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Hindi Chudai Kahani |
कोई भी उससे बात करके ही खुश हो जाये। वो मेरे से काफी घुल मिल गई थी
धीरे-धीरे एक दूसरे के घर भी आना-जाना चालू हो गया। वो मेरे घर के पास में ही
रहती थी।
परीक्षा का समय करीब आने लगा था। एक दिन उसने मुझे कॉल किया और बोली- सर,
मुझे एक विषय में दिक्कत आ रही है, कल मेरा प्रैक्टिकल है, मुझे पढ़ा दीजिये !
मैंने कहा- इतनी रात में?वो बोली- सर, प्लीज़ !
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मैं अपने घर वालों से आज्ञा लेकर उसके घर चला गया। उस दिन मैंने उसे पहली बार नाइटी में देखा था वो भी गुलाबी रंग की ! क्या गज़ब लग रही थी !
जुलाई के महीने में काफ़ी गर्मी हो जाती है, मुझे भी गर्मी लग रही थी तो मैंने
उससे बोला और उसने एसी चला दिया। मैं उसके बैठ गया, पढ़ाते-पढ़ाते मुझे नींद की
झपकी आने लगी और मैं सो गया। जब उसने मुझे देखा तो मुझे आवाज़ दी पर मैं जागा
ही नहीं। तब उसने मुझे हिलाया। उस दिन पहली बार मुझे उसने मुझे छुआ था, क्या
नाज़ुक स्पर्श था उसका !
खैर मैं उठा और अपना चेहरा धोया ताकि नींद न आए। मैं आकर उसे दोबारा पढ़ाने
लगा और उसका सब काम ख़त्म करवाकर अपने घर वापिस आकर सो गया। उस दिन से वो
मेरे सपनों में आने लगी। मुझे लगा यह सब गलत है तो मैंने उससे बात करना बंद
कर दिया लेकिन उसे अच्छा नहीं लगा कि मैं उसे नज़रंदाज़ करूँ ! क्यूंकि जब भी
वो मेरे सामने आती थी, मैं उस जगह से ही हट जाता था।
लेकिन एक दिन वो मेरे घर ही आ गई, मेरी मम्मी से पूछा कि मैं कहाँ हूँ तो
मम्मी ने बोला- अपने कमरे में !
वो अंदर आ गई और मैं एकदम से उसे यहाँ देखकर फंस गया, मैंने सोचा- बेटा अब
कहां जाओगे !
उसने मुझसे पूछा- क्या बात है आप मुझे नज़रंअदाज़ क्यूँ कर रहे हो?
तो मैंने उससे बोला- मैं नज़रंदाज़ नहीं कर रहा हूँ ! बस थोड़ा व्यस्त था !
तो बोलने लगी- नज़रअंदाज़ करने में और व्यस्त होने में बहुत फर्क है ! मैं सब
समझती हूँ, आप मुझसे बात ही नहीं करना चाहते हो !
और रोने सा चेहरा बना लिया !
अब दोस्तो, मैं भी तो इन्सान ही हूँ न ! क्या करता ! फिसल गया !
मैं उससे बोला- चलो ! कहीं घूम कर आते हैं !
और हम घूमने के लिए निकल गए। तब उसने मुझसे दोबारा से पूछा- आप मुझे से बात
क्यूँ नहीं कर रहे थे?
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मैं फिर से टालने की कोशिश करने लगा, वो मुझसे जिद्द करने लगी- सही सही बताओ कि क्या बात है?
तब मैंने उसे बता दिया कि ऐसी-ऐसी बात है ! इसलिए मैं तुम्हें नज़रंअदाज़ कर
रहा था !
तो वो शरमा गई और मुझसे बोलने लगी- आप मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो !
खैर कुछ दिन बीत गए, एक दिन दोपहर में उसका कॉल आया- आप क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं ! मूवी देख रहा हूँ !
वो बोली- मैं घर पर अकेली हूँ और बोर हो रही हूँ ! आप आ जाओ, यहीं बैठ कर
देखते हैं ना मूवी !
तो मैंने बोला- ठीक है !
और मैं डीवीडी लेकर उसके घर चला गया। डीवीडी प्लेयर मैं डीवीडी लगा कर हम
दोनों मूवी देखने लगे। मूवी में ऐक्टर इमरान हाश्मी था तो उसका एक सीन आ गया
और वो इतना जबरदस्त सीन था कि मेरी तो हालत ही ख़राब हो गई। मैंने शीना की
तरफ देखा तो उसकी भी हालत ख़राब हो चुकी थी।
मैंने उससे पूछा- क्या हुआ?
तो उसने मुझसे बोला- राज, आई लव यू !
मैं उससे ऐसी बात सुनकर हक्का-बक्का रह गया। मेरा तो उस पर उसी दिन दिल आ गया
था। खैर मैंने उसको गले लगा लिया और उसे चूमने लगा इमरान हाश्मी स्टाइल में !
और पता नहीं क्या हुआ कि मेरे हाथ अपना आप उसके वक्ष पर पहुँच गए, उसके नरम
स्तनों का अनुभव क्या गज़ब था कि बयान नहीं कर सकता !
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दोस्तो, एक बात बता दूँ- सेक्स ऐसी चीज़ है जिसे आप जिसे आराम से करोगे उतना ही ज्यादा मज़ा आएगा। मतलब हर एक शॉट की गर्मी का अनुभव करो। कभी भी आपने
शादीशुदा लोगों को फटाफट सेक्स करते नहीं देखा होगा और ना ही कभी सुना होगा।
वास्तव में जब तक एक दूसरे की भावना को नहीं समझते, मज़ा नहीं आता ! ये
तेज़-तेज़ शॉट्स साला सब ब्लू फिल्मों से देख-देख कर लोग करने लगते हैं,
इसमें कोई सेक्स का मज़ा नहीं आता है। दोस्तो, बल्कि आप जल्दी थक भी जाते हो
सेक्स का मज़ा ही आराम से एकदम चाय की चुस्की के जैसे जितने आराम से करोगे
उतना ज्यादा मज़ा बढ़ता है।
खैर जब मैंने उसके स्तन दबाये तो उसे इतने मज़ा आने लगा कि उसने मुझे जोर से
अपने बाँहों में जकड़ लिया और हम एक दूसरे को चूमते हुए ही बेड पर लेट गए और
काफी देर तक ऐसे ही पड़े रहे। अब अचानक मेरा सेल बजा और मेरा ध्यान टूटा, और
किसी जरुरी काम की वजह से जाना पड़ गया।
मैं वहाँ से चला आया।
कहते हैं ना जो होता है अच्छे के लिए होता है !
मेरा काम हो जाने के बाद मैंने उसे काल करके पूछा- क्या कर रही हो?
तो उसने मुझे बोला- आज रात को मम्मी-पापा कोई नहीं है, आप आ जाओ ! यहाँ आओ
प्लीज़ !
मैंने बोला- ठीक है !
मैंने अपने घर जाकर खाना खाया और अपनी किताबें और एक कंडोम का पैकेट लेकर
उसके घर चल दिया। जब उसके घर पहुंचा तो वो खाना बना रही थी। वो मुझसे खाना
खाने का बोलने लगी।
मैंने बोला- नहीं, मैं खाकर आया हूँ !
तो बोलने लगी- नहीं थोड़ा तो खाना पड़ेगा ! मैं आपके लिए बना रही हूँ !
फिर उसके इतना कहने पर मैंने बोला- ठीक है, थोड़ा खा लूँगा !
जब खाना बन गया तो उसने बोला- मैं नहा कर आती हूँ !
तो मैंने सोचा- चलो, मैं भी साथ मैं ही नहा लेता हूँ !
और उसके साथ बाथरूम में चला गया और पहले तो कपड़े उतारे फिर शॉवर चालू किया।
हम दोनों ने साथ में शॉवर लिया। नहाने के बाद मैंने उसे अपनी बाँहों में
उठाया और बेड पर ले जाकर लेटा दिया। उसका पूरा शरीर तौलिए से पौंछ दिया। फिर
रसोई में जाकर फ़्रिज से एक बर्फ़ का टुकड़ा ले आया और उसके टॉप पर बर्फ फेरने
लगा और उसका पानी चूसने लगा और धीरे-धीरे नीचे उतरने लगा- स्तन, फिर नाभि !
सबसे ज्यादा मज़ा यहीं आता है दोस्तो ! नाभि में पानी भर के पिया। जब नीचे
उतरा तो उसकी चूत की गर्मी से बर्फ १० सेकंड में ही पानी हो गई। मैं उसकी चूत
को चाटने लगा। क्या टेस्ट था दोस्तो ! आप सोच भी नहीं सकते हो ! उस समय
निकलने वाली आवाजें इतना मज़ा देती हैं कि पूछो मत ! जोश चार गुना बढ़ जाता है।
सेक्स ऐसी चीज़ है जिसे आप जब तक खुद सही ढंग से करोगे नहीं तो मज़ा नहीं आएगा।
मैंने उसे इतना ज्यादा चाट चाट कर बेहाल कर दिया था कि वो बस आऽऽआ अह करती रह
गई, लेटे-लेटे आहें ही भरती रही और मेरे सर के बालों को नोचने लगी। कुछ ही
देर में वो स्खलित हो गई। मैंने उसके पूरे रतिरस को चूस लिया और उसके बगल से
जाकर लेट गया।
फिर वो उठी, मेरे लंड को हाथ में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी और उसके
बाद उसे लॉलीपोप के जैसे चूसने लगी। धीरे धीरे लंड महाराज अपनी असली औकात में
आ गए और फनफनाने लगे खड़े होकर !
वो एकदम से डर गई- ये क्या हो गया ? Hindi Chudai Kahani
मैंने उसे प्यार से समझाया कि कुछ नहीं, यही तो मज़ा है इसका असली ! पगली ! और
उसे चूसने के लिए कहता रहा। जब बहुत देर हो गई तो मैंने उसको बगल से लिटाया
और उसके पैरों को अपने कंधे पर रखने के बाद अपने लंड पर एक कंडोम चढ़ाया। फिर
उसकी चूत पर थोड़ी देर तक धीरे धीरे ऊपर ही रगड़ता रहा तो वो कराहने लगी-
आह्ह्ह प्ल्ज्ज्ज़ अब डाल दो ! रहा नहीं जाता है मुझसे ! मैंने कहा- सब्र करो
जानू ! सब्र का फल मीठा होता है !
और एकदम से एक तगड़ा शॉट लगा दिया। वो इसके लिए अभी तैयार नहीं थी और एकदम से
दर्द के मारे बहुत जोर से चीख पड़ी- आआह्छ !
मैंने जल्दी से उसके होटों को अपने Hindi Chudai Kahani होठों से दबा लिया और थोड़ी देर आराम से
पड़ा रहा। थोड़ी देर के बाद उसने जब सांस ली तो मैंने एक और तगड़ा झटका लगा
दिया और उसकी चीख निकल गई- आआआअह्ह्ह्ह माआआआ !
उसकी हालत ऐसी हो गई थी कि उसकी आँखों से आंसू निकलने लगे।
मैंने कहा- यदि कोई तकलीफ़ है तो रहने दो !
तो बोली- नहीं, आराम से करो बस !
मैंने धीरे-धीरे करके अपना ७″ का लंड पूरा अंदर कर दिया और हर एक शॉट के मज़े
लेने लग गया- अ आया !
उससे पूछा- क्यूँ तुम्हें भी मज़ा आ रहा है ना?
तो बोली- जान ! हाँ ऐसा मज़ा कभी नहीं आया आआअह्ह्ह्ह्ह ! ऐसा सुख किसी चीज़
में नहीं है, जानू, तुम बहुत ही बढ़िया कर रहे हो !
और धीरे धीरे करके मैंने स्पीड बढ़ा दी और करीब 15 मिनट के बाद मैं स्खलित हो
गया। इतनी देर में वो भी दो बार डिस्चार्ज हो चुकी थी। फिर मैं उसे अपनी
बाँहों में जकड़ कर बगल में लेट गया और थोड़ी खामोशी का मज़ा लेने लग गया। फिर
मैंने उसे जोर से चूम लिया गालों पर ! उसने भी लेटे-लेटे मेरी छाती के बालों
में ऊँगली घुमाना चालू कर दी।
दोस्तो, ऐसा लग रहा था जैसे कि मैं जन्नत में घूम रहा हूँ।
जब हम बिस्तर से उठे तो बिस्तर पर खून के लाल-लाल निशान बन गए थे। वो देख कर
डर गई।
उसके बाद हम एक साथ नहाये, खाना खाया और फिर लेट गए। उस रात मैंने उसे 3-4
बार चोदा। सुबह जब मैं जाने लगा तो उसने मुझे किस दिया और बोलने लगी- आगे जब
भी मौका मिलेगा हम यह करेंगे !
अब मेरी पढ़ाई ख़त्म हो चुकी है, मैंने उसके साथ कई बार सेक्स किया और किस्मत
कि उसके बाद मुझे दो और लड़कियों से सेक्स करने का मौका मिला, कभी किसी और
दिन सुनाऊंगा उनकी बाते... Hindi Chudai Kahani
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