अब में उससे भीख माँग रही थी प्लीज़ मुझे चोदो, मुझे चोदो ना, आहहहह आआहहहह चोदो मुझे, मारो और मारो, लेकिन मेरा मुँह बँधा हुआ था तो में अंदर ही अंदर तड़पती रही, लेकिन उस हरामखोर ने लंड तो दूर की बात है अपनी एक उंगली तक नहीं डाली। फिर वो मुझे बँधा हुआ छोड़कर कहीं चला गया और में तड़पती रही और अपने बंधे हाथों से करवटे लेती रही आहहहहहहहह आअहह प्लीज़ फुक मी। में आज तो अपने बाप का भी लंड ले सकती थी। फिर थोड़ी देर के बाद मेरे रूम का दरवाजा खुला और कोई अंदर आया। अब मुझे लगा कि करण होगा तो में बँधे मुँह से उससे चोदने की भीख माँगने लगी। तो वो बिना कुछ बोले सीधे मेरी टांगो के बीच में आया और अपना खड़ा लंड मेरी चूत में पेल दिया। अब मुझे कुछ अजीब सा लगा, मुझे उसका लंड थोड़ा मोटा लग रहा था, लेकिन में तो सेक्स की आग में जल रही थी और में कुछ कर भी नहीं सकती थी।
फिर उसने मुझे बड़ी बेरहमी से चोदा, फिर आधे घंटे के बाद वो झड़ गया। अब में भी तब तक दो बार झड़ चुकी थी, फिर वो उठा और अपना कंडोम निकाल कर मेरे मुँह में मारा और जाने लगा। तो अब में वही बँधी पड़ी रही, अब मुझे काफ़ी अजीब लगा, लेकिन में क्या कर सकती थी? फिर करीब एक घंटे के बाद दरवाजा फिर से खुला तो करण अंदर आया और मुझे चोदने लगा। अब में तो जैसे मंदिर का घंटा बन गई थी, जब करण आता मुझे बजाकर चला जाता। अब मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था, लेकिन में बँधी थी। फिर इस बार मुझे चोदने के बाद करण ने मुझे खोला, पहले तो मैंने उससे एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा और पूछा कि वो दूसरा लंड किसका था? लेकिन शायद मुझे उसे थप्पड़ नहीं मारना चाहिए थी, तो वो मुझे गुस्से भरी नज़रो से देखने लगा, तो अब में डर गई थी।
फिर वो एकदम से हंसने लगा और टी.वी पर एक वीडियो चला दिया, उसमें मेरी चुदाई हो रही थी। अब में तो हैरान रह गई कि यह वीडियो किसने बनाया है? उस वीडियो में सिर्फ़ मेरा चेहरा ही दिखाई दे रहा था और करण का चेहरा धुंधला कर रखा था। फिर करण ने मेरी चुदाई की वीडियो को पीछे किया और जब वो मुझे बाँधकर चोदे जा रहा था, वहाँ से वो वीडियो लगा दी। अब मेरी जमकर चुदाई हुई थी, लेकिन जब वो दूसरा लड़का मेरे सामने आया तो मेरी आँखे फटी की फटी रह गई, वो दूसरा लड़का और कोई नहीं अभिषेक था। अब मेरा अपना भाई मुझे चोद रहा था, अब में डर गई थी कि यह कैसे हुआ? अब मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया था। फिर करण ने टी.वी बंद की और मेरी तरफ देखा। अब में बहुत हैरान थी।
करण : क्यों रंडी कैसा लगा मेरा गेम? तुझे बड़सम पसंद है ना और चुदवा, कैसा लगा तेरे भाई का लंड?
अब में चुपचाप सुनती रही, इतने में अभिषेक भी रूम में आ गया, अब वो मुझे देखकर हंस रहा था। अब मुझे सब समझ में आ गया कि यह सब इसी का ही प्लान है।
अभिषेक : ज्यादा मत सोच मेरी रांड, तुझे गुलाम बनाने की यह बहुत बड़ी प्लानिंग थी। मैंने उस दिन जब तेरे मैसेज पढ़े तो में तभी समझ गया था कि तू चुदने के बिल्कुल तैयार है। फिर जब करण ने मुझे बताया कि वो हमेशा के लिए दिल्ली शिफ्ट हो रहा है, तब मैंने यह प्लान बनाया।
करण : सच नताशा, तेरा भाई बहुत कमीना है और मुझसे बोला कि भाई जाते जाते एक रंडी को मेरा गुलाम बना जा, तो ले भाई अभिषेक आज से ये रांड हमेशा के लिए तेरी गुलाम है, तू जो चाहे वो कर अब यह कुछ नहीं कर सकती है।
फिर वो दोनों मेरी इस हालत पर हंसने लगे और मुझे खूब गालीयां दी। अब तो में उन दोनों की गुलाम रखेल बन चुकी थी ।।
धन्यवाद …
कमीने भाई की गुलाम बहन भाग २
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