मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते यूँ तो अपनी28 साल की उम्रऔर तिन सालके रंडी केपेशे में मैंने500 जितने लंड देखेथे लेकिन जिसबूढ़े ने मुझेपर सो चोदावह एक अलगही अनुभव था, यह बूढा कुछ55 का होगा औरमैं और शालिनीजब सिटी केरेड लाईट एरियामें लटार लगारहे थे तबसे हमें देखरहा था. शालीनीमुझ से ज्यादाखुबसूरत थी औरउसके कई हाई-फाई क्लाइंटथे.
![]() |
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते |
मुझे क्लाइंट जुटाने मेंतकलीफ पड़ जातीथी क्यूंकि मैंअब करीबन 30 कीहो चली थी, सभी को 18 कीचूत चाहिए होतीहै भले हीवह खुद 81 केहों. मुझे कुछ4 चक्कर हो गयेंथे लेकिन आजभी मुझे कोईकस्टमर नहीं मिलाथा. वह बूढाअब भी वहीखड़ा था औरमुझे घूर रहाथा. मैंने उसकेपास जा केकहाँ “अंकल क्याघूर रहे होरस्ता भटक गएहो क्या.? मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
बूढ़े ने मेरीतरफ देख केकहाँ, मुझे तुमसे कुछ कामहै, पैसे उतनेही लेना जितनातुम लेती हो…और अगरतुम चाहो तोज्यादा भी देसकता हूँ. मेरीपत्नी को मरेअब 12 साल होगए हे औरमेरे से लंडकी पीड़ा बर्दास्तनहीं होती. मैंनेइस बूढ़े कोऊपर से निचेतक देखा. यहएक पतला, दुबलाऔर कमजोर दिखरहा इन्सान था. मैंने एक पलकी लिए सोचाकी क्या यहबूढा लंड उठाभी पाएगा. लेकिनफिर दुसरे हीपल मुझे ख्यालआया की मुझेभी घर काकिराया और राशनलाना है. मैंनेअंकल जी कोकहा, “चलिए अंकलजी.
“मेरा नाम अरविन्दमिश्रा है…” बूढाशायद अंकल जीनहीं कहेलवाना चाहताथा. मैंने उसबूढ़े को लेकरअपने फिक्स्ड गेस्टहॉउस के तरफचलना चालू किया. रस्ते में हीमिश्रा जी नेअपने जेब से500 का नोट निकालाऔर मुझे देदिया. मेरा रेट300 था और मैंनेउन्हें 200 वापस देनेके लिए पर्सखोला लेकिन वहबोले, “रख लोसभी…बस मुझेखुस कर देनाआज. मेरे लंडकी प्यास बहुतपूरानी है.” हमलोग रिसेप्शन सेचाबी ले केरूम में घुसेऔर अंदर जातेही मैंने कपडेउतारने के लिएहाथ बढाया लेकिनमिश्रा जी नेमुझे कहा, “अभीनहीं, पहले मुझेजी भर केप्यार कर लेनेदो.” एक पेशेवररंडी के लिएयह शब्द “प्यार” अजीब होता है, वैसे वोह हमेशाप्यार बाँट रहीहोती है लेकिनउसका प्यार वासनासे भरा होताहै.
उन्होंने मुझे अपनीबाहों में लियाऔर मेरे गलेके उपर उन्होंनेमस्त किस करदी, मुझे उनकेहोंठो से अजीबआनंद आ रहाथा. मैंने सिसकारीनिकाली और मिश्राजी का हाथमेरी कमर केइर्दगिर्द लपट ग़या. वह मेरे कमरको पकड़े मुझेगले, कंधे औरहोंठो पर चुम्मेदेने लगे. मेरीचूत तो हमेशालंड को आवकारदेने के लिएतैयार होती हैलेकिन आज मुझेचूत के अंदरअजब सी खुजलीहो रही थी. यह वही खुजलीथी, जब मैंरंडी नहीं थीऔर जिसे महेसुसकरती थी. मेरेस्तन पर मिश्राजी के हाथथे और मैंउनका लंड सहेलारही थी. मेरेआश्चर्य के बिचइस उम्र मेंभी मिश्रा जीका हथियार एकदमसे उत्तेजित होनेलगा और कुछही सेकंड्स मेंतो वह पूराखड़ा हो चूकाथा. मैंने उनकीपेंट की क्लिपखोल के लंडको बहार निकालदिया. मिश्रा अंकलनी भी मेरीब्लाउज खोल दीऔर वही मर्दानास्टाइल से मेरीब्रा की हुकखोल दी. मेरेस्तन मस्त अकड़चुके थे औरउनके निपल्स भीमस्त नुकीले बनचुके थे. मिश्राजी ने अपनेदांत मेरे स्तनपर गड़ाने चालूकिये और वोमस्त तरीके सेस्तन की चुसाईकरने लग पड़े.
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मेरा हाथ जैसेजैसे मिश्रा जीके लौड़े परघूमता था वोऔर भी बड़ाहोता जा रहाथा और कुछदेर में तोवो 9 इंच जितनातन गया. एकबूढ़े का लौड़ाइतना लम्बा भीहो सकता हैमुझे कतई अंदाजानहीं था. मिश्राजी ने अपनेस्तन चूसने केकार्यक्रम पर ब्रेकलगाईं और मुझेलंड चूसने केलिए कहा. मैंऐसे लंड नहींचुस्ती थी लेकिनयह लौड़े कासौन्दर्य और ताकतमुझे उसकी चुसाईकरने से रोकनहीं पाया. मेरेमुहं के अंदरमिश्रा जी कापूरा औजार ठूंसगया. मेरे गालदोनों तरफ सेफुले हुए लगरहे थे. मिश्राजी धैर्य सेमेरे मुहं मेंअपना लौड़ा धकेलनेलगे. दुसरे मर्दोंकी तरह वोहजरा भी मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते जल्दबाजीनहीं कर रहेथे, वरना कुछलोग तो चुदाईऐसे करते हैकी उनकी गांडमें टाइम बमलगा हों. मैंभी मिश्रा जीको ज्यादा सेज्यादा मजा देनेकी कोशिश करनेलगी.मिश्रा जीमेरी तरफ प्यारसे देख रहेथे, जैसे कोईअपनी बीवी कोचोदता हों. मुझेभी मिश्रा जीके लिए आदरहोने लगा औरमैं उनका लंडबहार निकाल केहिलाने लगी, लंड9 इंच की लम्बाईमें पूरा तनचूका था औरचौड़ाई कम सेकम ढाई इंच. मिश्रा जी नेमुझे अपने दोनोंहाथ से जांघसे उठाया. मेरेस्तन उनके कंधेके ऊपर थे. उन्होंने मुझे पलंगमें लिटाया. मैंनेअपने पर्स सेकंडोम निकाला औरउनके लंड केऊपर पहना दिया. मिश्रा जी नेमेरे टाँगे खोलदी और लौड़ेको मेरी चूतके छेद परसेट कर दिया. लौड़े की मोटाईमुझे छेद परसाफ़ महेसुस होरही थी. मिश्राजी ने जराअपनी जांघे सेझटका दिया औरमेरी चीख निकलपड़ी. बहुत लौड़ेआके इस चूतको ठोक गएलेकिन मिश्राजी लम्बेऔर चौड़े दोनोंथे.
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्रा जी एकमिनिट थोड़े रुकेऔर धीमे सेचूत चोदने लगेऔर फिर वोकभी नहीं रुके. उनका लम्बा तगड़ालौड़ा चूत कोकूट कूट केठोकता रहा. मिश्राजी मेरे स्तनऔर होंठो परअपना हाथ घुमातेथे और साथमें मेरी गांडके छेद परभी ऊँगली लेजाते थे. मिश्राजी का चुदाईकार्यक्रम कुछ 5 मिनिट तकचलता रहा इसीपोजीशन में औरफिर उन्होंने मुझेउल्टा लिटा दिया. अब वह मेरीडौगी स्टाइल मेंठुकाई करने लगे. उनका लंड इसपोजीशन में चूतकी गहराई तकजा रहा थाऔर मुझे असीमआनंद मिल रहाथा. मेरा दर्दगायब हो चूकाथा और मैंभी अपनी गांडहिला के मिश्राजी से मस्तचुद रही थी. मिश्रा जी नेझटके और भीतीव्र कर दिएँऔर वह गांडके उपर चमाटभी दे रहेथे.
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
मेरी चूतके भीतर तभीमुझे गर्म पानीका अनुभव हुआजो की मिश्राजी का एकदमघाटा वीर्य था, उनकी बात सचथी उनके लंडको बहुत समयसे चूत कासुख नहीं मिलाथा तभी तोउनके लौड़े से3 बार की चुदाईमें निकलता हैउतना वीर्य निकलगया. उन्होंने लौड़ेको धीरे सेबहार निकाला औरबाथरूम में जाके अपने लौड़ेऔर जांघो कोधो के बहारआ गए. मैंवही लेटी थी, मिश्रा जी मेरेपास आये औरउन्होंने मेरे स्तनऔर होंठो परदुबारा अपने होंठरख दिएँ. मैंएक मिनिट केबाद उठ खड़ीहुई और चूतऔर गांड धोके बहार आगई. मिश्रा जीने अपना मोबाइलनम्बर मुझे दियाऔर कहा कीवो मेरे पासरेग्युलर आयेंगे….सच कहूँतो मुझे भीमिश्रा जी जैसेलौड़ो से हीचुदना होता हैलेकिन रंडियों केपास अक्सर लोगटेस्टिंग के लिएआते है ताकिउनकी मर्दानगी सुहागरातके दिन हलकीना पड़े... मिश्राजी का लंड उठने लगा मुझे प्यार करते करते
No comments:
Post a Comment