ये एक सच्ची कहानी है और मैं यहाँ पहली बार लिख रहा हूँ, अगर आप में से किसी को भी मेरी कहानी में कोई कमी लगे तो मुझे तो प्लीज़ बताइएगा जरूर।
मैं अब 27 साल का गोरा-चिट्टा जवान हूँ.. मेरा लंड भी गोरा है और 8 इंच का है।
मेरा लौड़ा.. चूत में जाते ही मोटा हो जाता है।
बात 2007 की है.. जब मैं गुड़गाँव में रहता था, मेरा अपना घर था और मैं काफ़ी सुखी था।
तब मेरी मुलाकात एक बड़ी गाण्ड वाली और भरी हुई चूचियों वाली एक तलाकशुदा महिला से हुई।
तब मैं लाइफस्टाइल स्टोर्स गुड़गाँव में काम करता था। मेरी उनके साथ एक मुलाकात हुई उस दिन वो सच में पीले सूट में बहुत ही सेक्सी लग रही थी… उनका छोटा बेटा स्टोर में उनसे बिछड़ गया था।
आख़िरकार उन्होंने खुश होकर मुझे मिलने के लिए अपने घर पर बुलाया था।
उनका नाम रश्मि और वो बहुत खूबसूरत जिस्म की मालकिन थी।
उनके दो बच्चे थे.. और वो काफ़ी धनाड्य थी।
जब मैं उनके घर गया.. तो उन्होंने काफ़ी खुले से कपड़े पहने हुए थे और वो उसमें बहुत सेक्सी लग रही थी।
उसके बाद मुझे उनसे मिले हुए 3 महीने हो गए थे।
एक दिन उनका फोन आया और बताया- मैंने नया घर बनवाया है.. तो उसकी खुशी में एक माता की चौकी का कार्यक्रम रखा है.. आप सपरिवार आइएगा।
मैं अपने घरवालों के साथ वहाँ गया, वो एक बहुत ही खूबसूरत सी साड़ी में थी।
उस दिन उनके मम्मों को कई बार मैंने अपनी कोहनी से टच किया और कई बार तो बहुत जोर से दबाते हुए भी कुहनी मारी… वो मेरे इरादे समझ गई..
आख़िरकार उन्होंने मुझे घर दिखाने के बहाने एक कमरे में बुलाया और मेरे आते ही दरवाजा बन्द करके लाइट भी ऑफ कर दी।
मैं अभी भौंचक्का सा उन्हें देख ही रहा था कि तभी उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया।
मैंने भी उनकी मोटी-मोटी चूचियों को ज़ोर से अपनी छाती से दबाया दिया।
मेरा हाथ स्वतः ही उनकी गाण्ड पर चला गया और उनकी पिछाड़ी को जोर से भींच कर मसक दिया।
उसकी कामाग्नि को समझते हुए मैंने उसके बाद उनके गहरे गले वाले ब्लाउज में अपना हाथ घुसेड़ दिया.. जिस पर वो एकदम से ‘आऊउच’ कर बैठी और प्यारी सी कामुक आवाज़ निकाल कर कहा- आह.. क्या कर रहे हो?
तो मैंने कहा- मैं वही कर रहा हूँ जो मुझे एक हसीन शादीशुदा औरत के साथ करना चाहिए।
उन्होंने कहा- मैं तो अब तलाकशुदा हूँ..
मैंने उनकी चूचियों को चूम लिया और सच कह रहा हूँ उस हसीन माल के साथ वो क्या सीन था.. वाउ.. मेरा दिल झूम रहा था हालांकि मुझे डर था कि कोई आ ना ज़ाए इसलिए हम अलग हो गए।
उन्होंने अपनी साड़ी ठीक की और हम वहाँ से वापस हाल में आ गए।
मेरी और उसकी व्यस्तताओं के चलते फिर करीब 6 महीने बाद दुबारा उससे संपर्क हुआ तो पता लगा कि उसका ऑपरेशन हुआ है।
मैं वहाँ उनके घर गुडगाँव में उसके पास मिलने गया.. तो वो घर पर ही थी और सचमुच बिस्तर पर थी।
काफ़ी देर तक उसके पास बैठने के बाद मैंने उससे आज पहली बार विस्तार से बात की।
उन्होंने पूछा- क्या मेरी कोई गर्ल-फ्रेंड है.. या नहीं..?
मेरा उत्तर ‘नहीं’ में था।
फिर उसने आँख मारते हुए मुझसे पूछा- तुम्हें मुझमें सबसे अधिक क्या अच्छा लगता है?
‘तुम्हारे मम्मे मुझे बहुत पसंद हैं..’ मेरा बेलाग जबाव था।
तो उसने भी बिंदास कहा- अगर मेरी सेक्स करने की इच्छा है.. तो तुम मेरे साथ कर सकते हो।
उसकी हालत को देखते हुए मैंने सोचा कि अभी तो चुदाई हो नहीं पाएगी पर तब भी मैं उठा और उसके बिस्तर पर बैठ गया।
मेरे बिस्तर पर बैठते ही.. वो मेरी गोद में सर रख कर चित्त लेट गई।
उसके बाद मैंने उसका सर सहलाना शुरू किया। पता नहीं क्या हुआ.. उसके मुलायम और हसीन जिस्म ने मुझे उसका दीवाना बना दिया।
मैंने उसके क्लीवेज के ऊपर गर्दन के आस-पास और उसकी छातियों पर हाथ फेरना शुरू किया। वो उत्तेजित तो हो चुकी थी.. मगर कुछ किए सिर्फ सिसकार रही थी।
इस हालत में भी वो मेरे स्पर्श को एंजाय कर रही थी।
मस्ती में मेरी ओर देखते हुए उसने मुझसे पूछा- छुआ क्यूँ मुझे..?
मैंने उसे जवाब में कहा- आई लव यू..
वो मुझे बहुत ही प्रेम से निहारने लगी और मुझसे जोर से चिपक गई.. मुझे खुद भी होश नहीं था कि हम लोग न जाने कितनी देर तक आलिंगनबद्ध रहे।
भाभी की चूत का प्यासा
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