सी होती तो मे उसके बड़े बड़े बूब्स देखता रहता.
अब मे जिस दिन उसको चोदा उस दिन पर आता हू कुच्छ दिन पहले मे ऑफीस के सामने खड़ा था तो मेने ग़ज़ल को वाहा परेशन देखा तो मेने चान्स देख कर उसको सलाम करके पूछा भाभी . थोड़ा परेशन लग रही हो.
ग़ज़ल भाभी की चुदाई ब्लॅकमेल करके
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