फिर एक महीने बाद में उनके यहाँ पर रहने के लिए चला गया और में हर रोज कॉलेज जाता और शाम को 6-7 बजे ही घर पर लौटकर आता। में जिनके घर पर रह रहा था वहां पर दो ही सदस्य थे भैया और भाभी। भाभी की उम्र 32 साल उनका फिगर क्या बताऊँ बहुत ही गजब था.. उसका साईज 38-27-35 था और वो दोनों अपनी लाईफ में बहुत व्यस्त थे। भैया रोज ऑफिस जाते थे और भाभी घर का काम और कोचिंग करती थी और में भी अपनी लाइफ में व्यस्त था।
में कॉलेज से आता कपड़े चेंज करता, खाना ख़ाता और पढ़ता और देर रात को रोज ब्लूफिल्म देखना और सोने से पहले ज़ोर-ज़ोर से अपने लंड को हिलाना.. में यह सब करीब रात को रूम लॉक करके 2-3 बजे करता था और मुझे ऐसा करते-करते 6 महीने निकल गये। तो एक दिन मैंने कॉलेज में एक बहुत मस्त लड़की देखी.. उसकी गांड बड़ी ज़बरदस्त थी और मैंने उसी दिन उसको झुकते हुए देखा तो मुझे उसके पूरे बूब्स दिखाई दिए और बस उस दिन तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और में सोच रहा था कि एक बार वो मुझे मिल जाए तो में उसे बहुत चोदूंगा.. क्योंकि मैंने रोज लंड को हिला हिलाकर इतना जोश बड़ा लिया था कि में पूरे दिन भी उस लड़की को चोद सकता था और मेरा पानी भी अब जल्दी नहीं बल्कि आराम से निकलता था। फिर में उस दिन कॉलेज से जल्दी आया और सीधा रूम में घुसा.. अपने सारे कपड़े उतारे और उसको याद करके ज़ोर-ज़ोर से लंड को हिलाने लगा।
फिर एक हफ्ते बाद भैया ऑफिस के काम से बाहर चले गये और भाभी घर पर ही थी.. में रोज की तरह कॉलेज गया लेकिन उस दिन में अपना मोबाईल घर पर ही भूल आया था और घर की एक चाबी मेरे पास भी थी। तो में वापस घर गया और घर में अंदर जाकर अपना मोबाईल लिया और में वापस ही आ रहा था कि तभी मैंने भाभी के रूम में देखा तो वो पूरी नंगी होकर बेड पर लेटी हुई थी और मसाज कर रही थी और उनको देखने के बाद तो बस मुझसे रहा ही नहीं गया.. मेरा लंड एकदम फड़फड़ाकर खड़ा हो गया और बोला कि बस अब तो मुझे यही माल चाहिए। मैंने यह सब सोचा और अपने आप से बोला कि यह सब ग़लत है लेकिन दिल है कि मानता ही नहीं.. उसकी प्यास बढती जा रही थी। फिर मैंने वापस घर में घुसने का नाटक किया ताकि भाभी को लगे कि में आ गया हूँ। सीधा अपने रूम में गया और रूम लॉक कर दिया और भाभी को सोचकर लंड को हिलाने लगा। उस दिन तो उनको सोच सोचकर मैंने बहुत बार मुठ मारी और ऐसा करीब 6 महीने तक चलता रहा।
भैया हर 6 महीने में एक बार बाहर किसी काम से ज़रूर जाते और भाभी घर पर ही रहती थी। तो एक दिन रात को में ब्लू फिल्म देख रहा था तभी भाभी ने मेरे रूम का दरवाजा बजाया और बोली कि उन्हे नींद नहीं आ रही है तो वो मुझसे बात करने आ गई। तो मैंने ब्लू फिल्म बंद नहीं की थी.. बस आवाज बंद करके लेपटॉप की स्क्रीन बंद कर दी। फिर भाभी को तब शक तो हुआ जब उन्होंने मेरी पेंट में तना हुआ लंड देखा लेकिन एकदम देखते ही नज़र हटा ली। फिर मैंने उनको आकर बैठने को बोला और हम बातें करने लगे। भाभी मेरे बेड पर ही बैठी हुई थी और बात करते करते वहीं सो गयी। मेरे रूम में भी एक डबल बेड है लेकिन मुझे आदत थी कि में जब तक ब्लू फिल्म देखकर लंड को हिला नहीं लूँ मुझे नींद नहीं आती। तो मैंने चुपके से लेपटॉप चालू किया और पेंट के अंदर हाथ डालकर लंड को हिलाने लगा। लंड को हिलाने की वजह से बेड भी हिलने लगा और मैंने भाभी की तरफ देखा तो भाभी सो रही थी लेकिन जब मैंने वापस देखा तो मुझे लगा कि भाभी मुझे चुपके से देख रही है लेकिन फिर उन्होंने ऐसा नाटक किया कि जैसे वो सो रही है।
फिर मैंने बहुत देर तक लंड हिलाया और थककर सो गया और फिर रात को भाभी ने ग़लती से मेरे ऊपर हाथ रख दिया और फिर चुपके से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा दिया.. यह दिखाने के लिए कि यह सब ग़लती से हुआ है और पूरी रात सोने में निकाल दी और मैंने भी रात को ऐसे ही बहाने से एक बार उनकी चूत को छूआ और एक बार उनके बूब्स को भी छुआ। भाभी ने दोनों बार अजीब सी नज़रों से देखा.. वो रात तो ऐसे ही निकल गयी लेकिन अगले दिन में कॉलेज से जल्दी छुट्टी करके आ गया और घर में चुपके से यह देखने के लिए घुसा कि भाभी क्या कर रही है और जैसे में अपने रूम में अंदर घुसा तो मैंने देखा कि भाभी मेरे लेपटॉप पर ब्लू फिल्म देखकर अपनी चूत के अंदर उंगली कर रही थी और बस यह सब देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैंने भी वहीं पर खड़ा होकर भाभी को देखकर अपने लंड को हिलाना शुरू कर दिया और फिर वहीं पर झड़ गया। उस दिन भाभी ने मुझे नहीं देखा था तो मैंने फिर रात का प्लान बनाया और में रात को भाभी के रूम में सिर्फ़ टावल में गया और बोला कि भाभी मेरे रूम में पानी नहीं आ रहा.. क्या में आपके बाथरूम को काम में ले सकता हूँ? तो भाभी ने बोला कि हाँ ले सकते हो। मैं उनके बाथरूम में नहाया.. तो मैने उनकी ब्रा और पेंटी देखी और उन्हे सूंघा.. क्या मस्त खुश्बू थी और उसने मुझे मदहोश कर दिया और में लंड को हिलाने लगा। फिर में बाथरूम से बाहर आया और मैंने अपने लंड को खड़ा कर रखा था और फिर मैंने अपना टावल जानबूझ कर गिरा दिया और भाभी के सामने अपना पूरा चिकना खड़ा लंड दिखाने लगा और ऐसा व्यहवार किया कि जैसे सब ग़लती से हुआ है।
फिर में जानता था कि मेरे लंड को देखने के बाद उन्हे कभी चेन की नींद नहीं आएगी.. जब तक वो उसे अंदर नहीं लेगी और मैंने वहाँ से टावल उठाया और दौड़कर सीधा अपने रूम पर आ गया। फिर मैंने लाईट बंद की और सोने का नाटक करने लगा और मुझे लगा कि भाभी आज रात को मज़े लेने जरुर आएगी लेकिन वो नहीं आई और में जानता था कि वो ज्यादा दिन दूर नहीं रह पाएगी.. उनको मेरे लंड की प्यास लगी है और जब तक वो पूरी नहीं होगी.. वो रह नहीं पाएगी। फिर आखिर में वो दिन आ ही गया। अगले दिन रात को में जब सोने लगा तो वो रूम में आई और बोली कि मुझे नींद नहीं आ रही और तुमसे कुछ बात करनी थी और वो बेड पर बैठ गई और कुछ देर बात करते हुए सोने का नाटक करने लगी।
तो मैंने फिर से लेपटॉप में ब्लू फिल्म देखी लेकिन आज लंड हिला नहीं रहा था और कुछ देर बाद बस सोने का नाटक किया। तो देर रात को भाभी ए.सी. की ठंड बढ़ने पर मेरी चादर में घुस गयी और फिर धीरे-धीरे उसने मेरे शरीर पर हाथ फेरना शुरू किया और नीचे को जाने लगी। फिर उसने धीरे से पेंट के ऊपर से लंड को छुआ और एकदम हाथ हटा लिया और फिर वो मेरी पेंट कि चेन खोलकर अंदर हाथ घुसाने लगी लेकिन मैंने कुछ नहीं बोला और सोने का नाटक करने लगा। मैंने पेंट के नीचे कुछ नहीं पहना था तो उनके हाथ में अब मेरा 7 इंच का लंड था। वो उसे छूकर हैरान हो गयी और मैंने उनके चहरे पर एक अजीब सी चमक देखी। तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने ही झटके से पेंट उतार दी और फिर में उन पर चड़ गया और हमने बहुत देर तक चूमा और में उन्हे ऊपर से नीचे तक चूमता ही जा रहा था। फिर उनके बड़े-बड़े बूब्स मेरी जान ले रहे थे। में उनको जितना चूसता.. वो उतने ही बड़े हो जाते और मैंने ऐसा महसूस कभी नहीं किया था।
वो तो मदहोश हो रही थी और सिसकियाँ भरने लगी। उन्होंने मुझे अपनी गोरी-गोरी जांघो से जकड़ लिया और एकदम मुझसे लिपट गयी और पूरे जोश से मुझे चूमने लगी। तो हम दोनों के शरीर गरम होने लगे जैसे सूरज से आग निकल रही हो और में उनको चूमते-चूमते उनकी जांघो तक पहुंच गया और उनकी चूत चाटने लगा। कभी उसमे उंगली करता तो वो उछल पड़ती लेकिन उनको बहुत मज़ा आ रहा था। फिर वो मुझसे बोली कि तुम बहुत अच्छा करते हो.. मुझे इतना मज़ा कभी नहीं आया और जब से मैंने तुम्हारा लंड देखा तो मुझसे रहा नहीं गया और में तो हर रोज उसके बारे में सोचती थी और बहुत पागल हो रही थी कि कब और कैसे मिलेगा? लेकिन आज वो मौका मुझे मिल ही गया। प्लीज उसको आज उतार दो मेरी चूत में.. घुसा दो अपना पूरा का पूरा लंड.. चोदो मुझे ज़ोर-ज़ोर से.. मेरी प्यास बुझाने में मदद करो। मुझे कभी इतनी खुशी नहीं मिली.. आज मेरी खुशी पूरी करो।
मुझे उनके जैसा साथी कभी नहीं मिला और अब तो हम कभी-कभी चुपके से भैया के सामने एक दूसरे के दबाते है लेकिन भैया को कभी शक नहीं होता था और आज 5 साल हो गये.. हम आज भी बहुत मज़े करते है और भैया को पता भी नहीं.. अब तो वो कभी कभी भैया से जानबूझ कर झगड़ा करके सीधा मेरे रूम आ जाती है और दरवाजा अंदर से लॉक कर देती और मेरे साथ बहुत मज़े लेती है और सुबह शांति से बाहर जाती है और फिर भैया के साथ अच्छा व्यहवार करती। तो भैया को यह लगता है कि शायद वो मेरे रूम में सो रही थी लेकिन वो तो पूरी रात मुझसे चुदाई के मज़े लेती है ।।
भाभी का कामसूत्र
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