हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम सुमित मिश्रा है और में 22 साल का जवान पुरुष हूँ, कद 5 फुट 9 इंच, रंग गोरा और मेरा लंड सामने से थोड़ा छोटा है, में तंदुरुस्त और हट्टा कट्टा हूँ और कोई नशा नहीं करता। ये मेरी इस साईड पर पहली कहानी है। में आपको मेरी पहली चुदाई के बारे में आपको बताना चाहता हूँ। ये कहानी बिल्कुल सच्ची है और यह बात उस समय की है जब मेरी कोई भी गर्लफ्रेंड नहीं थी, हांलाकि में अपनी कोचिंग में और अपने स्कूल में ऊपर-ऊपर से काफ़ी मज़े कर चुका हूँ, लेकिन मैंने कभी चुदाई नहीं की थी। मेरी बहुत इच्छा थी कि में चुदाई करूँ, लेकिन लगता था कि किस्मत अभी मेरे पर मेहरबान नहीं हुई थी, में अक्सर चुदाई के बारे में सोचता रहता था कि करने में कितना मज़ा आयेगा और में कैसे-कैसे करूँगा? यही सब ख्याल मुझे रात भर सताते रहते थे और में सिर्फ़ छुपकर अपने रूम पार्टनर से चिपक कर मुठ मारकर सो जाता था और दिल में एक चिंता लिए हुए था।
मेरे कॉलेज में बहुत सुंदर-सुंदर लड़कियां है, लेकिन में थोड़ा शर्मीले स्वाभाव का हूँ, इसलिए कभी किसी से जाकर बात नहीं कर पाता था, में हर आती-जाती लड़की की चूची को देखता रहता था और उन्हें घूरता था कि काश वो मुझे दबाने को मिल जाए। जब में कोंचिंग में था तो कम से कम दबा लेता था, लेकिन इधर 2 साल से कुछ भी हाथ नहीं लगा है और दूसरी तरफ मेरी जवानी रोज़ रात को उफान मारती थी। मेरे दोस्त काफ़ी अच्छे है और मुझे बहुत ही उत्साहित करते है कि में किसी लड़की से बात करूँ और उसकी जमकर चुदाई करूँ, लेकिन कहते है ना कि किस्मत से पहले और वक़्त से ज्यादा कभी किसी को कुछ नहीं मिला है और मुझे लगता है कि ऐसा ही मेरे साथ भी है।
फिर ऐसे ही दिन गुज़रते गये, लेकिन कभी ना कभी तो किस्मत को खुलना ही था तो एक दिन मेरे फोन पर एक लड़की का कॉल आया। में लोगों को अपनी बातों में काफ़ी आराम से लपेट लेता हूँ, अगर वो फोन पर हो तो, लेकिन सामने से मुझे शर्म आती है खासकर लड़कियों के साथ। उस लड़की ने ग़लती से मेरा नम्बर लगा दिया था, रात का वक़्त था और उसने सॉरी बोलकर फोन कट कर दिया। फिर मैंने दुबारा से उसे कॉल किया, लेकिन उसने रिसीव नहीं किया। फिर मैंने उसे कुछ मैसेज किए और रोमांटिक शायरी भी भेज दी। ऐसे ही कुछ दिनों तक चलता रहा। फिर वो धीरे-धीरे लाईन पर आने लगी और फिर हम फोन पर रात को बातें भी करने लगे और दिन पर दिन मेरा इरादा और पक्का होने लगा था कि में इस लड़की को चोदकर ही रहूँगा।
इस लड़की का नाम प्रियंका है, लेकिन मैंने उसे पहले कभी नहीं देखा था और मैंने सोचा था कि साली वो कैसी भी हो? उसे चोद तो दूँगा ही। फिर इतना सोचना क्या कि कैसी होगी? वो दिखने में पसंद आयेंगी या नहीं? में तो इतना ही जानता था कि मुझे तो बस इस लड़की की चुदाई करनी है। फिर मैंने उसे अपने बारे में कुछ भी सच नहीं बताया था, क्योंकि मुझे उसके साथ कोई रिश्ता नहीं चाहिए था। फिर मैंने सोचा था कि अगर वो मुझे पसंद आई तो तभी में रिश्ते के बारे में सोचूँगा। फिर कुछ ही दिनों में उससे काफ़ी खुलकर बातें करने लगा और हमने फोन सेक्स भी करना शुरू कर दिया था और अब इंतज़ार था कि कब वो मिलने और चुदने के लिए तैयार होगी। फिर बहुत ही जल्द मैंने उसे तैयार भी कर लिया, वो वाराणसी में रहती थी तो उसने मुझे वहीं बुलाया। मेरा पार्टनर भी वाराणसी में रह चुका है तो उसे वहां के बारे में काफ़ी पता भी है और उसकी वहाँ पर अच्छी ख़ासी जान पहचान भी है।
फिर जब मैंने अपने पार्टनर पांडे को बताया कि में वाराणसी प्रियंका को चोदने जाने वाला हूँ तो वो भी उसे चोदने को कहने लगा, लेकिन मैंने उसे साफ-साफ मना कर दिया। अब मुझे लड़की मिल चुकी थी और जो चुदने के लिए भी तैयार थी तो में थोड़ा घमंड में आ गया और में पांडे का बहुत मज़ाक भी बनाने लगा। खैर ये तो पांडे की शराफ़त थी कि उसने पूरा बंदोबस्त वाराणसी के एक होटल में कर दिया था, वो होटल पांडे के एक दोस्त का था तो मुझे कोई चिंता भी नहीं थी। अब आख़िरकार वो दिन आ ही गया। फिर मैंने अपना बैग पैक किया और पांडे से कुछ पैसे उधार लिए और वाराणसी चला गया और हमारी तय की हुई जगह पर हम मिले। प्रियंका दिखने में तो कोई बहुत ज्यादा आकर्षक तो नहीं थी, लेकिन उसका फिगर बहुत मस्त था, उसका साईज 32-28-34 था, में तो उसे देखकर ही पागल होने लगा था और मेरा लंड भी सलामी देने लगा था।
फिर मैंने किसी तरह से उसे समझाया और शांत किया। फिर हम दोनों ने कुछ खाने पीने का सामान लिया और होटल की तरफ चल पड़े। फिर होटल में जाकर मैंने रिसेप्शन की बात पांडे से करा दी और उसने मुझे अच्छे से सब कुछ समझा दिया और हमें रूम मिल गया। फिर रूम में जाते ही मैंने उसे गले से लगा लिया, वो थोड़ा शर्मा रही थी, लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया। फिर उसने बताया कि वो मेरे लिए कुछ लाई है तो में बहुत खुश हुआ कि क्या होगा? और जब उसने बैग में से एक दारू की बोतल निकाली तो में तो देखता रह गया और फिर वो मुझे पीने को कहने लगी, लेकिन मैंने पहले मना किया। फिर सोचा कि पी लेता हूँ मैंने सुना है कि पीने के बाद काफ़ी देर तक मर्द चलता है। फिर जब हम दोनों ने पी लिया तो मेरा सर घूमने लगा और लंड भी प्रियंका को देखकर तन गया था।
फिर में उसे पकड़कर उसके नरम-नरम होठों को चूसने लगा, क्या बताऊँ दोस्तों? मुझे कितना मज़ा आ रहा था और साथ में ही में ऊपर से ही उसकी चूत पर अपना लंड भी रगड़ रहा था। अब एक तो शराब का नशा और फिर चुदाई का नशा दोनों जब मिल जाते है तो यारो क्या बताऊँ? कि कितना मज़ा आता है। फिर धीरे-धीरे मैंने उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया, वो बहुत नरम और मुलायम थी और मेरे हाथ लगते ही उसकी सिसकारियां निकलने लगी थी और वो और जोश में आने लगी थी। अब हम दोनों को सहन नहीं हो रहा था तो वो बार-बार मेरा लंड पकड़कर हिला रही थी। फिर मैंने उसका टॉप उतार दिया और अब वो सिर्फ़ एक काले कलर की ब्रा में लेटी थी, में ये देखकर और जोश में आने लगा और मैंने पागलों की तरह उसकी चूचियाँ दबाना शुरू कर दिया।
फिर मैंने झट से उसकी ब्रा उतार फेंकी, क्या मस्त शेप में उसकी चूची थी? अब उसके निप्पल बिल्कुल खड़े हो गये थे और मैंने उन पर अपने दांतो से हल्का-हल्का काटना शुरु कर दिया था, जिससे वो और उत्तेजित हो रही थी। फिर उसने मुझे झटके से नीचे कर दिया और वो मेरे ऊपर आ गयी और मुझे पागलों की तरह चूमने लगी और चूमते-चूमते ही उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए। अब में सिर्फ़ अपनी अंडरवियर में था और वो मुझे मेरी छाती पर चूमने लगी और मेरे निप्पल को काटने लगी, जिससे में बहुत तेज़ी से उत्तेजित होने लगा और साथ ही में भी उसकी चूचियों को दबा रहा था। फिर उसने मेरी अंडरवियर उतारी और मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पागलों की तरह चूसने लगी, में तो मानों अब स्वर्ग में चला गया हूँ और वो पच-पच की आवाज़ मुझे स्वर्ग का संगीत लग रह था और मुझे उसके चूसने के तरीके से लग रहा था कि वो इन सब कामों में अनुभवी है।
अब वो मेरे लंड को मुँह में लेकर चूस रही थी और कभी-कभी तो पूरा का पूरा अंदर ले लेती थी, अब मेरे मुँह से सिसकारियां निकलने लग रही थी। फिर मैंने बोला कि चूस मेरी रानी और चूस में आज से सिर्फ़ तेरा हूँ और ये लंड भी तेरा है, उसने लगभग 10 मिनट तक मेरे लंड को चूसा और अब में अपनी चरम सीमा पर पहुँच रहा था। फिर मैंने उससे बोला कि प्रियंका मेरा निकलने वाला है तो उसने बोला कि मुझे टेस्ट करना है और फिर वो और तेजी से मेरे लंड को चूसने लगी। फिर में उसका सर पकड़कर आगे पीछे करने लगा और मेरा लावा उसके मुँह में निकल गया, जिसको वो बड़े मज़े लेकर पी गयी। फिर उसने लंड को चूस कर साफ कर दिया। अब उसकी चूत चाटने की मेरी बारी थी। फिर मैंने उसे नीचे लेटा दिया और उसके दोनों पैरों को अपने कंधो पर रखकर उसकी जीन्स और चड्डी उतार दी, उसकी चूत बिल्कुल साफ थी और हल्की सी सांवली रंग की थी। फिर मैंने उसकी चूत पर हाथ रखा तो वो कांप उठी। फिर में उसकी चूत पर उंगली से गुदगुदी करने लगा और उसने आवाज़े निकालनी शुरू कर दी और वो मेरा सर नीचे की तरफ दबाने लगी तो में समझ गया।
कलेजा हलक में आ गया
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