घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई बात तब से शुरू होती है जब मेरी नई-नई शादी हुई थी। मेरी दो सालियाँ हैं। एक की उम्र दस वर्ष के करीब है तथा दूसरी की उम्र 18 थी। मेरी बड़ी साली का नाम पूनम है। उसने 12वीं कक्षा की परीक्षा पास की थी और जिसका रिजल्ट भी मैंने ही देख कर उसको पास होने की खुशखबरी दी थी। उस वक्त तक मेरे दिल में मेरी साली के लिए कुछ भी नहीं था। लेकिन रिजल्ट के बारे में सुनकर उसको ऐसा लगा, जैसे मेरी तरफ से उसको कोई कुबेर के खजाने का पता मिल गया हो। उसी वक्त से वो मुझे कुछ अलग ही नजरिये से देखने लगी। इन बातों को एक वर्ष बीत चुका था। एक बार मैं अपनी ससुराल में एक शादी में गया जिसमें मुझे देर हो गई, जिस कारण से मुझे रात को वहीं रुकना पड़ा। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | मुझे जरा सा भी अहसास नहीं था कि मेरे सुनहरे पल उस रात से ही शुरू होने वाले थे। मेरे साले-सालियाँ जिनमें मेरी चाचा ससुर की लड़कियाँ भी शामिल थीं। जैसे-जैसे रात जवान होती रही वैसे-वैसे धीरे-धीरे सब अपने-अपने बिस्तरों में जाते रहे। अंत में मैं और मेरी जवान साली ही बचे।
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घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई |
हम दोनों एक ही बिस्तर में लेटे थे, अचानक मेरा हाथ उसके पैरों पर पड़ गया, पर उसने उसे हटाया नहीं। जिस कारण मुझे कुछ अलग ही अहसास होने लगा था। धीरे-धीरे मेरा हाथ उसकी जांघों तक पहुँच गया, पर उसने एक बार भी मेरा हाथ नहीं हटाया जिस कारण से मेरी हिम्मत और ज्यादा बढ़ गई और मैं फिर अहिस्ता-अहिस्ता से उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को टटोलता रहा। जब मैंने मेरी साली की तरफ देखा, तो उसके मुँह से हल्की-हल्की सिसकारियाँ निकल घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई रही थीं। उसे सिसकारियाँ लेते देख कर मेरे हथियार ने भी खुले में आने की सोच ली थी और अब वह मेरी पैन्ट में एक तम्बू की तरह दिख रहा था। परन्तु अपनी सतर्कता को देखते हुए हम दोनों अपने-अपने जज्बातों को काबू में रखते हुए अपने-अपने बिस्तरों पर सो गए तथा हम दोनों ही एक-दूसरे के सपनों में खो गए।
अगली सुबह जब हम दोनों नींद से जागे तो अचानक ही मेरी सासू माँ को किसी जरुरी काम के कारण कहीं बाहर जाना पड़ गया और मेरी सासू माँ के साथ-साथ मेरी पत्नी भी अपनी माँ के साथ ही जाने लगीं। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
जाते समय उसने मेरी साली से कहा- तुम्हारे जीजा यहाँ नए हैं, इस कारण इन्हें यहाँ किसी भी काम या किसी चीज की आवश्यकता हो तो पूरी कर देना, मैं मम्मी के साथ जा रही हूँ। उसने जाते-जाते मेरे पास आकर प्यार से कहा- अब और कितनी देर तक सोओगे… सुबह हो चुकी है.. मैं किसी जरूरी काम से मम्मी के साथ बाहर जा रही हूँ और शाम तक ही वापस आना होगा। उसकी इस बात को सुन कर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि अब साली साहिबा से जी भर कर प्रेमलीला हो सकेगी।
उन दोनों के जाते ही मैंने अपनी साली को रसोई में जाते देखा। पूरे घर में केवल हम दोनों ही थे। मैंने अपनी साली को चाय लाने के लिए कहा और जैसे ही वह चाय लेकर मेरे पास आई, मैंने चाय का कप साइड में रखते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
अगली सुबह जब हम दोनों नींद से जागे तो अचानक ही मेरी सासू माँ को किसी जरुरी काम के कारण कहीं बाहर जाना पड़ गया और मेरी सासू माँ के साथ-साथ मेरी पत्नी भी अपनी माँ के साथ ही जाने लगीं। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
जाते समय उसने मेरी साली से कहा- तुम्हारे जीजा यहाँ नए हैं, इस कारण इन्हें यहाँ किसी भी काम या किसी चीज की आवश्यकता हो तो पूरी कर देना, मैं मम्मी के साथ जा रही हूँ। उसने जाते-जाते मेरे पास आकर प्यार से कहा- अब और कितनी देर तक सोओगे… सुबह हो चुकी है.. मैं किसी जरूरी काम से मम्मी के साथ बाहर जा रही हूँ और शाम तक ही वापस आना होगा। उसकी इस बात को सुन कर तो मेरे मन में लड्डू फूटने लगे कि अब साली साहिबा से जी भर कर प्रेमलीला हो सकेगी।
उन दोनों के जाते ही मैंने अपनी साली को रसोई में जाते देखा। पूरे घर में केवल हम दोनों ही थे। मैंने अपनी साली को चाय लाने के लिए कहा और जैसे ही वह चाय लेकर मेरे पास आई, मैंने चाय का कप साइड में रखते हुए उसका हाथ पकड़ लिया और अपनी बाँहों में जकड़ लिया।
मेरी इस हरकत से मेरी साली की अन्तर्वासना जागृत होने लगी, उसकी सांसे भारी हो गई और उसके वक्ष-उभार ऊपर-नीचे होने लगे।
मैं उसकी छाती के उभारों को ऊपर-नीचे होते हुए देख रहा था और महसूस कर रहा था।
‘साली जी..!’
‘हाय जीजा.. क्या करते हो..! कोई देख लेगा तो बदनामी होगी… छोड़ दो न प्लीज.. क्या कर रहे हो..!’
‘मेरी प्यारी साली.. आज मैं तुम्हें वो सुख देने जा रहा हूँ जिसके बारे में तुमने कभी सोचा नहीं होगा..!’
अब मैं धीरे-धीरे उसको बाँहों में जकड़ते हुए उसके होंठों को चूसने लगा। पहले तो वो मुझसे छूटने की नाकाम कोशिश करती रही किन्तु कुछ ही देर बात उसने अपने आप को मेरे हवाले कर दिया। मैंने भी उसके कुंवारेपन को जानते हुए धीरे-धीरे प्यार के साथ अपना काम करता रहा और एक-एक करके उसके सारे कपड़े उतार दिए। अब वो सिर्फ पैंटी और ब्रा में ही थी। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है |
जैसे ही मैंने उसके पेट पर अपना हाथ फेरते-फेरते उसकी पैंटी पर ले गया, मुझे उसकी पैंटी पर कुछ गीला-गीला सा लगा तो मैंने पैंटी उतार दी और उसकी चूत में उंगली डालने लगा।
मुझे तुरंत ही उसका लाभ भी मिला, मेरी साली ने अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर मेरी पैन्ट से बाहर निकाल कर उसे हाथ से मसलने लगी।
मैं भी अब धीरे-धीरे उसके पूरे बदन को चूमने लगा और चूमते-चूमते उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और उसकी चूत में अपनी जीभ डाल दी।
जैसे ही मैंने मेरे होंठ मेरी साली की चूत के होंठों से टच ही किए थे कि मेरी साली की एक सीत्कार भरी लम्बी ‘आह ह्ह’ निकल गई।
‘बस जीजा.. आज के लिए इतना ही रहने दो.. कोई आ जाएगा.. तो बदनामी होगी..!’
लेकिन लम्बे अरसे के बाद फंसी मछली को मैं भला ऐसे कहाँ छोड़ने वाला था। मैंने उसको कसकर अपनी पकड़ में बाँध रखा था और मैं जानता था कि अब उसे अगर मैंने खुश कर दिया तो फिर मैं उसे कभी भी चोद सकता हूँ।
‘अरे मेरी प्यारी साली साहिबा.. थोड़ा सा तो रुको..!’
और मैंने अपनी जीभ को चूत में घुमा रहा था जैसे ही मैंने उसके क्लिट पर जीभ घुमाई, वो तड़फ उठी और मेरा सर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर अपनी चूत में दबाने लगी। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | ऐसा लग रहा था कि जैसे अब उसने पूर्ण रूप से अपने आप को मेरे हवाले कर दिया हो और मैं लगातार उसकी प्यारी सी चूत में अपनी जीभ चला रहा था, वो धीरे-धीरे अपने चूतड़ को ऊपर-नीचे कर रही थी।
उसके बाद मैं समय को बर्बाद न करते हुए अपने अंतिम चरण पर आ गया और इतने टाइम में मेरी साली भी अपनी पूरी मस्ती में आकर अपनी दोनों टांगें इतनी ऊपर उठा दीं कि अब मुझे उसकी खुली हुई चूत साफ-साफ दिखाई देने लगी। अब तक मेरा लंड भी पूरी तरह से चूत पाने के लिए मदहोश हुआ जा रहा था।
घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई
मैंने अपना लंड अपनी जवान साली की चूत पर रख दिया और हल्का-हल्का उसकी चूत को अपने लंड से सहलाता रहा।और जैसे ही मेरे लंड का कुछ ही हिस्सा चूत के अन्दर गया, वो तड़फ उठी। मगर इस मिलन का वो भी पूरा मजा लेना चाहती थी, तो उसने खुद ही अपने होंठ मेरे होंठों से चिपका लिए और अब मुझे उसके चेहरे से उसका दर्द साफ दिखाई दे रहा था। लेकिन मैंने भी उसका ध्यान करते हुए आराम-आराम से चुदाई करना जारी रखा।
कुछ देर बाद मेरा लौड़ा पूरी तरह उसकी चूत में प्रवेश करके उसे आसमान में होने का अहसास करा रहा था। अब मैं अपनी तूफानी रफ़्तार में उसको आसमान की सैर करा रहा था। आप लोग यह कहानी अन्तर्वासना-स्टोरी डॉट कॉम पर पढ़ रहे है | कुछ ही देर में पूनम बोली- आआआ.. आआअह.. जीजा मैं तो आ रही हूँ… आज से पहले मुझे इतनी ख़ुशी कभी नहीं मिली..! और कहते हुए झड़ गई। अब वो ढीली पड़ चुकी थी और कुछ देर बाद मैं भी झड़ गया।
घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई
मस्ती के आलम में हम दोनों शिथिल हो कर एक दूसरे की बाँहों में पड़े रहे फिर कुछ देर बाद उठ कर मैं उसके साथ नहाया और फिर सो गया।
उसके बाद तो जैसे हम दोनों जब भी मिलते एक हो जाते और आज भी मैं बिना अपनी बीवी को बताए उसको खुश करता रहता हूँ... घुमाई साली की चूत में जीभ घुमाई
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