All Golpo Are Fake And Dream Of Writer, Do Not Try It In Your Life

अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya

बात घर की है पता नहीं कि बतानी चाहिए या नहीं फिर भी बता रहा हूँ पता नहीं क्यों.. मैं भी नहीं जानता.. यह बात पिछले साल की है.. मैं देव  में जॉब के लिए अपने कजिन भाई के घर दिल्ली आया था। मेरे भाई अच्छी कंपनी में मैनेजर हैं… लेकिन उन्होंने कभी मेरे जॉब के लिए कभी किसी से बात नहीं की। मेरी भाभी बहुत ही अच्छी हैं.. मैंने कभी उनको गन्दी नज़र से नहीं देखा है। भाई-भाभी दो कमरे के फ्लैट में रहते हैं। मैं अपने भाई से बहुत डरता हूँ.. कभी उनसे ज्यादा बात भी नहीं करता।

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अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya

बस काम की बात या फिर जब कोई क्रिकेट मैच आता है तब.. इसलिए अपनी भाभी से भी ज्यादा बात नहीं करता था। भाई रोज सुबह 9:30 पर कंपनी के लिए निकल जाते और रात को 8 बजे वापस आते थे। मैं भी सुबह इंटरव्यू के लिए निकल जाता था। मैं अपने टाइम पास के लिए शाम को पार्क में चला जाता था या फिर ऐसे ही बाजार घूमने चला जाता था।

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अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya


भाभी घर के काम में व्यस्त रहती थीं.. पर हम दोनों लोग दोपहर में खाना साथ में खाते थे.. तभी उनसे बात होती थी कि मेरी जॉब का क्या चल रहा है… इंटरव्यू कैसे हो रहे हैं.. और भी इधर-उधर की बातें होती थीं।

उन्होंने बोला- पास वाले घर में जो फैमिली है। उनकी बेटी भी  में जॉब करती है तुम कहो.. तो मैं उसको बात कर लूँ।

मैंने मना कर दिया- नहीं भाभी.. भैया को बुरा लगेगा।

उन्होंने कहा- ठीक है..

अब मेरी भी उम्र 23 साल थी.. तो इच्छाएं तो मेरे अन्दर भी उठती थीं… तो मैं ‘अपना हाथ जगन्नाथ’ वाला हिसाब से काम चला लेता था।


एक दिन मैं भाई-भाभी के साथ पार्टी में गया.. वहाँ से वापस आते वक्त भाई बोले- मैं कार पार्क करके आता हूँ.. तुम दोनों घर चलो..

हम दोनों कार से उतर कर चलने लगे.. जब रोड क्रॉस करनी थी तो भाभी ने मेरा हाथ पकड़ लिया.. पता नहीं क्यों पूरे जिस्म में एक अजीब सी सिहरन दौड़ गई। सड़क पार करने के बाद उन्होंने मेरा हाथ छोड़ा और फिर हम साथ चलने लगे।

हम घर पहुँचे तो भाभी ने कहा- बालकनी से कपड़े उतार लाओ..
यह कह कर वो अपने कमरे में चली गईं।

मैंने अपने कपड़े बदले और बाहर से कपड़े उतारने चला गया। उनमें भाभी की ब्रा और पैन्टी भी थी। मैंने चुपके से दोनों को सूँघा.. उनमें एक अजीब सी महक थी।

मैंने कपड़े लाकर रख दिए और अपने कमरे में चला गया। भैया भी आकर अपने कमरे में चले गए। मैंने लाइट बंद की और भाभी को सोच कर मुठ मारने लगा।
यह पहली बार था.. जब मैंने भाभी के बारे में सोचा था।

अगले दिन फिर सब कुछ वैसा ही रहा इस तरह 3-4 दिन निकल गए।

एक दिन भाई ने बताया- मेरी कंपनी एक हफ्ते की ट्रेनिंग के लिए मुझको पुणे भेज रही है..

उनके साथ भाभी भी जाना चाहती थीं.. पर भाई ने मना कर दिया। पता नहीं क्यों.. तब उस दिन मुझे लगा कि दोनों के बीच में सब कुछ सही नहीं है। फिर एक दिन भाई चले गए।

मैं बैठ कर टीवी देख रहा था, भाभी आईं और पूछा- खाने में क्या खाओगे?

मैंने कहा- जो आपको अच्छा लगे.. बना लो.. मैं सब कुछ खा लेता हूँ।

उन्होंने कहा- मैंने कभी अपनी इच्छा का कुछ नहीं बनाया.. तुम बता दो.. क्या खाना है?

मैंने कहा- नहीं.. आज तो फिर आपकी पसंद का खाना खायेंगे।

वो भी खुश हो गईं। मुझे आए हुए 23 दिन हो गए थे। मैंने आज पहली बार उनको खुश देखा था.. फिर भाभी ने चिली-पनीर.. अरहर की दाल और चावल बनाए।

हम दोनों ने खाना खाया.. थोड़ी देर बातें की.. फिर अपने-अपने कमरे में सोने चले गए।

पता नहीं क्यों.. उस दिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैं कुछ देर बाद उठा तो देखा भाभी का कमरा बंद है.. स्टोर में कपड़े पड़े हुए थे। मैंने वहाँ से भाभी की ब्रा और पैन्टी उठा कर बाथरूम में गया और लौड़े से उनके ब्रा-पैन्टी को लगा कर मुठ मारने लगा। माल उनकी ब्रा-पैन्टी में छोड़ दिया और फिर आकर सो गया।

मैं उनकी ब्रा और पैन्टी को वहीं बाथरूम में भूल गया था।

अगले दिन मेरा कोई इंटरव्यू नहीं था.. तो मैं देर तक सोता रहा। सुबह भाभी ने मुझे उठाया और पूछा- मैंने बाहर से कपड़े उतार कर कहाँ रखे हैं.. मिल नहीं रहे हैं।

मैं समझ गया कि ब्रा और पैन्टी ही नहीं मिल रही होगी.. जो मैं बाथरूम में भूल आया था।

अब मेरी तो हालत ख़राब हो गई। मैं जल्दी से बाथरूम में गया.. वहाँ से ब्रा और पैन्टी उठा कर उनके कपड़ों में रख दी और बता दिया- कपड़े वहाँ रखे तो हैं।

वो पहले ही वहाँ देख चुकी थीं.. उन्होंने बोला- सारे कपड़े नहीं हैं.. तुमने सारे कपड़े उतारे थे?

फिर मैं सारे कपड़े एक-एक करके उठाने लगा.. तो उनको अपने ब्रा-पैन्टी दिख गए।

तो उन्होंने बोला- चलो.. मैं देखती हूँ… तुम रहने दो।

मैंने चुपके से देखा.. उन्होंने अपनी ब्रा और पैन्टी आर उठाई और नहाने चली गईं। उनके नहाने के बाद मैं नहाने गया और फिर एक बार मुठ मारी। फिर हम दोनों ने नाश्ता किया और बातें करने लगे।

मुझे लगा भाभी बहुत अकेली हैं.. उनके साथ बात करने वाला कोई नहीं है। हम दोनों खूब हँसी-मजाक करते.. कब समय निकल जाता.. पता ही नहीं चलता।

अब मैं भाभी के काम में हाथ बंटाने लगा था। उनका काम भी जल्दी हो जाता और मेरा भी टाइम पास हो जाता था। फिर लंच में भाभी की पसंद का खाना खाया। अब तक वो भी मुझसे बात करने में थोड़ा खुल गई थीं।

उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?

मैंने मना कर दिया, उन्होंने पूछा- क्यों?

मैंने बोला- ऐसे ही.. कभी सोचा ही नहीं इस बारे में..

शाम को मैं भाभी के साथ बाजार गया तो उन्होंने बाजार में एक लड़की की तरफ इशारा किया- वो लड़की कैसी लगी?

मैंने बोला- ठीक है.. क्यों?

बोलीं- तुमको ऐसी लड़की चाहिए?

मैं शर्मा गया और बोला- छोड़ो.. आप भी क्या बात लेकर बैठी हो..

घर वापस आते वक्त रोड क्रॉस करने पर उन्होंने मेरा हाथ फिर पकड़ा और रोड क्रॉस की। फिर मुझे एक अजीब सी ख़ुशी मिली.. घर आकर उनसे फिर खूब बातें की। वो बहुत खुश थीं.. इतना जैसे अपने किसी फ्रेंड के साथ हों.. मुझे भी उनका साथ अच्छा लगने लगा था। फिर खाना खाकर हम अपने-अपने कमरों में सोने चले गए..

मैंने आज भी चुपके से भाभी की ब्रा-पैन्टी उठा ली.. और अपने कमरे में आकर मुठ मार कर सो गया।
भाभी का जन्म दिन

रात को एक बजे फ़ोन की घन्टी बजी.. मेरी आँख खुल गई। जब तक मैं बाहर आता.. भाभी ने फ़ोन उठा लिया.. वो भाई का कॉल था। आज भाभी का जन्मदिन था भैया ने उनको विश किया और कॉल कट कर दिया। भाभी सोने चली गईं।

मैं सुबह उठा तो मैंने रात वाले फ़ोन के बाबत पूछा.. तो उन्होंने बताया- भाई का कॉल था.. आज मेरा बर्थडे है.. तो वो मुझे विश करने के लिए फोन कर रहे थे।

मैंने भी उनको हाथ मिला कर विश किया, मैंने पार्टी के लिए बोला.. तो उन्होंने कहा- ठीक है.. बताओ.. कहाँ चलना है?

मैंने कहा- यहीं घर पर ही करते हैं।

वो भी मान गईं। मैं केक लेने बाजार गया और खाना आर्डर किया.. थोड़ी देर में सारा सामान आ गया.. भाभी केक काटा और मुझे खिलाया.. फिर मैंने थोड़ा केक लेकर उनके पूरे मुँह पर लगा दिया।

फिर हम दोनों डांस करने लगे.. डांस करते-करते बहुत बार मैं उनके मम्मों से लग जाता था.. कभी उनके चूतड़ों पर हाथ रख देता था.. पर उनको बुरा नहीं लग रहा था।

शायद उन्होंने ये सब नोटिस नहीं किया फिर थक कर हम दोनों बैठ गए। वो इतना थक गई थीं कि वो मेरे कंधे पर सर रख कर बातें करने लगीं.. मुझे भी अच्छा लग रहा था।

फिर उन्होंने मेरे गाल पर चुम्बन किया और बोलीं- ये मेरा सबसे अच्छा जन्मदिन रहा है।

मैंने भी अपने दोनों हाथों से उनके गालों को पकड़ कर चुम्बन किया और बोला-

उन्होंने भी अचानक से मेरे गालों पर 3-4 चुम्बन कर दिया और एक चुम्बन मेरे होंठों पर किया।

फिर एकदम से पीछे हटीं और बोलीं- चलो अब खाना खा लें.. बहुत भूख लगी है..

मेरी तो भूख क्या.. दिमाग का फ्यूज ही उड़ गया था। अब मैं जानबूझ कर भाभी से चिपक जाता था.. वो भी कुछ नहीं कहती थीं।

खाने के बाद हम लोग अपने-अपने कमरे में जाकर लेट गए। मैंने बाहर से जाकर उनकी ब्रा उठाई और ल़ाकर मुठ मारने लगा और मार कर सो गया।

शाम को उन्होंने मुझे ब्रा को कपड़ों में रखते हुए देख लिया, वो बोलीं- क्या कर रहे हो?

मैं डर गया.. बोला- कुछ नहीं.. अपने कपड़े लेने आया था।

वो पीछे से आई और अपनी ब्रा उठा कर देखने लगीं.. मेरा कुछ माल उसमें लगा हुआ था… उन्होंने एक जोर का चांटा मेरे मुँह पर लगाया।

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मैंने उनके पैर पकड़े और सॉरी बोला और कहा- भइया को मत बताना.. दोबारा ऐसा नहीं करूँगा।

मैं उनसे नज़र नहीं मिला पा रहा था। मुझे भी बहुत बुरा लग रहा था। मैंने आज उनके जन्मदिन पर उनका मूड ख़राब कर दिया था।

रात को भाभी ने खाने के लिए बुलाया मैंने मना कर दिया- आप खा लो.. मुझे भूख नहीं लगी।

वो मेरे कमरे में आईं और बोलीं- क्या हुआ?

मैंने कहा- कुछ नहीं।

वो बोलीं- सॉरी.. मुझे तुम्हें मारना नहीं चाहिए था.. अब तुम बड़े हो गए हो.. चलो अब खाना खा लो।

मैंने फिर मना कर दिया।


वो बोलीं- अगर नहीं खाओगे तो मैं उनसे जरूर बता दूंगी।

तब मैंने उनकी तरफ देखा.. तो वो मुस्कुरा रही थीं। मैं उठा और खाना खाने चल दिया। फिर उन्होंने मूड चेंज करने के बोला- मेरा बर्थडे गिफ्ट कहाँ है?

मैंने बोला- बताओ आपको क्या चाहिए?

वो बोलीं- सोच लो.. दे पाओगे?

मैं आप माँगो तो.. अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya

बोलीं- ठीक है.. अभी खाने के बाद बताती हूँ।

‘ठीक है..’ उन्होंने कहा- आज तुम मेरे कमरे में ही सोओगे।

मेरी तो हालत ख़राब हो गई.. वो बोलीं- क्या हुआ.. डरो नहीं.. मैं तुमको खा नहीं जाऊँगी।

वो मेरे पीछे से आईं और मुझे चुम्बन करने लगीं। मैं हड़बड़ा कर खड़ा हो गया.. बोलीं- क्या हुआ.. सपने में सब कर सकते हो.. रियल में कुछ नहीं…

वो मेरे पास आईं और मेरे होंठों पर चुम्बन करने लगीं। अब मैंने भी उनके चुम्बन का जबाव चुम्बन से किया और उनको जोरों से चुम्बन करने लगा। एक मिनट की चूमा-चाटी के बाद हम अलग हो गए। अब वो टेबल का सारा सामान रसोई में रखने चली गईं। मैं अपने कमरे में आ गया।

वो पीछे से आईं और बोलीं- अभी मुझे मेरा गिफ्ट ‘पूरा’ नहीं मिला है।




अब तो मैं समझ गया कि वो क्या चाहती हैं। फिर भी मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी। वो मेरे पास आईं.. तो मैं खड़ा हो गया। वो फिर मुझे चुम्बन करने लगीं और बोलीं- मुझे गोद में उठा कर मेरे कमरे में ले चलो।

मैंने वैसे ही किया.. वो मुझे बेतहाशा चूमे जा रही थीं। मैं भी बस उनको चुम्बन कर रहा था।
कमरे में आते ही वो गोद से नीचे उतर गईं और कमरे की लाइट बंद करके नाईट बल्ब जला दिया।

मैं उनके बगल में खड़ा हुआ था.. वो बोलीं- अब खड़े ही रहोगे?

मैं चुप था।

बोलीं- पहले कभी किया है?

मैंने कहा- नहीं..

वो हँसी और बोलीं- कोई पिक्चर भी नहीं देखी क्या?

मैंने बोला- देखी है..

बोलीं- जैसे उसमें करते हैं.. वैसे ही करना है।

मेरी फिर भी हिम्मत नहीं हो रही थी.. वो पास आईं और चुम्बन करते हुए मेरा टी-शर्ट उतार दिया.. फिर पाजामा में पीछे से हाथ डाल कर मेरी गाण्ड दबा दी।

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मैंने भी अब उनके होंठों को चुम्बन किया और उनके मम्मों दबाने लगा। मैंने उनका कुरता उतार दिया और उनकी ब्रा के ऊपर से ही उनको मम्मों को दबाने लगा। फिर मैंने उनकी साड़ी उतार कर पेट कर चुम्बन किया और पेटीकोट का नाड़ा खोल दिया।

वो नीले रंग की पैन्टी और सफ़ेद ब्रा में थीं। मैं करीब 5 मिनट तक उनको होंठों और गालों पर चुम्बन करता रहा।

अब उन्होंने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरा अंडरवियर उतार कर मेरे पेट पर बैठ गईं। अब उन्होंने अपनी ब्रा खोल दी.. मैंने ऊपर उठ कर उनके मम्मों को चूसने लगा.. जो मैंने कभी सपने में नहीं सोचा था.. वो आज सब मेरे साथ हो रहा था। भाभी को भी मजा आ रहा था। अब मैंने उनको नीचे लिटा दिया और मम्मों को चूमते हुए नीचे आने लगा।

मैंने उनकी पैन्टी उतार दी, उफ्फ्फ.. क्या चूत थी… एकदम चिकनी.. एक भी बाल नहीं.. मैंने चूत पर चुम्बन किया।

तो वो बोलीं- ओह्ह.. और करो..अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya
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फिर मैंने उनकी टाँगें फैला कर चूत चाटनी शुरू कर दी। वो ‘सी..सी..सी.. आह्ह… अहह..’ की आवाजें कर रही थीं। मैंने दोनों हाथों से उनके मम्मे दबाए हुए थे और चूत चाट रहा था।
अब मैंने धीरे से अपना लंड उनकी चूत पर रखा और धीरे से अन्दर करने लगा। उनको मजा आ रहा था। फिर मैंने थोड़ा और धक्का लगा कर अन्दर किया तो उनको दर्द होने लगा, बोलीं- आराम से करो..

मैं थोड़ा रुक गया और उनको चुम्बन करने लगा और एक तेज झटके से मैंने अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया।

वो चिल्ला पड़ी- आअह्ह्ह्ह… अह्ह्ह्ह… ओह्ह्ह्ह… ओह्ह… मैंने बोला था आराम से..

फिर मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाने शुरू किए। दस-पंद्रह धक्कों के बाद मैंने रफ़्तार पकड़ ली.. कुछ ही मिनटों के बाद वो कहने लगीं- बस छोड़ो अब.. बहुत दर्द हो रहा है।

वो झड़ चुकी थीं मेरा भी होने वाला था। मैंने तेजी से चुदाई करता रहा और एक झटके में झड़ गया… और उनके ऊपर ही लेट गया... अपना पूरा लंड उनकी चूत में डाल दिया - Apana poora land unakee choot mein daal diya

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