दोस्तों आज मै जो कहानी आप लोगो को मस्तराम डॉट नेट के माध्यम से बताने जा रहा हु यह कहानी एक चुदक्कड परिवार की है और उसी परिवार के लड़के की शादी के बाद बहु को भी चुदक्कड बनाने की सच्ची कहानी है मुझे आशा है आप लोग जरुर पसंद करेगे तो अब कहानी पर चलते है …रूचि अपने गाँव छोड़ कर अपनी ससुराल सुल्तानपुर आयी थी, उसके कई सपने थे जैसे कि एक बड़ा घर हो बड़ा परिवार हो. ससुराल में सब लोग उसे प्यार करें, उसका पति उसे इज्ज़त दे. और वैसा ही हुआ भी – उसके पति के तीन भाई और दो बहने थी. उसके पति अजय शहर में एक फैक्ट्री में कार्यरत थे. उसके दो देवर थे – अमरु और गोविन्द. अमरु एमएससी कर रहा था और गोविन्द बारहवीं कक्षा का छात्र था और इंजीनियरिंग कि तैयारी कर रहा था. उसकी पति की बड़ी बहन प्रीती शहर में ब्याही थी. और छोटी बहन आहना बी ए कर रही थी. प्रीती का विवाह हो चुका था और उसके दो बच्चे थे.
जब रूचि घर से चली उसकी माँ ने उसे सारे घर को जोड़ कर रखने की सीख दी. उसे ये भी बताया कि वो घर कि सबसे बड़ी बहु है और उसे घर चलाने के लिए काफी मेहनत करनी होगी. कई समझौते करने होंगे. उसे कुछ ऐसा करना होगा कि तीनों भाई मिल जुल के रहें और उसे बहुत माने.अ.
रूचि घूघट संभाले इस घर में आयी. जैसा होता है उसे शुरू शुरू में कुछ समझ में आ नहीं रहा था. उसकी सास उसे जिसके पैर छूने को कहती वो छु लेती. जिससे बात करने को कहती वो कर लेती इतना बड़ा परिवार था इतने रिश्तेदार थे कि कुछ ठीक से समझ नहीं आ रहा था कि कौन क्या है. उसे उसकी सास ने समझाया कि घबराने कि कोई बात नहीं है. धीरे धीरे सब समझ आने लगेगा.
और फिर उसकी जिन्दागी में वो रात आई जिसका हर लडकी को इंतज़ार रहता है. वो काफी घबराई हुई थी. उसे उसकी ननदों ने उसे सुहागरात के बिस्तर पर बिठा दिया. रात उसके पति अजय कमरे में आया. अजय काफी हैण्डसम जवान था – गोरा रंग मंझला कद अनिल कपूर जैसी मून्छे और आवाज दमदार. दूध वगैरह कि रस्म होने के बाद कुछ तनाव का सा माहौल था.
अजय ने चुप्पी तोडी और बोला, “अब हम पूरे जीवन के साथी हैं हमें जो भी करना है साथ में करना है.”
रूचि ने बस हाँ में सर हिला दिया.
अजय ने मुस्कुराते हुए बोला, “चलो अब हम वो कर लें जो शादीशुदा लोग आज कि रात करते हैं”
मामता को समझ आ गया कि अजय उसकी जवानी के मजे लूटने कि बात कर रहा है. उसने एक बार फिर शर्माते हुए हाँ में सर हिला दिया.
अजय को रूचि कि ये शर्मीली अदा बड़ी भाई. वो उसे बाहोँ में भरने लगा, उसे गाल पे चूमने लगा और अपने हाथों से उसके पीठ और पेट का भाग सहलाने लगा. रूचि के लिए ये नया अनुभव था. उसे अभी भी डर लग रहा था पर मज़ा आ रहा था.
पाठकों को बता देना चाहता हूँ कि, रूचि एक बहुत सुन्दर चेहरे कि मालिक थी. उसका कद पांच फूट तीन इंच था. वह गोरी चिट्टी थी. चेहरा गोल था. होठ सुन्दर थे. आँखें सुन्दर और बड़ी बड़ी थीं. उसकी चुंचियां सुडौल और गांड भारतीय नारियों की तरह थोडा बड़ी थी. कुल मिला कर अगर आपको वो नग्नावस्था में मिल मिल जाएँ तो आप उसे चोद कर खुद को बड़ा भाग्यवान समझेंगे. उसके गाँव में कई लौंडे उसके बड़े दीवाने थे. कई ने बड़ी कोशिश की, कई कार्ड भेजे, छोटे बच्चों से पर्चियां भिजवाईं, कि एक बार उसकी चूत चोदने को मिल जाए. पर रूचि तो मानों जैसे किसी और मिट्टी कि बनी थी. उसने किसी को कभी ज्यादा भाव कभी नहीं दिया. वो अपने आप को अपने जीवन साथी के लिए बचा कर रखना चाहती थी. और आज इस पल वो जीवन साथी उसके सामने था.
अजय अपने हाथ उसकी चुन्चियों पर ले आया और लगा सहलाने. उसने अपने होंठ रूचि के होंठों पर रख दिये और लगा रूचि के यौवन का रसपान करने. अजय उसके चुन्चियों को धीरे धीरे दबाने लगा. वो अपना दूसरा हाथ उसके चूत के ऊपर था. अजय रूचि कि चूत को कपडे के ऊपर से ही सहलाने लगा. रूचि अजय कि इस करतूत से बेहद गर्म हो चुकी थी. उसने अभी तक चुदाई नहीं की थी पर उसकी शासिशुदा सहेलियां थीं जिन्होंने उसे शादी के बाद क्या होता है इसका बड़ा ज्ञान दिया था उसे. रूचि अजय का पूरा साथ दे रही थी और उसके होठों पर होंठ रख के उसे पूरा चुम्मा दे रही थी. उसने अपनी आँखे बंद कर रखीं थी, उसे होश नहीं था बिलकुल. इसी बीच उसने ध्यान दिया कि अजय बाबू ने उसकी साड़ी उतार दी है और वह बस पेटीकोट और ब्लाउज में बिस्तर मे लेटी हुई है. अजय ने उसका पेटीकोट उठा दिया. उसकी केले के खम्भें जैसी जांघे पूरी साफ़ सामने थीं. अजय ने अपना हाथ उसकी चड्ढी के अन्दर डाल दिया और उसकी मखमली झांटें सहलाने लगा. अजय कि एक उंगली कि गीली हो चुकी चूत में कब घुसी रूचि को बिलकुल पता नहीं चला. रूचि को बड़ा मज़ा आ रहा था इसका अंदाजा अजय को इस बात से लगा गया कि वो अपनी गांड हिला हिला कर उसकी उंगली का अपनी चूत में स्वागत कर रही थी.
अजय ने अपने स्कूल के दिनों में मस्तराम कि सभी किताबें पढीं थीं. उन किताबों से जो ज्ञान प्राप्त हुआ था आज उसका वो पूरा प्रयोग अपनी नयी नवेली पत्नी पर कर रहा था. रूचि की गर्मी को हुये अजय ने उसकी चड्ढी उतार फेंकी. ब्लाउज और ब्रा के उतरने में भी कोई भी समय नहीं लगा. अब रूचि केवल एक पेटीकोट में उसके सामने लेटी हुई थी. उसके मम्मे बड़े ही सुन्दर थे. आप यह कहानी मस्तराम डॉट नेट पर पढ़ रहे है | अजय ने कहां, “जब सामने इतनी सुन्दर नारी कपडे उतार के लेटी हो, तो मुझ जैसे मर्द का कपडे पहन कर रहना बड़े ही शर्म कि बात है”.
रूचि इस बात पर मुस्करा दी. अजय ने अपन सारे कपडे उतार फेंके. रूचि ने अजय के सुडौल शरीर को देखा. अजय का लैंड ६ इंच से कम नहीं होगा. वो एकदम तना हुआ था. रूचि की चूत अजय के आसमान कि तरफ तने लौंडे को देख कर उत्तेजना में बजबजा सी गयी. मन हुआ कि बस पूरा एक कि झटके में पेल ले अपनी गीली चूत में और जम के चुदाई करे, पर नयी नवेली दुल्हन के संस्कारों ने उसे रोक लिया.
अजय उसके पास आया और उसे एक बार होठों पर होठ रख के जोर से चुम्मा लिया.
फिर बड़े शरारती अंदाज़ में बोला, “इतनी बात इन होठों को चूमा है इस शाम. अगर दुसरे होठों को नहीं चूमा तो बुरा माँ जायेंगे जानेमन.”
रूचि बड़ी कशमकश में थी कि उसके दुसरे होंठ कहाँ हैं. पर जब अजय ने उसकी पेटीकोट उठा के उसकी चूत पर जब अपना मुंह रखा तो उसे साफ़ समझ आ गया कि अजय का क्या मतलब था. उसने अपनी सहेली के साथ ब्लू फिल्म देखी थी जिसमें एक काला नीग्रो एक अंग्रेज़ औरत कि चूत को चाटता है. पर उसे ये नहीं गुमान था कि हिन्दुस्तानी मर्द ऐसा करते होंगे. वो ये सब याद ही कर रही थी कि अजय ने उसकी चूत का भागनाशा अपने मुंह में ले कर उसे चूसना चुरू कर दिया. फिर वो चूत कि दोनों तरफ की फाँकें चाटने लगा. फिर अपनी जीभ उसकी चूत के छेद में दाल कर अपनी जीभ से उसे चोदने लगा. रूचि इस समय सातवें आसमान पर थी. उसने सपने में भी कल्पना नहीं की थी कि ये सब इतना आनंद दायक होगा. उसकी चूत से प्रेम रस बह कर बाहर आने लगा और उसकी गांड के छेद के ऊपर से बहने लगा. अजय अपनी जीभ को रूचि के अन्दर बाहर कर रहा था साथ ही उसने अपनी छोटी उंगली को गीला कर के रूचि की गांड में डाल दिया. रूचि आनंदातिरेक में सीत्कारें भर रही थी. उसे यह सब एक सपने जैसा लग रहा था.
अजय ने अपनी जीभ रूचि कि चूत से निकाल ली और उसका पेटीकोट खींच कर उतार फेंका. वो रूचि के बगल में आ कर बैठ गया. और रूचि को इशारा किया अपने लण्ड कि तरफ. रूचि समझ गयी कि उसकी चूत कि चटवाने का बदला अब उसे चुकाना है. वो झुक कर आनंद के लंड पर अपन मुंह ले गयी और अपने होठों से उसका सुपाडा पूरा अपने मुंह में ले लिया. अजय के लण्ड में एक अजीब सी महक थी जो उसे उसे पागल किये जा रही थी. वो अपने होंठों को ऊपर नीचे कर के उसका लंड को लोलीपॉप कि भांति उसे चूसने लगी. अजय तो जैसे पागल हो उठा. उसकी नयी नवेली दुल्हन तो मानों कमाल कर रही थी. उसने अपनी एक उंगली रूचि कि गांड में पेल दी और लगा उसे उंगली से चोदने. रूचि को अजय का उंगली का अपनी गांड में चोदना बड़ा अच्छा लग रहा था. वो जोरों से उसका लौंडा चूसने लगी. सारे कमरे में चूसने कि आवाजें गूँज रहीं थीं.
कहानी जारी है…. आगे की कहानी पढने के लिए निचे दिए गये पेज नंबर पर क्लिक करे ……
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तिन लंड चूत में दो मुह में
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